मूली में प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन तथा आयरन तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं। साथ ही इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन मैग्नीशियम और विटामिन 'ए' भी होता है।
मूली के स्वास्थ्य लाभ
मूली में प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन तथा आयरन तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं। साथ ही इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन मैग्नीशियम और विटामिन 'ए' भी होता है। हमें विटामिन 'बी' और 'सी' भी इससे मिलता हैं। ताजा मूली खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है। पेट और मूत्र विकार ठीक होते हैं। इसके अलावा यह अन्य कई लाभ भी पहुंचाती है। आइए हम आपको बताते हैं कि मूली हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद है।
पेट का भारीपन दूर करें
पेट के लिए मूली बहुत फायदेमंद होती है। मूली एक पाचक की तरह काम करती है। पेट की कई बीमारियों में मूली का रस बहुत फायदेमंद होता है। अगर पेट में भारीपन महसूस हो रहा हो तो मूली के रस को नमक में मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
शरीर सुडौल बनाएं
मोटापा अनेक बीमारियां की जड़ है। अगर आप भी मोटापे से परेशान हैं तो आपके लिए मूली बहुत लाभदायक साबित हो सकती है। इसके रस में थोड़ा-सा नमक और नीबू का रस मिलाकर नियमित रूप से पीने से मोटापा कम होता है और शरीर सुडौल बन जाता है।
यूरीन संबंधित रोगों के लिए
यूरीन पास करने में दिक्कत होने पर मूली के रस का सेवन कीजिए। साथ ही यूरीन से जुड़ी अन्य समस्याएं जैसे यूरीन आना बंद होना, जलन या रूक-रूक कर आना हो तो मूली का रस बहुत फायदेमंद होता है।
सौन्दर्यवर्धक
मूली सौन्दर्यवर्धक भी होती है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से रक्त शुद्ध होता है। जिससे रंग निखरता है, खुश्की दूर होती है और चेहरे की झाइयां, कील-मुहांसे आदि साफ हो जाते हैं।
हड्डियों को मजबूत करें
मूली शरीर से विषैली गैस कार्बन-डाईआक्साइड को निकालकर जीवनदायी आक्सीजन प्रदान करती है। साथ ही मूली में पाया जाने वाला कैल्शियम दांतों तथा हडि्डयों को मजबूत करता है।
अस्थमा में उपयोगी
मूली की तासीर ठण्डी मानी जाती है। इसलिए कहा जाता है कि मूली खांसी बढ़ाती है। लेकिन यह धारणा गलत है। अस्थमा और खांसी के मरीजों को मूली का सेवन करना चाहिए। सूखी मूली का काढ़ा बनाकर जीरे और काला नमक के साथ सेवन करने से न केवल खांसी बल्कि अस्थमा में भी लाभ होता है।
रक्ताल्पता में लाभकारी
जिन लोगों में खून की कमी होती है उनके लिए मूली का नियमित सेवन लाभकारी होता हैं। मूली के रस में समान मात्रा में अनार का रस मिलाकर पीने से रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ता है और रक्ताल्पता दूर होता है।
कैंसर से बचाव
मूली में भरपूर मात्रा में उपलब्ध फॉलिक एसिड, विटामिन सी और एंथोकाइनिन शरीर को कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं। शोध से यह साबित हुआ है कि ये तत्व मुंह, पेट, आंत और किडनी के कैंसर से लड़ने में बहुत सहायक होते है।
दांतों और मसूड़ों के लिए
मूली के रस से कुल्ला करना, मसूड़ों-दांतों पर मलना और पीना दांतों के लिये बहुत लाभकारी है। मूली को चबा-चबा कर खाना दांतों व मसूड़ों को निरोग करता है। साथ ही यह दांतों का पीलापन भी दूर करता है। मूली के टुकड़े पर नींबू का रस लगाकर दांतों पर लगाने से दांतों पर चढ़ी पीली परत हट जाती है।
लीवर में मजबूती
मूली खाने से लिवर मजबूत होता है। लीवर की परेशानी होने पर नियमित रूप से अपने भोजन में मूली का सेवन करना चाहिए। साथ ही पीलिया रोग में भी ताजा मूली का प्रयोग बहुत ही उपयोगी होता है। नियमित रूप से एक कच्ची मूली सुबह खाने से कुछ ही दिनों में पीलिया रोग ठीक हो जाता है।
मूली के स्वास्थ्य लाभ
मूली में प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन तथा आयरन तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं। साथ ही इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन मैग्नीशियम और विटामिन 'ए' भी होता है। हमें विटामिन 'बी' और 'सी' भी इससे मिलता हैं। ताजा मूली खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है। पेट और मूत्र विकार ठीक होते हैं। इसके अलावा यह अन्य कई लाभ भी पहुंचाती है। आइए हम आपको बताते हैं कि मूली हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद है।
पेट का भारीपन दूर करें
पेट के लिए मूली बहुत फायदेमंद होती है। मूली एक पाचक की तरह काम करती है। पेट की कई बीमारियों में मूली का रस बहुत फायदेमंद होता है। अगर पेट में भारीपन महसूस हो रहा हो तो मूली के रस को नमक में मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
शरीर सुडौल बनाएं
मोटापा अनेक बीमारियां की जड़ है। अगर आप भी मोटापे से परेशान हैं तो आपके लिए मूली बहुत लाभदायक साबित हो सकती है। इसके रस में थोड़ा-सा नमक और नीबू का रस मिलाकर नियमित रूप से पीने से मोटापा कम होता है और शरीर सुडौल बन जाता है।
यूरीन संबंधित रोगों के लिए
यूरीन पास करने में दिक्कत होने पर मूली के रस का सेवन कीजिए। साथ ही यूरीन से जुड़ी अन्य समस्याएं जैसे यूरीन आना बंद होना, जलन या रूक-रूक कर आना हो तो मूली का रस बहुत फायदेमंद होता है।
सौन्दर्यवर्धक
मूली सौन्दर्यवर्धक भी होती है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से रक्त शुद्ध होता है। जिससे रंग निखरता है, खुश्की दूर होती है और चेहरे की झाइयां, कील-मुहांसे आदि साफ हो जाते हैं।
हड्डियों को मजबूत करें
मूली शरीर से विषैली गैस कार्बन-डाईआक्साइड को निकालकर जीवनदायी आक्सीजन प्रदान करती है। साथ ही मूली में पाया जाने वाला कैल्शियम दांतों तथा हडि्डयों को मजबूत करता है।
अस्थमा में उपयोगी
मूली की तासीर ठण्डी मानी जाती है। इसलिए कहा जाता है कि मूली खांसी बढ़ाती है। लेकिन यह धारणा गलत है। अस्थमा और खांसी के मरीजों को मूली का सेवन करना चाहिए। सूखी मूली का काढ़ा बनाकर जीरे और काला नमक के साथ सेवन करने से न केवल खांसी बल्कि अस्थमा में भी लाभ होता है।
रक्ताल्पता में लाभकारी
जिन लोगों में खून की कमी होती है उनके लिए मूली का नियमित सेवन लाभकारी होता हैं। मूली के रस में समान मात्रा में अनार का रस मिलाकर पीने से रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ता है और रक्ताल्पता दूर होता है।
कैंसर से बचाव
मूली में भरपूर मात्रा में उपलब्ध फॉलिक एसिड, विटामिन सी और एंथोकाइनिन शरीर को कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं। शोध से यह साबित हुआ है कि ये तत्व मुंह, पेट, आंत और किडनी के कैंसर से लड़ने में बहुत सहायक होते है।
दांतों और मसूड़ों के लिए
मूली के रस से कुल्ला करना, मसूड़ों-दांतों पर मलना और पीना दांतों के लिये बहुत लाभकारी है। मूली को चबा-चबा कर खाना दांतों व मसूड़ों को निरोग करता है। साथ ही यह दांतों का पीलापन भी दूर करता है। मूली के टुकड़े पर नींबू का रस लगाकर दांतों पर लगाने से दांतों पर चढ़ी पीली परत हट जाती है।
लीवर में मजबूती
मूली खाने से लिवर मजबूत होता है। लीवर की परेशानी होने पर नियमित रूप से अपने भोजन में मूली का सेवन करना चाहिए। साथ ही पीलिया रोग में भी ताजा मूली का प्रयोग बहुत ही उपयोगी होता है। नियमित रूप से एक कच्ची मूली सुबह खाने से कुछ ही दिनों में पीलिया रोग ठीक हो जाता है।