हम जब भी घर से बाहर निकलते हैं तो इतनी जल्दी में होते हैं कि हमें ध्यान नहीं रहता है कि किस चीज पर हमारा पैर पड़ रहा है। कुछ ऐसी वस्तुओं पर भी हमारा पैर पड़ जाता है जो मंत्र से अभिशप्त की गई होती है। इन पर पैर रखने या लांघने से इनकी नकारात्मक ऊर्जा हमें प्रभावित करने लगती है और अच्छी भली किस्मत भी दुर्भाग्य में बदल जाती है। वहीं दूसरी पुराणों में कहा गया हैं कि हमारे जीवन में वास्तु का गहरा सम्बन्ध होता है लेकिन इनसे जुड़ी कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो हमारे लिए शुभ और अशुभ होती हैं।
अक्सर हमें हमारे बड़े- बुज़ुर्ग कहा करते हैं कि सड़क पर चलते समय कुछ चीजों से दूर रहना चाहिए। उनका कहना ठीक रहता है, वर्ना ये चीजे हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण साबित हो सकती हैं। विष्णु पुराण में बताया गया है कि रास्ते में चलते समय किन वस्तुओं से दूर रहना चाहिए, अन्यथा परेशानियों और दुखों का सामना करना पड़ सकता है, इन चीजों से हमारी पवित्रता भी नष्ट हो जाती है।
अक्सर हमें हमारे बड़े- बुज़ुर्ग कहा करते हैं कि सड़क पर चलते समय कुछ चीजों से दूर रहना चाहिए। उनका कहना ठीक रहता है, वर्ना ये चीजे हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण साबित हो सकती हैं। विष्णु पुराण में बताया गया है कि रास्ते में चलते समय किन वस्तुओं से दूर रहना चाहिए, अन्यथा परेशानियों और दुखों का सामना करना पड़ सकता है, इन चीजों से हमारी पवित्रता भी नष्ट हो जाती है।
अपवित्र वस्तु या गंदे कपड़े
यदि रास्ते में किसी भी प्रकार की अपवित्र वस्तु (गंदगी) दिखाई देती है तो उससे दूर रहकर रास्ता पार करना चाहिए। पूजन में जाते समय पवित्रता बनी रहे, इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही अगर आप किसी खास काम से जा रहे हैं और आपको रास्ते में किसी प्रकार के गंदे कपड़े दिखे तो उससे दूर होकर ही जाएं। इन बातों का अक्सर हमारे जीवन से ताल्लुक हेाता हैं।
स्नान के कारण फैला हुआ पानी
यदि हम कहीं जा रहे हैं और रास्ते में किसी व्यक्ति के स्नान के बाद फैला हुआ पानी दिखाई दे रहा है तो उस पानी से दूर होकर रास्ता पार करना चाहिए। स्नान के बाद फैला हुआ पानी गंदा और अपवित्र होता है। इस पानी के संपर्क में आने से हमारी पवित्रता नष्ट हो जाती है।
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नींबू और मिर्च
तंत्र में नींबू और मिर्च को कई टोटके करने में प्रयोग किया जाता है। वैसे भी घर तथा दुकान/ प्रतिष्ठानों के मुख्य द्वार पर नींबू मिर्ची की लड़ी लटकाई जाती है जिसे बाद में रोड़ पर फेंक दिया जाता है। इस तरह प्रयोग किए गए नींबू-मिर्च में नकारात्मक ऊर्जा होती हैं जो किसी को भी पीड़ा तथा दुर्भाग्य का शिकार बना सकती हैं। अतः रोड़ पर जब भी आप उन्हें देखें तो दूर से ही निकल लें।
हवन की राख
यज्ञ तथा हवन में बची हुई राख को भी सड़क या पेड़-पौधों में डाल देते हैं। इसे भी नहीं लांघना चाहिए और न ही इस पर पैर रखना चाहिए। ऐसा करना आपके लिए दुर्भाग्य ला सकता है। अतः इससे बचकर चलें।
लौंग
तंत्र में लौंग को वशीकरण तथा भूत-प्रेतों को वश में करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यदि आप सड़क पर कोई लौंग पड़ी हुई देखें तो भूल से भी उस पर पैर न रखें। ऐसा करना आपके लिए अहितकर हो सकता है।
भस्म यानी राख
हवन की राख पवित्र होती है क्योंकि इसमें तंत्र मंत्र की शक्तियों का समावेश होता हैं,लेकिन इस पर गलती से भी पैर लगना अशुभ माना जाता है। जब यज्ञ-हवन जैसे पूजन कर्म पूर्ण हो जाते हैं तो उससे भस्म (राख) प्राप्त होती है। यदि रास्ते में ऐसी भस्म दिखाई दे तो इससे भी दूर होकर ही निकलना चाहिए।
पान या पान के पत्ते पर रखा हुआ लड्डू, बताशा आदि
ज्योतिष में भी पान को कई तंत्र प्रयोग तथा टोने-टोटकों में उपयोग किया जाता है। प्रयोग के बाद पान या पान के साथ लौंग, बताशा या लड्डू को भी सड़क पर रख दिया जाता है। जब भी कोई इस पर पैर रखता है तो टोने टोटकों में उपयोग किए गए पान की नकारात्मक ऊर्जा उस व्यक्ति पर असर करने लगती हैं।
हड्डी
वाहन चालकों की लापरवाही के चलते रोड पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं और इन दुर्घटनाओं में कई बार जानवरों की मौत हो जाती है। ऐसे में मृत प्राणी के अस्थियां रोड पर बिखरी दिखाई देती हैं तो उनसे दूर होकर रास्ता पार करना चाहिए। मृत प्राणी की अस्थियों के संपर्क में आने के बाद स्नान करना बहुत आवश्यक हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार मृत प्राणी के संपर्क में आने के बाद हम अपवित्र हो जाते हैं, इसी वजह से किसी शव यात्रा में शामिल होने के तुरंत बाद स्नान करना आवश्यक बताया गया है। अगर पैदल चल रहे है या फिर वाहन चला रहे है तो इन हड्डियों से दूरी ही बनाये रखें।कहीं आप गलती से इन जानवरों की हड्डियों को छू जाते है तो इसके बाद नहाना ना भूलें।
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कांटें
आमतौर पर यदि रास्ते में कहीं कांटें दिखाई देते हैं तो हमें दूर होकर निकलना चाहिए, अन्यथा पैरों में कांटें चुभ सकते हैं। यदि संभव हो सके तो रास्ते से कांटें हटाने के प्रयास करना चाहिए, ताकि दूसरों को कांटों के कारण परेशानियों का सामना ना करना पड़े।