आंखों की समस्याओं से बचने के 21 उपाय


आंखें सृष्टि की सुंदरता को देखने का एकमात्र साधन हैं और मुनष्य का सबसे नाजुक अंग हैं। इनकी तरफ से लापरवाही न बरतें और आंखों की समस्याओं से बचने के लिए यह उपाय अपनाएं-

  • दमकोय का रस हर रोज आंखों में सुरमे की तरह लगाने से आंख के रोग भाग जाते हैं।
  • रीठे का छिलका पानी में घिसकर लगाएं, इससे आंख रोग जाते रहेंगे।
  • बेर की गुठली घिसकर आंखों में लगाने से आंख के रोग दूर हो जाते हैं।
  • अरंड के पत्तों को पीसकर जौ के आटे में मिलाकर लेप तैयार करें, इस लेप को पट्टी पर लगाकर उन रोगियों की आंखों पर लगाएं, जिनकी आंखेंं सूज गई हैं। 12 घंटे में सूजन गायब होकर आंखें ठीक हो जाएंगी।
  • लाल मिर्च के पुराने पौधे की जड़ को पानी के साथ किसी साफ पत्थर पर घिसकर, आंखों में अंजन के रूप में डालने से आंख रोग भागते हैं तथा नजर भी तेज होती है। इससे मोतियाबिन्द भी ठीक हो जाता है।
  • अरहर की जड़ को पानी में पीसकर, सुरमे की सलाई से सुबह-शाम आंखों में लगाने से आंखों की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
  • कच्चे आलू को पत्थर पर घिसकर काजल की तरह लगाने से जाला साफ हो जाता है।
  • बादाम की गिरी 150 ग्राम, मिश्री 150 ग्राम और सौंफ 150 ग्राम को बारीक पीसकर मिश्रण बनाएं। रात को 10 ग्राम मिश्रण, 250 ग्राम दूध के साथ 40 दिन खाएं। दृष्टि तेज करने, दिमागी कमजोरी ठीक करने व स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए बढ़िया तरीका है।
  • आम के पेड़ से पत्ता तोड़ने पर जो रस निकलता है, उसे सावधानीपूर्वक आंख की फुंसी (गुहेरी) पर लगा लें। दो-तीन दिन उस जगह पर कालापन रहेगा, बाद में ठीक हो जायेगा।
  • रतौंधी (रात में न दिखाई पड़ना) में नीम की दस ताज़ा पत्तियां, बीस ग्राम गुड़ मिलाकर पन्द्रह दिन सुबह खाली पेट और रात में सोते समय खाएं। लाभ मिलता है।
  • अमरूद के पत्तों का रस दोनों आंखों में डालें व बर्फ से आंखों की सिकाई करें। लाभकारी सिद्ध होगा। असंगघ का चूर्ण और मुलेठी का चूर्ण बराबर-बराबर (चार-चार ग्राम ) आवंले का रस आठ ग्राम तीनों को मिलाकर रोजाना एक बार सेवन करने से 6-7 माह में आंखों की रोशनी बढ़ जाती है।
  • हरड़-बहेड़ा, आंवला और पोस्त की डोडे को घोलकर छान लें और गर्म पानी में उबाली गई शीशी में रखें, दुखती हुई आंखों में दिन में चार बार दो-दो बूंदें डालने से लाभ होता है।
  • 50 ग्राम गुलाब जल में एक मध्यम आकार की हल्दी की गांठ कूटकर डालें। दूसरे दिन छानकर शीशी में रख लें। आंख में लाली बहुत हो या कड़कड़ाहट महसूस हो तो दो-दो बूंद दिन में तीन-चार बार डालें।
  • शहद में सलाई डुबोकर दोनों आंखों में लगाएं। थोड़ी-सी चरचराहट महसूस होगी, लेकिन गन्दा पानी निकल जाने पर ठंडक आ जायेगी।
  • 5 बूंद शहद, 2 रत्ती सुरमा और 2 ग्राम घी अच्छी तरह खरल कर लें। जब खुश्क हो जाए तो सुबह-शाम आंखों में एक सलाई रोज लगाएं।
  • आंख दुखने पर हल्दी पीस लें, रूई पर उसका लेप लगाकर उस फाहे को आंख पर बांधें तो आराम मिलता है।
  • सौंफ वैसे ही थोड़ी-थोड़ी प्रतिदिन खाएं तो नेत्र-ज्योति बढ़ती है और आंखें निरोगी रहती है।
  • अजवायन के काढ़े से धोने पर आंखें साफ हो जाती हैं।
  • आंखें यदि फूली हुई हों तो खिरनी (पीला-लम्बा, छोटा -सा फल है) के बीज को घिसकर सलाई से आंखों में लगाएं। कुछ ही दिनों में लाभ महसूस होगा।
  • गर्मी की वजह से आंखों में दर्द हो तो फिटकरी को मलाई के साथ फेंटकर किसी कपड़े पर लगाकर आंखों पर थोड़ी देर लगा रहने दें।
  • गुलाब अर्क में शुद्ध रसौत, फिटकरी का फूला, सेंधा नमक और मिरी को समान मात्रा में मिलाकर बारीक वस्त्र से छानकर बूंद-बूंद नेत्रों में डालने से लाभ होता है।

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