क्या वाकई डेंगू के उपचार में बकरी का दूध और पपीते के पत्ते का जूस मददगार हैं?


मानसून ख़त्म होते-होते पूरे देश से डेंगू की मामले सामने आने शुरु हो गए हैं। लोगों के अंदर इस बीमारी का बहुत ख़ौफ है, क्योंकि ज़रा सी लापरवाही करने से ये बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। हर साल हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में डेंगू से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है। ख़ासतौर से दिल्ली और उत्तरप्रदेश में ये बीमारी हर साल तांडव मचाती है। इस बीमारी में शरीर के अंदर मौजूद प्लेटलेट्स तेज़ी से घटने लगती है। डेंगू होने पर लोग अस्पतालों और महंगी क्लिनिक का रुख करते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से इसके लिए सस्ते और कारगर घरेलू उपायों की तलाश होने लगी है। इसी सिलसिले में बकरी का दूध, पपीते के पत्ते का जूस और गिलोय का जूस का नाम अब ज्यादा लिया जाने लगा है। लेकिन क्या वाकई ये डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी पर असर दिखाते हैं? आइये जानते हैं।

डेंगू और बकरी का दूध :

पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में डेंगू के उपचार में बकरी के दूध को फायदेमंद बताया गया है, इसी वजह से जब-जब डेंगू फैलना शुरू होता है, अपने आप ही बकरी के दूध के दाम आसमान छूने लगता है। पिछले सा 35-40 रूपये प्रति लीटर मिलने वाला ये दूध 2000 रूपये प्रति लीटर तक बिका था। माना जाता है कि बकरी का दूध शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या तेज़ी से बढ़ाता है। बकरी का दूध कच्चा पीना चाहिए, वो भी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में। इससे प्लेटलेट्स बढ़ने लगते हैं। इसके अलावा, ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। डेंगू के मरीज़ की ये क्षमता काफी कम हो चुकी होती है।

डेंगू और पपीते के पत्ते का रस :

पपीते की पत्तियों में कीमोपापिन और पापेन जैसे ज़रूरी एंजाइम होते हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि ये तत्व शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाते हैं। इससे लीवर भी ठीक तरीके से काम करता है। डेंगू ठीक होने में इन पत्तियों का रस काफी मददगार साबित होता है। यही वजह है कि इन दिनों लोग डेंगू होने पर इस देसी नुस्खे को भी आज़माने लगे हैं। केमिस्ट की दुकानों में भी अब पपीते के पत्तों का रस मिलने लगा है। अगर आपको या आपके परिवार में किसी को डेंगू हो जाए तो अपनी दवाइयों के साथ-साथ आप इसका भी सेवन कर सकते हैं।

डेंगू और गिलोय का रस :

डेंगू के कारण शरीर में प्लेटलेट्स जब तेज़ी से गिरने लगे तो ऐसे में गिलोय जो कि एक प्रकार की बेल होती है, उसका रस लेने से आपको फायदा मिल सकता है। आप इसे तुलसी के अर्क के साथ मिलाकर ले सकते हैं। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढने के साथ-साथ प्लेटलेट्स का स्तर भी बढ़ता है। ये जूस भी आपको आयुर्वेदिक दवाओं के स्टोर पर आसानी से मिल जाएगा।

घरेलू उपचार के साथ-साथ डॉक्टर को भी दिखाएं :

घरेलू उपचार हर किसी पर एक जैसी असर नहीं दिखा सकते। इसलिए डेंगू होने पर आप सिर्फ इनके सहारे नहीं बैठे रह सकते। अस्पताल जाएं, डॉक्टर से सही उपचार करवाएं। हां, आप साथ-साथ इन घरेलू उपचारों को भी आज़मा सकते हैं लेकिन इससे पहले अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी ज़रूर दें।

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