अपराजिता की बेल या पौधा के फायदे

घर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए अक्सर लोग अपराजिता के पौधे का प्रयोग करते हैं। जिसकी मुख्य वजह है अपराजिता पौधे की फूलों की दुहरे बेलों का होना। प्राचीन ग्रंथों में अपराजिता के पौधे को कई नामों से भी जाना जाता है। जैसे गिरीकर्णी, विष्णुकांता, अश्वखुरा आदि। अंग्रेजी में इसे मेजरीन के नाम से जाना जाता है।  ये पौधा दो रंगों का होता है। नीला और सफेद। अपराजिता के सफेद पौधे का मिलना कठिन होता है। लेकिन नीले रंग का अपराजिता का फूल आपको आसानी से मिल सकता है।

अपराजिता फूल व बेल के फायदे

घर में सुख शांति के लिए
अपराजिता के पत्तों को तोड़ें और कुछ नीम के पत्तों को भी तोड़ लें अब इन्हें जालाकर इससे निकलने वाले धुएं को एक बार पूरे घर में घुमा लें। एैसा करने से घर की नकारात्मक उर्जा खत्म हो जाती है। और सुख शांति भी आती है।

कीट-पतंगों के जहर का उपचार
यदि किसी को मधुमक्खीए ततैया या किसी भी प्रकार के जहरीले कीट ने काट दिया हो तो अपराजिता के पौधे के पत्ते को रखकर उस जगह को पानी से धो लें आपको आराम मिलेगा।

बिच्छू के काटने का उपचार
बिच्छू का डंक काफी खतरनाक होता है। यदि बिच्छू ने काट लिया हो तो अपराजिता के पत्तों को कटे हुए स्थान पर रगड़ते रहें। और जिस हिससे को काटा है उसके दूसरी और अपराजिता के पत्ते को जोर लगाकर दबाते रहें। इस उपाय से दर्द और जहर दोनों खत्म हो जाते हैं।

प्रेत बाधा से बचने के लिए
अपराजिता का पौधा नजर दोष और भूत प्रेत जैसी कई समस्याओं से भी आपका बचाव करता है। नीले रंग के कपड़े में अपराजिता के नीले फूल को बांध कर अपने गले में पहन लें। यही नहीं इस उपाय से शरीर का आलस और भारीपन भी दूर होता है।

प्रसव पीड़ा में
यदि प्रसव के समय में किसी महिला को दर्द अधिक हो रहा हो तो उसकी कमर में अपराजिता के पत्तों को लपेट लें। इससे दर्द में आराम और प्रसव भी आसानी से हो जाता है।

पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए
अपराजिता के पौधे से पशुओं को किसी भी तरह की बीमारियां नहीं लग सकती है। बकरी के मूत्र में अपराजिता के पौधे की जड़ को पीसकर उसकी गोली बना लें और उस बनी हुई गोली को पशुओं के गले में बांध लें। इससे आपके जानवर बीमारियों से मुक्त रहेगें।

जहर को खत्म करने के लिए

सांप के जहर में
  • सांप के काटने की वजह से उसका जहर शरीर में पहुंच गया हो तो अपराजिता के पौधे को अन्य दवाओं के साथ मिलाकर दिया जाता है जिससे विष शरीर में असर नहीं करता है।
  • सांप ने ताजा काटा है तो इसके लिए आप अपराजिता के पौधे की जड के चूर्ण को घी के साथ मिलाकर पीड़ित इंसान को खिला दें। इस औषधि की मात्रा केवल 12 ग्राम ही होनी चाहिए।
  • जहर यदि खून के साथ मिल गया हो तो दूध के साथ अपराजिता के पौधे की जड़ के चूर्ण की 12 ग्राम की मात्रा में मिलाकर पीड़ित व्यक्ति को पिला दें।
  • सांप का जहर यदि इंसान के मांस तक पहुंचा हो तो अपराजिता और कूठ दोनों के चूर्ण को बराबर मात्रा में मिला लें और इसे रोगी को पिला दें। इस उपाय से जहर का असर खत्म हो जाएगा।

अपराजिता के अन्य फायदे
  • सूजन के लिए उपयोगी है
  • दिमाग की शक्ति को बढ़ाता है
  • गले की परेशानी को खत्म करता है
  • दस्त की समस्या ठीक हो जाती है
  • सफेद दाग यानि की कोढ भी ठीक होता है
  • पेशाब से संबंधित रोग ठीक होते हैं।

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