पहाड़ों में उगने वाला सुंदर फूल है बुंरास। यह फूल जितना सुंदर है उससे कई गुना है इससे हमें मिलने वाले स्वास्थवर्धक फायदे। जी हां। बुंरास के फूल से बना जूस कई तरह के औषधीय कामों में प्रयोग होता है। गर्मियों के मौसम में उंची पहाड़ियों पर खिलता है ये फूल। बुंरास का फूल समुद्र तल से 1500 से 3600 मीटर की उंचाई पर हिमालय के पहाड़ाें पर उगता है।
बुंरास के फूल के फायदे
प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में बुंरास के फूल का इस्तेमाल होता आया है। बुंरास का फूल कई रंगों में होता है जैसे गुलाबी, लाल और सफेद रंग। लाल रंग का बुंरास का फूल का सबसे अधिक पोषण देने वाला होता है। इस रंग के फूल का ही औषधीय महत्व है। बुंरास का फूल केवल विशेष मौसम में ही खिलते हैं।
बुंरास के फूल के फायदे
प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में बुंरास के फूल का इस्तेमाल होता आया है। बुंरास का फूल कई रंगों में होता है जैसे गुलाबी, लाल और सफेद रंग। लाल रंग का बुंरास का फूल का सबसे अधिक पोषण देने वाला होता है। इस रंग के फूल का ही औषधीय महत्व है। बुंरास का फूल केवल विशेष मौसम में ही खिलते हैं।
- बुंरास के फूल से बना जूस इंसान को लिवर रोग किडनी की परेशानी, हार्ट से जुडी बीमारियों के अलावा कई गंभीर रोगों को ठीक करता है।
- यही नहीं बुंरास के फूल से बना जूस पीने से हड्डियों में होने वाले दर्द भी आसानी से ठीक होता है। बुंरास के जूस को पीने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी पूरी तरह से ठीक हो सकती है।
- बुंरास के फूल की चटनी भी बनाई जाती है। जो बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है।
- प्राकृतिक खाद के रूप में बुंरास के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। जो पूरी तरह से जैविक खाद का काम भी करती है।
- बुंरास के पेड़ से निकलने वाली लकड़ी से सुंदर और चमकदार कृषि के उपकरण और फर्नीचर भी बनते है।
- इन सभी गुणों की वजह से बुंरास के फूल को तो हिमाचल प्रदेश में राज्य का फूल का दर्जा भी प्राप्त है।
- धर्मिक महत्व भी बुंरास के फूल का है। इस फूल को घर के दरवाजे पर लगाने से नकारात्मक उर्जा घर में नहीं आती है।
