आज हम आपको वास्तुशास्त्र में बताए गए दरवाजे से सम्बंधित दोष और उनसे होने वाली परेशानियों के बारे में बतायेंगे वास्तु शास्त्र में घर निर्माण से लेकर घर के मुख्य द्वार की बनावट और प्रत्येक चीज़ के लिए कुछ निर्देश दिए गए हैं जिन्हें अपनाने से हमें जीवन के प्रत्येक छेत्र में लाभ मिलता है इसे दिशा में आगे बढ़ते हुए आज हम आपको घर के दरवाजों से सम्बंधित कुछ खास बातें बताएँगे जिन्हें शायद आप नहीं जानते होंगे :
2. तिरछा या टेड़ा दरवाजा, जिन लोगों के घर के दरवाजे सीलन के कारण तिरछे या टेड़े हो जाते हैं उन्हें अपने घर के दरवाजों को तुरंत बदलवा देना चाहिए वास्तु शास्त्र में ऐसे दरवाजों को कुल नाशक बताया गया है.
3. चौखट की नाप से बड़ा दरवाजा हो तो यह भी हानिकारक होता है ऐसे परिवार को प्रशासन की ओर से सदैव कोई न कोई परेशानी बनी रहती है इसलिए यदि घर में कोई दरवाजा चौखट से थोड़ा बड़ा है तो उसे शीघ्र ही सही करवाएं.
4. चौखट की नाप से छोटा दरवाजा हो तो यह भी हानिकारक होता है जिनके घर में चौखट से छोटा दरवाजा होता है उनमे सामान्यतः असुरक्षा की भावना पायी जाती है इस प्रकार के दरवाजे सदैव रोगों और चोरों को आमंत्रित करते हैं इसलिए जो दरवाजे चौखट की माप से काफी छोटे हों उन्हें शीघ्र बदलवाएं.
5. घर के मुख्य दरवाजे में दरारें और टूट फूट बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए घर का मुख्य द्वार सदैव सुन्दर और मजबूत होना चाहिए मजबूत और सुन्दर मुख्य द्वार जीवन मैं प्रतिष्ठा दिलवाते हैं.
6. घर के मुख्य द्वार के दरवाजे में सदैव दो पल्ले होने चाहिए ऐसा करने से गृह स्वामी की आयु में वृद्धि होती है घर के अन्दर के कमरों में एक पल्ले वाला दरवाजा लगाया जा सकता है.
7. घर के मुख्य द्वार का दरवाज़ा सदैव अन्दर की ओर खुलना चाहिए बाहर की ओर खुलने वाला दरवाजा शोक समाचार ज्यादा सुनवाता है.
8. मुख्य द्वार हो या फिर घर के अन्दर के द्वार इनके बिलकुल सामने कोई चीज़ नही होनी चाहिए दरवाजों के सामने का स्थान सदैव ख़ाली रहना चाहिए.
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9. घर के दरवाजे बंद या खुलते समय चू-चू की आवाजें बिल्कुल नही आनी चाहिए ऐसा होने से परिवार में बिना मतलब क्लेश बढ़ता है.