नूडल्स भले ही अपने स्वाद से बच्चों व किशोरों को अपनी और आकर्षित करते हों लेकिन क्या आप जानते हैं इसमें किसी तरह के पौष्टिक तत्व नहीं पाए जाते हैं। कंज्यूमर एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (सीईआरएस) द्वारा 15 प्रमुख ब्रांड के नूडल्स के अध्ययन में यह बात सामने आई है। इन ब्रांड के नूडल्स में स्वीकृत मानक से अधिक नमक और फाइबर की बेहद कम मात्रा देखी गई। यह बच्चों को ब्लड प्रेशर और माइग्रेन जैसी बीमारीयां दे सकता है।
सेहत पर असर
- नमक की ज्यादा मात्रा ब्लड प्रेशर बढ़ाती है। इससे भविष्य में बच्चे दिल के रोग के शिकार हो सकते हैं।
- फाइबर की कम मात्रा कोलाइटिस की वजह बन सकती है।
- नूडल्स में मौजूद प्रिजरवेटिव स्वभाव को चिड़चिड़ा बनाते हैं।
- अधिक नमक के इस्तेमाल के चलते माइग्रेन भी हो सकता है।
अध्ययन के मुताबिक
भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्रधिकरण 2011 के आधार पर 15 कंपनियों से नूडल्स के नमूने लिए गए। इसमें पैकिंग पर लिखी जानकारी और नूडल्स में मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व आयरन आदि की जांच की गई जिसमें कई कमियां पाई गईं।
खाएं लेकिन जरा संभल कर
तेज भूख लगने पर कभी नूडल्स नहीं खाएं। हफ्ते में केवल दो या तीन बार ही नूडल्स खाएं। इससे अधिक सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। नूडल्स में पौष्टिक तत्व कम होते हैं इसलिए इसे केवल सब्जियां, सोयाबीन, मटर के साथ खाना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं न खाएं
नूडल्स के पैकेट में मौजूद मसालों में एक प्रमुख आईएनएस 621 या मोनो सोडियम ग्लूकामेट पाया जाता है। यह संरक्षित रसायन गर्भस्थ शिशु में मस्तिष्क संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को नूडल्स खाने से पहले पैकेट में मौजूद आईएनएस 621 की जांच कर लेनी चाहिए।