इन घरेलू उपायों को अपनाने से बवासीर में मिलती है जल्द राहत


बवासीर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। वहीं साथ ही यह बहुत आम बीमारी भी है। बवासीर को पाइल्स और महेशी भी कहा जाता है। यह मलाशय के आसपास की नसों के सूजन के कारण विकसित होता है। इसमें गुदा के अंदर और बाहर मस्से हो जाते हैं। यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। खूनी बवासीर और बादी बवासीर। इसमें कई मामलों में मरीज को बहुत अधिक दर्द भी होता है और कई बार तो ऑपरेशन तक की नौबत आ जाती हैं। बवासीर की बीमारी अनुवांशिक भी होती है। साथ ही इसके अन्य कारणों में एक जगह देर तक बैठे रहना, मिर्च मसालों का अधिक सेवन करना, कम पानी पीना, तनाव, मोटापा, भूखे रहना जैसे कई कारण भी हैं। 

लोग इसके उपचार के लिए कई तरह के उपाय अपनाते हैं।  इसी तरह इसके उपचार के लिए कई घरेलू उपाय भी हैं। जिनके बारे में हम आज बात करेंगे।  

लहसुन का पेस्ट बनाकर लगाएं 
जिस तरह लहसुन कई बीमारियां भी दूर करता हैं इसी तरह यह बवासीर के के लिए भी लाभदायक होता है। लहसुन की तीन-चार कलियां और कुछ तेज पत्ता लेकर इसे उबलते पानी में डाले। 10 मिनट तक इसे उबलने दें। फिर इस मिश्रण को ठंडा कर इसका पेस्ट बना लें और बवासीर वाली जगह पर लगाएं। इस क्रिया को दिन में तीन बार दोहराये।  
कैमोमाइल के फूल से भी होगा लाभ 
इसे आम भाषा में बबूने का फूल भी कहा जाता हैं। यह फूल सर्दी-ज़ुकाम जैसी कई बीमारियों से राहत दिलवाता है। बवासीर के केस में यह इर्रिटेशन को कम करता है और छोटे बवासीर को भी रोकता है। कैमोमाइल की चाय बनाकर उसे ठंडा करें और बवासीर वाले स्थान पर लगाएं। 
एप्पल साइड विनेगर खाएं भी, लगाएं भी
एप्पल साइड विनेगर में कॉटन को डुबोकर इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इससे खुजली से राहत मिलती है।  इसके अलावा एक चम्मच विनेगर को पानी में घोलकर पीने से भी बवासीर में आराम मिलता है।
नमी बनाये रखें
त्वचा और छिद्रों को सूखा रखने से समस्या बढ़ जाती है। त्वचा सूखी हो तो ब्लीडिंग की समस्या भी बढ़ जाती हैं। इसलिए बेहतर है कि प्रभावित क्षेत्र को पोंछने के लिए नॉन-परफ्यूम्ड, नॉन-मेडिकेटिड मॉइस्ट टिश्यू का इस्तेमाल करें। इसके अलावा आप विटामिन E की कैप्सूल भी अंदर रख सकते हैं। जिससे आपकी त्वचा और छिद्रों की नमी बनी रहेगी।  
एलोवेरा जेल करे कमाल 
एलोवेरा भी बवासीर को कम करने का एक अच्छा विकल्प है। अंदरूनी बवासीर में राहत पाने के लिए एलोवेरा की स्ट्रिप्स लेकर इसके कांटे निकालकर इसे फ्रीज करें। फिर इंस्टैंटली इसे बवासीर वाले स्थान पर लगाएं, आपको ठंडक मिलेगी। इसके अलावा बाहरी पाइल्स के लिए एलोवेरा के जेल को लगाएं।  
ठंडा सेक देगा ठंडक 
अगर आप मस्से वाले स्थान पर ठंडा सेक देंगे तो ये श्रिंक होकर छोटे हो जाएंगे।  इससे दर्द और खुजली दोनों में राहत मिलेगी। इसके लिए एक साफ़ कपड़े में बर्फ का टुकड़ा लेकर इसे डायरेक्टली पाइल्स पर लगाए। दिन में कई बार ऐसा करने से ब्लड वेसेल्स संकुचित हो जाती हैं और मस्से भी कम हो जाते हैं।  
निम्बू का रस भी है कारगर उपाय 
निम्बू के रस में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो इस स्थिति से राहत दिलाते हैं। निम्बू के रस को सीधे-सीधे प्रभावित क्षेत्र पर लगाए या फिर नींबू के रस को अदरक और शहद के साथ मिलाकर इसका सेवन करें। इससे आपको पोषक तत्व मिलेंगे और दर्द और जलन से राहत मिलेगी।
खाने में शामिल करें जैतून का तेल 
जैतून के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जिससे यह अफेक्टेड एरिया को सूद करता है और डिसकंफर्ट को भी कम करता है। इतना ही नहीं, यह ब्लड वेसल्स को लचीला बनाता है। जिससे पखाने की समस्या दूर हो जाती है।
टी ट्री ऑयल भी है एक उपाय 
टी ट्री ऑयल बालों की सेहत के लिए तो अच्छा होता ही है। लेकिन इसके साथ ही यह बवासीर से भी राहत दिलाता है। यह सूजन को कम करता है। यह नेचर में स्ट्रांग होता हैं इसलिए इसे दूसरे कैरियर ऑयल के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। कैस्टर ऑयल या बादाम के तेल जैसे कैरियर ऑयल में दो-तीन बूंद टी-ट्री ऑयल की मिलाकर इसे सूजे हुए स्थान पर लगाएं। नियमित रूप से यह क्रिया दोहराने पर राहत मिलेगी। 

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