सीटी स्कैन के दौरान, न ही रोगी को किसी भी प्रकार का कोई दर्द होता और न ही तकलीफ। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, रोगी थोड़ी सी असहजता जरूर हो सकती है। इसका कारण वह ठोस टेबल हो सकती है, जिस पर रोगी को पूरी प्रक्रिया के दौरान, लेटना पड़ता है। कमरे का कम तापमान हो सकता है। वहीं कभी-कभी किसी व्यक्ति को इस दौरान, थोड़ी बहुत नर्वसनेस (घबराहट) भी हो सकती है। किसी व्यक्ति को घबराहट तभी होती है, यदि व्यक्ति को सीटी स्कैन की जानकारी न हो और उसने पहले कभी, सीटी स्कैन न कराया हो।
रोगी में सीटी स्कैन के बाद कुछ इस तरह के दुष्प्रभाव नज़र आ सकते हैं-
कुछ लोगो को इस डाई के कारण एलर्जी रिएक्शन हो सकता है।
डायबिटीज से पीड़ित रोगी को सीटी स्कैन से पहले मेटमॉर्फिन न खाने की सलाह दी जाती है, क्योकि यह प्रक्रिया के परिणामों को प्रभवित कर सकता है। इसलिए डॉक्टर प्रक्रिया के एक दिन पहले और बाद तक मेटमॉर्फिन न खाने की सलाह देते हैं।
हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार, सीटी स्कैन के दौरान निकलने वाली किरणें बहुत ही खतरनाक होती हैं, क्योंकि इन किरणों से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। यह किरणें, बच्चों, किशोरों और बार-बार जांच करवाने वाले रोगियों को ज्यादा प्रभावित करते हैं। इसलिए जांच से पहले किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।