प्याज़ के बीजों को सिरका में मिलकर पीसकर चटनी बनाकर इसे मिलने वाले रस को त्वचा के रोगों के उपचार में प्रयोग कर सकते है । जैसे दाद खाज खुजली व चिकेनपॉक्स जैसे रोग में भी इसका उपयोग कर सकते है क्यूंकि प्याज़ बहुत सारे सूक्ष्म जीवों के प्रभाव को रोकता है ।
जब भी दन्त का दर्द या मसूड़ों में सूजन हो तो प्याज़ के रस में नमक मिलाकर मलने से तुरंत आराम मिलता है। लाल प्याज़ बलदायक होता है जबकि सफ़ेद प्याज़ दिल के लिए अच्छा होता है प्याज़ ठंडा होता है अतः गर्मियों के दिनों में इसे कच्चा भी खाया जाता है
इससे शुगर कंट्रोल होता है सर में दर्द होने पर प्याज़ के सफ़ेद कंद के रस को मुँह में डाल कर चूसे ।
यदि पथरी से परेशान है तो प्याज़ के रस को जूस की तरह बनाकर चीनी मिलाकर पिए । इसेसुबह पीने से ज्यादा लाभ मिलता है ।
जुकाम होने पर इसके रस को नाक पर मले तथा गुड या शहद के साथ ले तो आराम मिलता है ।
कोलेस्ट्रॉल को कण्ट्रोल करने में कच्चा प्याज खाना बहुत लाभकारी है प्याज में प्रचुर मात्रा में सल्फर होने से रक्त को पतला करने का काम करता है जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो जाता है ।
कब्ज के लिए बहुत अच्छा इलाज हैं रोज एक कच्चा प्याज खाना खाने के साथ खाने से खाना अच्छा पचता हैं ।
पेट से जुड़ी बीमारियों को दूर करता हैं । प्याज़ कब्ज़ के लिए बहुत ही सरल औषधि है इसे हर रोज़ कच्चा खाने से कब्ज़ की शिकायत दूर होती है ।
टी बी जैसी बीमारिया नहीं होती हैं