खुजली की समस्‍या का आयुर्वेदिक उपचार


खुजली होना एक बहुत ही आम बात है यदि किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा खुजली हो रही है तो ये एक गंभीर समस्या हो सकती है और ज्यादातर खुजली त्वचा पर ऊपर के तरफ ही होती है. त्वचा पर खुजली चलने, दाद हो जाने, फोड़े-फुंसी हो जाने पर खुजा-खुजाकर हाल, बेहाल हो जाता है और लोगों के सामने शर्म भी आती है.खुजली होने के बहुत से कारण हो सकते है. मनुष्य की त्वचा बहुत ही सेंसिटिव (संवेदनशील) होती है. खुजली की समस्‍या का आयुर्वेदिक उपचार बहुत ही आसान और सरल है.

खुजली यानी त्वचा पर होनी वाली जलन जिससे काफी लोग परेशान रहते है. और अगर आप भी इस त्वचा या स्किन में खुजली से परेशान है और आप भी कई तरह की क्रीम्स और अंग्रेजी दवाओं का इस्तेमाल कर कर ले थक चुके है तो आप खुजली के समस्या के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में पढ़े और खुजली के कारण स्थिति यह बन जानती है की हम अपनी स्किन को नोचने पर मजबूर हो जाते है आपको लगातार अपने शरीर को खुजलाने का मन करता हो. खुजली आपके सुन्दरता वाले व्यक्तित्व को पूरी तरह से बिगाड़ सकता है. इसलिए इसका समय रहते इलाज करना चाहिए.

कई महिलयों को प्रेग्नेन्सी के दौरान भी खुजली की समस्या आ जाती है और इस समस्या को दूर करने के लिए भी कुछ उपचार है. प्रेग्नेन्सी और मेनोपॉज़ के दौरान हॉर्मोन्स में बहुत अधिक बदलाव होता है जो की खुजली का एक बड़ा कारण है. इसे आप घरेलू इलाज द्वारा ठीक नही कर सकते.  इसलिए इसके लिए यही सही होगा की आप अपने डॉक्टर से मिलकर सही ट्रीटमेंट लें.खुजली की समस्‍या का आयुर्वेदिक उपचार बहुत ही आसान और सरल है.

खुजली होने के कारण बहुत सारे है और जिसमे सबसे अहम कारण है वो है मौसम में बदलाब कई लोगो की त्वचा इतनी सेंसटिव होती है कि वो मौसम के बदलाब को सेहन नहीं कर पाती है और जिसके कारण शरीर पर खुजली होने लगती है. या फिर किसी को मौसमी एलर्जी होती है या फिर त्वचा में इन्फेक्शन के कारण भी खुजली हो सकती है. किसी दवा या मेडिसिन के दुष्परिणाम के कारण भी खुलजी हो सकती है. और जो लोगो ज्यादातर तनाव में रहते है उन्हें भी खुजली हो सकती है. किसी कीड़े के काटने या फिर फफूंद संक्रमण के कारण भी  खुजली हो सकती है. ज्यादा समय तक गिला या पानी में रहने पर भी खुजली हो सकती है किसी साबुन, कॉस्मेटिक या परफ्यूम के कारण भी खुजली हो सकता है.

खुजली की समस्‍या का आयुर्वेदिक उपचार :-   खुजली वैसे तो हाथ, पांव, सिर, गुप्तांग, ऊँगली, नाक और शरीर के अंगों में किसी भी जगह हो सकती है. और यदि खुजली शरीरी अंगो के साथ साथ बढ़ते हुए पुरे शरीर में फ़ैल जाए तो आप किसी अच्छे स्किन रोग विशेषज्ञ दिखाएँ क्योंकि स्किन रोग विशेषज्ञ के मतानुसार पेट में कीड़े होने की वजह से भी खुजली हो सकती है.

एलोवेरा एक बेहतरीन और बहुत ही अच्छा एंटीबेक्टेरिअल पौधा है. सबसे पहले आपको एक एलोवेरा लेना है और उस एलोवेरा के पत्ते को काटकर उसके के भीतर के गुद्दे को अच्छे से निकल लेना है और उस जेल या गुद्दे को अपने शरीर के उन हिस्सों में लगाना जंहा बहुत ज्यादा खुजली हो रही है यदि आप ऐसा करते है तो आपकी खुजली में राहत मिल जाएगी और आपकी खुजली कि परेशानी दूर हो जाएगी.

बेकिंग सोडा जिसका खाना बनाने में किया जाता है वो आपकी खुलजी को सही करने कि सबसे अच्छी दवा मानी गई है. बेकिंग सोडा के नियमित इस्तेमाल से खुजली ठीक हो जाएगी और शरीर में होने वाली  जलन से भी आपको बचायेगी. और इसका इस्तेमाल का करने का तरीका बहुत ही आसान है. एक चम्मच बेकिंग सोडा ले. अब उसमे थोडा सा साफ़ पानी मिलाकर उसका पेस्ट बना ले. अब उस पेस्ट को खुजली वाले स्किन पर लगाये। कुछ देर के बाद साफ़ पानी से अच्छे से धो ले. आपको राहत मिलेगी लेकिन एक बात का ध्यान रहे कटी- त्वचा पर इसे ना लगाये नहीं तो बहुत तेज जलना होगी. खुजली की समस्‍या का आयुर्वेदिक उपचार बहुत ही आसान और सरल है.

और भी कई आसान उपचार है खुली को ठीक करने के जिसमे सबसे आसान और सस्ता इलाज यही है कि आप सबसे पहले पान का पत्ता ले और उसमे शुद्ध शहद लगाये. और अब जहाँ खुजली हो रही है वह लगाये। ऐसा करने से आपको राहत मिलेगी. यह एक उत्तम उपाय है खुजली को ठीक करने के लिए सबसे बेहतर है. और यदि आपको और भीआसान उपचार करना है तो आप चाय के पेड़ का रस और तेल  में तोड़ा सा गुण गुना पानी मिलाओ. इस सल्यूशन को अपनी दाद वाली जगह पर कुछ दीनो तक दिन में 2-3 बार लगाने पर आराम मिलेगा.

खुजली को ठीक करने के लिए आप चर्म रोगविनाशक तेल को घर पर ही बना सकते है और इस तेल को बनाने की बनाने की विधि बहुत ही आसान है इसके लिए आपको कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू चीजों की आवश्यकता है नीम की छाल, चिरायता, हल्दी, लाल चन्दन, हरड़, बहेड़ा, आँवला और अड़ूसे के पत्ते, सब समान मात्रा में. तिल्ली का तेल आवश्यक मात्रा में। सब आठों द्रव्यों को 5-6 घंटे तक पानी में भिगोकर निकाल लें और पीसकर कल्क बना लें. पीठी से चार गुनी मात्रा में तिल का तेल और तेल से चार गुनी मात्रा में पानी लेकर मिलाकर एक बड़े बरतन में डाल दें.

एक टिप्पणी भेजें

यहाँ पर आपको मिलती है हेल्थ न्यूज, डेली हेल्थ टिप्स और ताजा स्वास्थ्य जानकारियां। इसके साथ ही जीवनशैली और चिकित्सा जगत में होने वाली नयी खोजों से अवगत भी कराते हैं हम।