- बच्चों को तकिये पर सुलाना खतरनाक हो सकता है।
- इससे उनका दम घुटने का खतरा बना रहता है।
- तकिये का कारण दब सकती है सांस की नली।
- शिशु को मां की गोद में या बिस्तर पर ऐसे ही सुलायें।
लोगों का मानना
आपने हाल ही में पैदा हुए शिशु को तकिया नहीं लगाने की बात सुनी होगी। ऐसा माना जाता है कि शिशु को तकिया लगाने से उनकी जान तक जा सकती है। कुछ लोग इसे मिथ मानते हैं और कुछ सच। असली बात पर सबका विरोधाभास रहता है। क्योंकि जान जाने की बात आंशिक रूप से ही सही लेकिन सच जरूर है।
ऐसा होता है
विशेषज्ञों का मानना रहा है कि हाल ही में पैदा हुए बच्चे और छोटे शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए तकिया लगाना नुकसानदायक रहता है। एक-दो दिन के बच्चों के लिए तो तकिया लगाना कई बार खतरनाक भी साबित हो जाता है।
ऐसे में बेहतर होगा कि इन शिशुओं को उन्हें मां की गोद में या फिर बिस्तर पर सीधे ही सुलाएं। मां की गोद से अच्छी जगह शिशुओं के लिए कोई नहीं। खैर अगर आप इसका कारण जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़िये। इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि शिशु को तकिया लगाने से क्या नुकसान होता है।
मौत का खतरा
तकिया लगाने से शिशु की मौत होने का खतरा होता है। कई बार बच्चों का तकिया की वजह से दम घुट जाता है। दरअसल तकिया लगाने से बच्चे का सांस नली अंदर से मुड़कर दब जाने का खतरा होता है। ऐशा उनके कोमल औऱ नाजुक शरीर की वजह से होता है। तो बच्चे को तकिया कभी ना लगायें। इससे उनके जान जाने का खतरा होता है
ओवरहीटिंग
आज की माताएं बच्चों के लिए फैंसी-नरम तकिए का इस्तेमाल करती हैं जो प्रकृतिक तौर पर गर्म होते हैं। ऐसे में इन तकियों को लगाने से बच्चे के सिर में गर्मी पैदा हो सकती है जिससे उन्हें नुकसान ही पहुंचेगा। कई बार यह जानलेवा भी हो जाता है।
गर्दन का मुड़ना
तकिया लगाने से बच्चे के गर्दन के मु़ड़ने का भी डर होता है। ऐसा तकिये के मुलायम और बहुत अधिक गुदगुदे होने की वजह से होता है। बच्चों के गले के पास की हड्डी बहुत नाज़़ुक होती है जिसका तकिये के कारण खिसकने का डर होता है। ऐसा होने पर बच्चा खूब रोता है।
बच्चे को ऐसे सुलाएं-
- हमेशा बच्चे को पीठ के बल सुलाएं। छाती की तरफ कभी ना सुलाएं।
- 2 साल ही उम्र तक के बच्चों को तकिया न लगाएं।
- अगर साइड में गिरने के डर से तकिया रखते हैं को फ्लैट और कठोर तकिया लें।
- हर दो घंटे में बच्चे के सिर की स्थिति बदलें।