कदम्ब के फूल और पेड़ के आश्चर्यजनक फायदे

आपने कृष्ण लीला में कदम्ब के पेड़ के बारे में तो सुना ही होगा। कदम्ब कई तरह के होते हैं जैसे कदम्बिका, राजकदम्ब और कदम्बिका आदि कई नामों से जाना जाता है। भगवान श्री कृष्ण कदम्ब के पेड़ के नीचे ही रहकर अपनी बांसुरी बजाया करते थे। इस पेड़ का जितना धार्मिक महत्व है उससे कई अधिक इसका फायदा आपकी सेहत से भी जुड़ा हुआ है।

कदम्ब के फल का आकार गोल होता है। कदम्ब के फलों के  उपर में फूल बना हुआ होता है। कदम्ब को जहर रोधक औषधि भी माना जाता है।
राजकदम्ब और धूलिकदम्ब का प्रयोग आयुर्वेद में बीमारियों को खत्म करने के लिए प्रयोग किया जाता है। आइये जानते हैं इससे जुड़े आयुर्वेदिक टिप्स :

कदम्ब के फायदे

बुखार आने पर
बुखार की समस्या होने पर आप पांच तुलसी के पत्तों के साथ पांच ग्राम कदम्बिका की छाल को मिलाकर काढ़ा तैयार कर लें। इस काढ़े का सेवन थोड़े दिनों तक लगातर करते रहें इससे बुखार जल्दी ठीक हो जाएगा।

घाव ठीक करने के लिए
घाव यदि ठीक ना हो रहे हों तो कदम्ब की पत्तियों और छाल को पानी में उबालें। फिर उसे गुनगुना होने पर उससे घावों को साफ करें। आपके घाव जल्दी ठीक हो जाएगें।

बच्चों में पाचन की समस्या
बच्चों की पाचन शक्ति कमजोर होती है। इसलिए आप बच्चे को नियमित रूप से धूलिकदम्ब के फल या रस का सेवन कराएं।

पैरों की चोट व सूजन में
सूजन और चोट लगने पर आप कदम्ब की छाल और पत्तों को लें और उसे पानी में उबाल लें और उसमें थोड़ा नमक मिला लें और उससे पैरों की सिकांई करें। इस उपाय से पैरों की चोट व सूजन ठीक हो जाती है।

मुंह के छाले दूर करने के लिए
राजकदम्ब के फलों को सुखाकर बनाया गया चूर्ण का सेवन दिन में दो बार करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
दूसरा उपाय
राजकदम्ब के पत्तों को चबाकर इससे बनने वाली लार को थूकते रहें। इस उपाय से भी मुंह के छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं।

एलर्जी का अचूक उपाय है
आप चार सौ ग्राम पानी में बराबर मात्रा मेंए प्रत्येक की मात्रा दस ग्राम हो, कदम्ब के फल और पत्तियों के साथ उसकी छाल को मिला लें। और काढ़ा बना लें। इसका सेवन सुबह शाम जरूर करें। ना ठीक होने वाली एलर्जी भी ठीक हो जाती है।
इसके अलावा यह काढ़ा शरीर शरीर में मौजूद जहर को भी खत्म कर देता है।

कीडे के डंक से बचाव
शरीर के किसी अंग पर कीडे ने काट लिया हो तो उस जगह पर धूलिकदम्ब की छाल को रगड़ें।

शरीर की दुर्बलता
यदि शरीर में कमजोरी हो तो आप राजकदम्ब के फलों से बने चूर्ण का सेवन नित्य पानी के साथ करें।

माताओं का दूध कम आना
जिन माताओं का दूध कम आता है वे शतवार के चूर्ण के साथ कदम्बिका के चूर्ण को मिलाकर नियमित सेवन करें। इस उपाय से आपके शिशु के लिए आपका दूध प्रयाप्त मात्रा में होगा।

पशुओं के रोग
पशुओं के बाड़े में कदम्ब की पत्तियों और फूलों को रखना चाहिए। इस उपाय से पशुओं को बाहरी रोग नहीं लगते हैं।

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