3 औषधियों का ये मिश्रण इन 18 असाध्य रोगों का काल है, बुढ़ापे में भी जवानी रहेगी, जरूर पढ़े और शेयर करे

➡ बहुत ही चमत्कारी दवा बनाने के लिए आवश्यक सामग्री :
  •     250 ग्राम मैथीदाना
  •     100 ग्राम अजवाईन
  •     50 ग्राम काली जीरी (ज्यादा जानकारी के लिए नीचे देखे)
➡ औषिधि तैयार करने का तरीका :

उपरोक्त तीनो चीजों को साफ-सुथरा करके हल्का-हल्का सेंकना(ज्यादा सेंकना नहीं) तीनों को अच्छी तरह मिक्स करके मिक्सर में पावडर बनाकर कांच की शीशी या बरनी में भर लेवें।

➡ सेवन करने का तरीका :

  • रात्रि को सोते समय एक चम्मच पावडर एक गिलास पूरा कुन-कुना पानी के साथ लेना है। गरम पानी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है लेने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है। यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकतें है।
  • चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पडी गंदगी (कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी । पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा । चमड़ी की झुर्रियाॅ अपने आप दूर हो जाएगी। शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा ।
➡ इन असाध्य 18 रोगों में फायदेमंद है :
  • गठिया दूर होगा और गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा।
  • हड्डियाँ मजबूत होगी।
  • आँखों रौशनी बढ़ेगी।
  • बालों का विकास होगा।
  • पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति।
  • शरीर में खुन दौड़ने लगेगा।
  • कफ से मुक्ति।
  • हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी।
  • थकान नहीं रहेगी, घोड़े की तहर दौड़ते जाएगें।
  • स्मरण शक्ति बढ़ेगी।
  • स्त्री का शारीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा।
  •     कान का बहरापन दूर होगा।
  •     भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट से मुक्त होगें।
  •     खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी।
  •     शरीर की सभी खून की नलिकाएॅ शुद्ध हो जाएगी।
  •     दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा।
  •     नपुसंकता दूर होगी।
    डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है। इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा । जिंदगी निरोग,आनंददायक, चिंता रहित स्फूर्ति दायक और आयुष्ययवर्धक बनेगी । जीवन जीने योग्य बनेगा।

    ध्यान दे : कुछ लोग कलौंजी को काली जीरी समझ रहे है जो कि गल्त है काली जीरी अलग होती है जो आपको पंसारी या आयुर्वेद की दुकान से मिल जाएगी जिसके नाम इस तरह से है।

  • हिन्दी कालीजीरी, करजीरा।
  • संस्कृत अरण्यजीरक, कटुजीरक, बृहस्पाती।
  • मराठी कडूकारेलें, कडूजीरें।
  • गुजराती कडबुंजीरू, कालीजीरी।
  • बंगाली बनजीरा।
  • अंग्रेजी पर्पल फ्लीबेन।

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