क्या आप जानते हैं स्वस्थ रहने के लिए रोना कितना जरूरी है


जिस प्रकार हंसना हमारे लिए अच्छा है वैसे ही कभी-कभी रोना भी हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। डाक्टरों का कहना है कि आंसू हमारे दुख और सुख की पहचान होते हैं जो कि लोगों की भावनाओं को सामने लाते हैं। आंसू हंसने से भी निकल सकते हैं और रोने से भी। यह इंसान के मानसिक स्थिति को प्रकट करते है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आंसू की प्रतिक्रिया भावनाओं के हद से बढ़ जाने पर होती है इसलिए जब भावनाएं फूटने लगती है तो वो आंसू का रूप ले लेती है। इसलिए अधिक भावुक होने पर रो लेना ठीक होता है अगर हम नहीं रोयेंगे और भावनाओ को अपने अंदर ही रोकेंगे तो हमारा रक्त संचार सही से नहीं हो पायेगा। आंसुओं का सीधा संबंध मस्तिष्क से होता है। इसलिए आंसू के रूप में प्रतिक्रिया देना अच्छा होता है।

मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ ओहियो के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया की अधिकतर लोग रोने के बाद हल्का और तरोताजा महसूस करते हैं। शोध में 88.8 प्रतिशत लोग रोने के बाद हल्का महसूस करते हैं और सिर्फ 8.4 प्रतिशत लोग रोने से दुखी हुए। आमतौर पर आंसू तीन वजह से निकल सकते है – जब हम भावुक होते हैं, बैक्टीऔरियल अटैक से बचाव के लिए,कोई बाहरी चीज आंख में गिर जाने से। रिसर्च ने यह साबित किया है कि जब हम इमोशनली 5 से 6 मिनट तक रोते हैं तो हमारी बॉडी से कुछ ऐसे हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं जिनका हमारे शरीर पर काफी अच्छा असर पड़ता है। इससे हार्ट डिजीज, BP और कॉर्डियो जैसी खतरनाक बीमारियों की आशंका कम हो जाती है।

जानते है रोने से क्या हैं फायदे :

1)- आंसुओं में लिसोजाइम नामक तरल पदार्थ होता है, जो की 5-10 मिनट में 90-95 प्रतिशत बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है।

2)- आंखों के मेमब्रेन के सूखने पर रोशनी कमजोर हो जाती है। आंसू इसे सूखने नहीं देते हैं जिससे आंखों की रोशनी बनी रहती है।

3)- अगर हम तनाव में है तो रोना हमारे लिए काफी फायदेमंद होता है क्योंकि तनाव की अवस्था में रोने से आंसुओ के साथ एड्रेनोकॉर्टिकोट्रोपिक, ल्यूसीन एनसिफलिन और प्रोलैक्टिन जैसे हार्मोन निकलते हैं जिससे हमरा तनाव दूर हो जाता है।

4)- जब हमारे शरीर में मैग्नीज की मात्रा अधिक हो जाती है तो घबराहट, उलझन, थकान, गुस्सा जैसी समस्याएं होने लगती हैं। रोने से शरीर में मैग्नीज का स्तर कम होता है जिससे आपको हल्का और अच्छा महसूस होता है।

5)- शोधों में यह बात सामने आयी है कि जब हम बहुत दुखी होते हैं तो शरीर में टॉक्सिक केमिकल्स बनने लगते हैं। आंसू के रास्ते से यह जहरीले तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

6)- आंसू निकलने से स्ट्रेस काम होता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है जिससे BP ठीक रहती है।

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