हार्ट अटैक पड़ने के बाद ना करें ये गल्‍तियां


हार्ट अटैक या कार्डिक अरेस्‍ट तब होता है जब हद्य तक पहुँचने वाले रक्‍त में बाधा पहुँचती है और धमनियों में रक्‍त के थक्‍के जमा हो जाते हैं, जिसकी वजह से पूरे शरीर के रक्‍तसंचार पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही हद्य की मांसपेशियों को पर्याप्‍त मात्रा में ऑक्‍सीजन नहीं मिल पाती है और वो क्षतिग्रस्‍त हो जाती है। यह बेहद घातक स्थिति होती है।

अगर किसी व्‍यक्ति को हद्य रोग होता है या हाल ही में दिल का दौरा पड़ा होता है तो उसके शरीर में तेजी से रिकवरी होती है ऐसे में उसे अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति सचेत रहने की आवश्‍यकता होती है और जीवनशैली में अच्‍छा सुधार लाने की आवश्‍यकता होती है।

हार्ट अटैक पड़ने वाले रोगी को शारीरिक और मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ रहना बेहद आवश्‍यक होता है। उसे अवसाद, तनाव, थकान आदि से दूर रहना चाहिए और इन 10 बातों पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए, जोकि निम्‍न प्रकार है:

1. धूम्रपान – अगर धूम्रपान करते हैं तो उसे छोड़ना ही आपके लिए हितकर होगा। इसके लिए आपको शुरूआत में काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ेगा लेकिन आप दृढ़ रहें और इस पहले कदम से ही अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति सचेत हो जाएं। धूम्रपान करने से दिल की धमनियों में रक्‍त के प्रवाह पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

2. संतृप्‍त/ट्रांस फैट से बचें – भोजन में कम से कम ऑयल, डालडा या घी आदि का इस्‍तेमाल करें। संतृत्‍त वसा या ट्रांस फैट के सेवन से बचें। ज्‍यादा वसा का सेवन करने से वह वसा धमनियों के ऊपर एक परत के रूप में जम जाता है और रक्‍त के प्रवाह पर असर डालता है।

3. शक्‍कर, पेस्‍ट्री, मिठाई , चॉकलेट आदि का सेवन न करें – हार्ट अटैक के बाद सुगर पेस्‍ट्री, मिठाई, चॉकलेट आदि का सेवन कतई न करें। इसके सेवन शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर बहुत बढ़ सकता है और खून में इसकी बढोत्‍तरी खतरे का कारण बन सकती है। परिणामस्‍वरूप, रक्‍त के थक्‍के या रक्‍त का गाढापन हो सकता है जो जानलेवा होता है।

4. नमक की अधिकता – अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन लोगों को सलाह देता है कि हार्ट अटैक का खतरा उन लोगों में अधिक होता है जो नमक को ज्‍यादा मात्रा में लेते हैं यानि एक दिन में 1500 मिग्रा. से अधिक नमक का सेवन नुकसानदायक हो सकता है। ऐेसे में भोजन में नमक की मात्रा संतुलित रखनी चाहिए।

5. कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ाने वाली खाद्य सामग्री से दूरी बनाएं – टिक्‍की चाट पकौडा सभी में काफी मात्रा में फैट होता है जो कोलेस्‍ट्रॉल को काफी हद तक बढ़ा सकता है ऐसे में इन चीजों से दूरी बनाएं रखना बेहद आवश्‍यक होता है।

6. शारीरिक गतिविधियों को नकारना सही नहीं – हार्ट अटैक के बाद बिस्‍तर पर न पड़ जाएं। आराम से टहलें और कुछ समय बाद शारीरिक गतिविधियों पर विशेष ध्‍यान दें। साइकिल चलाएं, टहलें या तैराकी करें। इससे आपका शरीर फिट रहेगा और शरीर में रक्‍त का संचार अच्‍छी तरह होगा।

7. वजन बढ़ने से रोकना – हार्ट अटैके बाद अपने शरीर पर पूरा ध्‍यान दें, खान-पान का विशेष ख्‍याल रखें ताकि आपका वजन बढ़ न पाएं। वजन बढ़ने से शरीर में फैट और मोटापा आ जाता है जिसकी वजह से हद्य में अन्‍य बीमारियों होने की शंका बनी रहती है। व्‍यक्ति का बॉडी मॉस इंडेक्‍स (बीएमआई), 18.5 और 24.9 के बीच होना चाहिए।

8. अन्‍य स्‍वास्‍थ स्थितियों को नकार देना – कई बार हार्ट अटैक बाद लोग अन्‍य समस्‍याओं को नकार देते हैं ऐसा न करें। मधुमेह, हाइपरटेंशन, हाइपोथॉयरोडिज्‍म, अवसाद, हाइपरथॉयरोडिज्‍म आदि का भी ध्‍यान में रखें और अपना सही उपचार करवाएं। अपनी दिनचर्या और दैनिक कार्यों को इस प्रकार बनाएं कि आपके शरीर में मोटापा न आने पाएं। मोटापा ही इन सभी बीमारियों की मुख्‍य जड़ होता है। साथ ही प्रतिदिन अपनी दवाईयां का सेवन करें; उन्‍हें खाना कभी न भूलें।

9. उच्‍च रक्‍तचाप – अमेरिकन हार्ट एसो‍सिएशन ने बताया है कि हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्‍यादा उच्‍च रक्‍तचाप से होता है। तनाव, ज्‍यादा व्‍यायाम करने या तनाव आदि होने से भी उच्‍च रक्‍तचाप हो जाता है जो कि दिल के लिए खतरा बन सकता है।

10. लक्षणों को नकारना – अगर हार्ट अटैक के बाद रिकवरी के दौरान बहुत ज्‍यादा थकान, छाती में दर्द, बहुत ज्‍यादा पसीना आता है या पैरों में सूजन हो जाती है तो ऐेसे लक्षणों को नकारें नहीं। अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति सचेत रहें।

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