घोड़े जैसा मजबूत बनाता है चना, कई बीमारियों का रामबाण इलाज


हम अपने दादा- परदादा से यही से सुनते आ रहे हैं कि जो खाए चना वो रहे बना। चना सदियों से मेहनकश की खुराक का अहम हिस्‍सा रहा है। चने में प्रोटीन,फाइबर, विटामिन, आयरन और कैल्शियम अच्छी खासी मात्रा में होते हैं। आयुर्वेद में भी चने को शरीर के लिए स्वास्थवर्धक बताया गया है।
चने के सेवन से कई रोग ठीक हो जाते हैं। क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, नमी, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स आदि पाये जाते हैं। चना शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है। साथ ही यह दिमाग को तेज और चेहरे को सुंदर बनाता है। चने के सबसे अधिक फायदे इन्हें अंकुरित करके खाने से होते है।

हाजमा दुरुस्त करता है
चने को दस्तावर कहा जाता है। कब्ज के शिकार लोगों के लिए यह अच्छी चीज है। इसमें ढेर सारा फाइबर होता है जो आपको पेट साफ करने में मदद करता है। फाइबर आपकी आंतों की सफाई का काम करता है। चने में कई तरह के मिनरल्स और विटामिन होते हैं। सौ ग्राम काले चने में करीब 20 ग्राम फाइबर होता है। यह आपकी रोज की जरूरत का 80 फीसदी है। पेट की सुरक्षा की जिम्मेदारी कुछ हद तक आप चने पर छोड़ सकते हैं।

ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर रखता है
डायबिटीज के मरीजों को चना अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसकी एक वजह यह है कि यह काफी धीमी रफ्तार से ग्लूकोज को बॉडी में रिलीज करता है। इससे अचानक बॉडी का शुगर लेवल नहीं बढ़ता।

वजन कम करने में मददगार
चना दो तरह से वेट कम करने में मदद करता है। एक तो उसमें फाइबर खूब होता है और दूसरा उसे खाने से लंबे समय तक पेट भरा-भरा महसूस करता है। जो लोग वेट कम करने की कोशिश कर रहे हैं वो अपनी डाइट में कच्‍चे, भुने या अंकुरित चने जरूर शामिल करें।

एनीमिया से बचाता है
काला चना आयरन का सबसे सस्ता स्रोत है। 100 ग्राम में करीब 3 एमजी आयरन होता है। यह आपकी रोज की जरूरत का करीब 20 फीसदी है। यही नहीं चने में पोटेशियम,मैगनीशियम और कैल्शियम की भी अच्छी मात्रा होती है।

कसरत करने वालों के लिये फायदेमंद
चना शाकाहारी प्रोटीन और कैलोरी का सस्ता और उम्दा स्रोत है। 100 ग्राम चने में करीब 15 ग्राम प्रोटीन और करीब 347 कैलोरी होती है। कसरत करने वालों को ताकत के लिए कैलोरी और बदन में हुई टूट फूट की मरम्‍मत और मसल्‍स के लिए प्रोटीन की बहुत जरूरत होती है।

भिगोए कच्चे चने फायदेमंद
चने को पचाना आसान नहीं होता। अगर भिगोए हुए कच्चे चने खा रहे हैं तो उसे खूब चबाकर खाएं। ये मानकर चलें कि उसे जितना आपने अपने दांतों से पीस दिया, वही हजम होगा। वैसे उबाल कर खाएंगे तो उसे पचाना जरा आसान हो जाएगा। उबालते वक्त ध्यान रखें कि उसमें उतना ही पानी डालें, जिसमें वो उबल जाए और पानी फेंकना न पड़े। जिस कटोरे में चने उबालें उसमें इतना पानी डालें कि चने का सिर हल्का-हल्का पानी के ऊपर दिखता रहे। एक दो बार पकाने पर आपको बिल्कुल सही अंदाजा हो जाएगा।

पेट दर्द से राहत
रातभर भीगे हुए चनों से पानी को अलग कर उसमें अदरक, जीरा और नमक को मिक्स कर खाने से कब्ज और पेट दर्द से राहत मिलती है। चने का सत्तू भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद औषघि है। शरीर की क्षमता और ताकत को बढ़ाने के लिए गर्मियों में आप चने के सत्तू में नींबू और नमक मिलाकर पी सकते हैं। यह भूख को भी शांत रखता है। शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए अंकुरित चनों में नींबू, अदरक के टुकड़े, हल्का नमक और काली मिर्च डालकर सुबह नाश्ते में खाएं। आपको पूरे दिन की एनर्जी मिलेगी।

पथरी की समस्या में चना
पथरी की समस्या अब आम हो गई है। दूषित पानी और दूषित खाना खाने से पथरी की समस्या बढ़ रही है। गाल ब्लेडर और किडनी में पथरी की समस्या सबसे अधिक हो रही है। ऐसे में रातभर भिगोए चनों में थोड़ा शहद मिलाकर रोज सेवन करने से आपको आराम हो सकता है। नियमित इन चनों का सेवन करने से पथरी आसानी से निकल जाती है। इसके अलावा आप आटे और चने का सत्तू को मिलाकर बनी रोटियां भी खा सकते हो।

शरीर की गंदगी साफ करना
काला चना शरीर के अंदर की गंदगी को अच्छे से साफ करता है। जिससे डायबिटीज,एनीमिया आदि की परेशानियां दूर होती हैं। और यह बुखार आदि में भी राहत देता है।

डायबिटीज के मरीजों के लिए
चना ताकतवर होता है। यह शरीर में ज्यादा मात्रा में ग्लूकोज को कम करता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को फायदा मिलता है। इसलिए अंकुरित चनों को सेवन डायबिटीज के रोगियों को सुबह-सुबह करना चाहिए।

मूत्र संबंधी रोग
मूत्र से संबंधित किसी भी रोग में भुने हुए चनों का सेवन करना चाहिए। इससे बार-बार पेशाब आने की दिक्कत दूर होती है। भुने हुए चनों में गुड़ मिलाकर खाने से यूरीन की किसी भी तरह समस्या में राहत मिलती है।

पुरूषों की कमजोरी दूर करना
अधिक काम और तनाव की वजह से पुरूषों में कमजोरी होने लगती है। ऐसे में अंकुरित चना किसी वरदान से कम नहीं है। पुरूषों को अंकुरित चनों को चबा-चबाकर खाने से कई फायदे मिलते हैं। इससे पुरूषों की कमजोरी दूर होती है। भीगे हुए चनों के पानी के साथ शहद मिलाकर पीने से पौरूषत्व बढ़ता है और नपुंसकता दूर होती है।

पीलिया के रोग में
पीलिया की बीमारी में चने की 100 ग्राम दाल में दो गिलास पानी डालकर अच्छे से चनों को कुछ घंटों के लिए भिगो लें और दाल से पानी को अलग कर लें अब उस दाल में 100 ग्राम गुड़ मिलाकर 4 से 5 दिन तक रोगी को देते रहें। पीलिया से लाभ जरूरी मिलेगा।

चेहरे की चमक के लिए चना
चेहरे की रंगत को बढ़ाने के लिए नियमित अंकुरित चनों का सेवन करना चाहिए। साथ ही आप चने का फेस पैक भी घर पर बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। चने के आटे में हल्दी मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा मुलायम होती है। महिलाओं को हफ्ते में कम से कम एक बार चना और गुड जरूर खाना चाहिए। नियमित रूप से यदि आप अंकुरित चनों का सेवन करते हो तो आप के उपर बुढ़ापा भी बहुत देर में आता है। त्वचा की समस्या में चने के आटे का नियमित रूप से सेवन करने से थोड़े ही दिनों में खाज, खुजली और दाद जैसी त्वचा से संबंधित रोग ठीक हो जाते हैं।

धातु पुष्ट होती है
दस ग्राम शक्कर और दस ग्राम चने की भीगी हुई दाल को मिलाकर कम से कम एक महीने तक खाने से धातु पुष्ट होती है।

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