हिंदू परिवारों में तुलसी की पूजा की जाती है। इसे सुख और कल्याण के तौर पर देखा जाता है लेकिन इसके साथ साथ तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। सर्दी-खांसी से लेकर कैंसर की बीमारियों में भी इसे औषधि के रूप में सेवन किया जाता है। आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिहाज से लाभदायक बताया गया है। तुलसी की जड़, उसकी शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना अपना अलग महत्व है।
हमने सुबह खाली पेट तुलसी के पांच पत्ती का सेवन करना है और इसके सेवन से आपको जो फायदे होंगे वो कुछ इस प्रकार हैं।
चेहरे की चमक के लिए :-
त्वचा संबंधी बीमारियों में अगर आप तरह तरह के उपयोग करके परेशान हो चुके है फिर भी आपको कोई आराम नहीं है तो सुबह खाली पेट तुलसी का खाकर आप अपने सभी त्वचा संबंधी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।
कैंसर के इलाज के लिए :-
वैसे तो विश्व भर में कैंसर को नष्ट करने के लिए अब तक कोई दवाई नहीं बन पायी लेकिन आयुर्वेद अनुसार तुलसी को अगर खाली पेट सेवन किया जाये तो कैंसर कुछ दिनों में नष्ट हो जाता है। इसीलिए कैंसर होने पर या कैंसर से बचे रहने के लिए आयुर्वेद में प्रतिदिन खाली पेट तुलसी के सेवन करने के बात कही गयी है।
सांस की दुर्गन्ध दूर करने के लिए :-
सांस की दुर्गन्ध को दूर करने में भी तुलसी काफी लाभदायक होते हैं और आयुर्वेदिक होने की वजह से इसका कोई नुकसान भी नहीं होता है। अगर आपके मुंह से बदबू हमेशा आती है तो सुबह खाली पेट तुलसी के सेवन से सांस की दुर्गन्ध की यह समस्या समाप्त हो जाती हैं।
चोट लग जाने पर :-
अगर आपको कहीं चोट लग गई हो तो तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर लगाने से चोट ठीक हो जाता है. तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो चोट को पकने नहीं देता है। अगर आप चोट पर सुबह खाली पेट तुलसी का सेवन करते है तो चोट शरीर के अंदर से ठीक होने लगती है। इसके अलावा तुलसी के पत्ते को तेल में मिलाकर लगाने से चोट में दर्द भी कम होती है।
पेट खराब पर :-
अगर आप पेट खराब होने से परेशान है और आपको पेट की यह समस्या प्रतिदिन होती है तो आप अगर सुबह खाली पेट तुलसी का सेवन करते है तो आपके पेट से संबंधित सभी समस्या समाप्त हो जाती हैं।
तनाव कम करे :-
तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में तनाव पैदा करने वाले अव गुण नष्ट होते है इसीलिए तनाव होने पर सुबह खाली पेट तुलसी का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।