सफ़ेद बालों को काला करने के लिए तिल के तेल के साथ करें इसका इस्तेमाल, होंगे चमत्कारिक लाभ


आजकल बहुत कम आशिकों को यह बोलने का मौका मिलता होगा। सही बात है! आजकल हमारी जीवनशैली ही ऐसी है कि बहुत कम उम्र में ही बाल सफ़ेद होने लगते हैं। अब ऐसी स्थिति में क्या कोई कैसे ऐसा कुछ कह पाएगा आप ही बताइये? यह एक बहुत ही सामान्य समस्या है और इससे बचने के कई आसान से उपाय भी हैं। अब वो उपाय क्या हैं हम आपको बताते हैं।

क्यों होते हैं बाल सफ़ेद
बालों की सफ़ेदी से कैसे बचा जाए, यह जानने से पहले यह समझना ज़रूरी है कि आखिर बाल सफ़ेद होते क्यों हैं। दरअसल बालों के रोम छिद्रों में से जब बाल उगना शुरू होते हैं तो मेलेनिन नाम का एक पिग्मेंट होता है जो इन्हें कलर देता है। जब यह पिग्मेंट कम होने लगता है या खत्म हो जाता है, तो बाल सफ़ेद होने लगते हैं।
अनुवांशिक होता है
पिगमेंट्स का कम होना आपके  "Genes" पर भी निर्भर करता है। "Genes" की वजह से किसी के कम उम्र में तो किसी के अधिक उम्र में बाल सफ़ेद होते हैं।
हार्मोन्स
हार्मोन्स और पिगमेंटेशन का गहरा नाता होता है। शरीर में कुछ हार्मोन्स के असंतुलन से भी पिग्मेंट के निर्माण में बाधा उत्पन्न होने लगती है।
सही तरह से पोषण न मिलना
हमारी दिनचर्या में हरी सब्जी, दाल जैसे प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ तो शामिल होते ही नही हैं। इस वजह से पिग्मेंट का कम निर्माण होता है।
मेडिकल कंडीशन
ऐसी कुछ मेडिकल कंडीशन्स भी होती हैं जो पिगमेंट्स के निर्माण में अवरोध उत्पन्न करती हैं। इसमें थायरॉइड या विटामिन B12 की कमी होना, पियूष ग्रंथियों की समस्या होना आदि शामिल हैं।
तनाव के कारण भी होते हैं बाल सफ़ेद
आजकल की व्यस्तता भरी दिनचर्या में तनाव होना बहुत ही आम बात है, इसलिए कम उम्र में बालों का सफ़ेद होना भी आम बात हो गई है। इसके साथ ही शराब और जंक फ़ूड के ज़्यादा सेवन से भी यह समस्या होती है।
रासायनिक उत्पादों का प्रयोग
आजकल तो बालों से सम्बंधित लगभग हर समस्या के लिए शैम्पू या तेल मिल ही जाता है। लेकिन इन उत्पादों में कई हानिकारक रसायन मिले होते हैं जो बालों को और नुक़सान पहुँचाते हैं।
बाहरी कारक
इसके अलावा प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और कुछ बाहरी रासायनों के प्रभाव से भी कम उम्र में बाल सफ़ेद होने लगे हैं।
खाने में शामिल करे आवश्यक तत्व
बाल सफ़ेद होने के कारणों की बात तो हो गयी। क्यों ना अब इससे बचने के उपायों के बारे में बात कर ली जाए। सबसे पहले तो अपनी डाइट में प्रोटीन, विटामिन्स, कार्बोहायड्रेट के साथ ही खनिज पदार्थों को भी शामिल करें। ये सभी मेलेनिन कि उचित फंक्शनिंग के लिए ज़रुरी हैं।
थायरॉइड लेवल की करें जाँच
थायरॉइड ग्रंथि शरीर के सभी महत्पूर्ण गतिविधियों को प्रभावित करती है। इसके ठीक तरह से काम न करने से कई तरह की समस्याओं के साथ ही बालों की सफेदी की समस्या भी उत्पन्न होती है। इसलिए बेहतर है कि समय-समय पर थायरॉइड लेवल की जाँच करवा लें।
धूम्रपान को कहें ना
धूम्रपान से तो यूँ भी कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। वहीं एक अध्ययन के अनुसार जो लोग धूम्रपान करते हैं उनमें धूम्रपान न करने वाले लोगों से ज़्यादा पिग्मेंट के कम होने का खतरा रहता हैं।
कढ़ी पत्ता
कढ़ी पत्ता भी सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। इसे खोपरे के तेल के साथ लगाने से बालों की सफेदी से बचाव होता है।
गाजर के बीज का तेल और तिल का तेल
आपने तिल के तेल के बारे में तो सुना होगा, लेकिन गाजर के बीज के तेल के बारे में शायद ही सुना हो। आपको बता दूँ कि ये दोनों मिलकर चमत्कार करते हैं। इन दोनों तेलों को मिलाकर लगाने से बालों में प्राकृतिक रंग लौट आता है।
ब्लैक टी
ब्लैक टी सफ़ेद बालों की वृद्धि को रोकती है। साथ ही यह बालों के रंग को गहरा भी करती है और चमकदार भी बनाती है।
मैथीदाना
मैथीदाना में आयरन, विटामिन C और पोटेशियम जैसे पौषक तत्व होते हैं। यह बालों को पौषण प्रदान करता है और पिगमेंटेशन के निर्माण में भी सहायता प्रदान करता है। इसके इस्तेमाल से बाल समय से पहले सफ़ेद नहीं होते ।

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