जानिये किस देवता की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए !!


हिंदू धर्म में पूजा-अर्चना के साथ परिक्रमा का भी बहुत महत्व है. शास्त्रानुसार परिक्रमा करने से मनुष्य को अक्षय पुण्य प्राप्त होता है अौर पाप नष्ट होते हैं. परिक्रमा नंगे पाव की जाती है. परिक्रमा लगाते हुए देवी-देवता की पीठ की तरफ पहुंचने पर उन्हें प्रणाम करना चाहिए. परिक्रमा अधूरी करने से पूर्ण फल नहीं मिलता. आज हम आपको बताते है किस देवता की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए.

परिक्रमा के समय करें इस मंत्र का उच्चारण-. “यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च। तानि सवार्णि नश्यन्तु प्रदक्षिणे पदे-पदे।।” अर्थात: मेरे द्वारा जाने-अनजाने अौर पिछले जन्मों में किए सारे पाप इस परिक्रमा से समाप्त हो जाएं.

ये भी पढ़िए : इन चार भगवानो की मूर्ति घर में रखना होता हैं अशुभ
  • श्री राम भक्त हनुमान की तीन परिक्रमा करनी चाहिए.
  • शिवलिंग की आधी परिक्रमा की जाती है क्यूंकि भगवान शिव को चढ़ाया हुआ जल जिस अोर से निकलता वही से वापिस हो जाना चाहिए. उस जल को लांघना नहीं चाहिए.
  • देवी माँ की तीन परिक्रमा करनी चाहिए.
  • श्री कृष्ण की चार परिक्रमा करने से पुण्य प्राप्त होता हैै.
  • भगवान विष्णु की चार परिक्रमा करना शुभ होता है.
  • भगवान श्री राम की चार परिक्रमा करनी चाहिए.
  • श्री गणेश जी की तीन परिक्रमा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं अौर कार्य सिद्ध होते है.
  • भैरव भगवान की तीन परिक्रमा की जाती हैं.
  • शनि भगवान की सात परिक्रमा करनी चाहिए.
  • सूर्य भगवान की सात परिक्रमा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
  • पीपल के वृक्ष में 33 करोड़ देवी-देवताअों का वास होने से इसे बहुत पवित्र माना जाता है. इसकी सात बार परिक्रमा करने से शनि दोष व अन्य ग्रहों के दोष नष्ट होते हैं.

एक टिप्पणी भेजें

यहाँ पर आपको मिलती है हेल्थ न्यूज, डेली हेल्थ टिप्स और ताजा स्वास्थ्य जानकारियां। इसके साथ ही जीवनशैली और चिकित्सा जगत में होने वाली नयी खोजों से अवगत भी कराते हैं हम।