मानसून के दौरान होने वाले त्वचा रोग और उनकी देखभाल के आसान नुस्खे

मानसून के मौसम के दौरान होने वाली नमी असहनीय लग सकती है लेकिन क्या आप जानती है की यह त्वचा समस्याओं का एक बड़ा कारण भी बनती है। आप इस लेख से जुड़ कर मानसून मौसम में होने वाली त्वचा समस्या के इलाज के बारें में विशेषज्ञ राय जान सकतें है।

मानसून में होने वाली समस्या न०1 : मुँहासे :

अगर मानसून में आपको मुँहासे अर्थात पिंपल हो रहे है तो आप अकेली नही है। गर्मियों में गर्मी और उमस से त्वचा के परत की टूटने की संभावना बहुत अधिक होती है। मूलतः पसीने से सारे रोम छिद्र भर जाते है और त्वचा पर वाइट और ब्लैक हेड्स जैसे भद्दे त्वचा रोग हो जाते है।

इलाज के लिए क्या-क्या करें 

सबसे पहले आपको अपनी त्वचा की देखभाल करने वाले उत्पादों को बदल दें। चेहरे को धोने के लिए ऐसा फेस वाश चुने जिसमें सैलिसिलिक एसिड शामिल हो इसके अतिरिक्त इस बात का खास ध्यान रखें की वह आपकी त्वचा का पीएच संतुलन बना कर रखें। उचित फेस वाश चुनने के बाद एक दिन में दो बार अपना चेहरा जरुर साफ़ करें इससे अधिक करने पर आपकी स्किन अधिक ड्राई हो सकती है।

जब आप अपने फेस वाश प्रोडक्ट खरीद रहे हो तो दूसरी अहम ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रोडक्ट नॉन-कोमेडोजेनिक हो जिसका अर्थ है की ऐसा लोशन चुने जिसके तत्व रोम छिद्र को गंदा करने से रोके। अंत में अगर आपकी त्वचा पर हुए मुँहासे दूर नही होते है तो फौरन इलाज के लिए स्किन डॉक्टर की सलाह लेना ना भूलें।

मानसून में होने वाली समस्या न० 2 : घमौरियां :

मानसून के मौसम में छाती और पीठ पर तेजी से कई लाल दाने निकल आते है। बुनियादी रूप से घमौरियों पसीने की ग्रंथियों बनने के बाद पड़ती है।

इलाज के लिए क्या-क्या करें 

घमौरियों से बचने के लिए अपनी बॉडी को हमेशा सूखा कर रखें और इसके लिए कॉटन के बने हुए कपड़े चुने जो त्वचा को सीने से तर नहीं होने देते। घमौरियों से अपनी स्किन की रक्षा के लिए स्नान और आप व्यायाम करने के बाद फौरन अपने कपड़े बदल लें इसके अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित करें की स्किन का पीएच संतुलित बनाने के साथ-साथ एंटीसेप्टिक से शरीर नियमित समय पर धोते रहें। बेंजाइल पेरोक्साइड और ट्रिक्लोसन युक्त एंटीसेप्टिक दैनिक इस्तेमाल कर आप घमौरियों से राहत प्राप्त कर सकती है।

मानसून में होने वाली समस्या न० 3 : फंगस और स्किन संक्रमण :

गर्मी और मानसून में यह समस्या भी आम मिल जाती है क्योकि यह मौसम बदबू और पसीने से भरी बॉडी का होता है और इसी कारण पुरुष, महिलायें और बच्चे संक्रमण का शिकार हो जाते है। आमतौर पर एक छोटे सी खुजली से शुरू होती है और बाद में यह धीरे-धीरे दाद व अन्य दूसरें संक्रमण फ़ैल जाते है। फंगस और स्किन संक्रमण कई बार स्विमिंग पूल, कपड़े या अन्य व्यक्ति को छूने की वजह से होती है इसलिए इन बातों पर हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

पैर की उंगलियों के बीच से शुरू हुए फंगस लाल दाने खुजली खरोंच जैसे रोग गर्मियों और मानसून में पसीने से तर होने पर या नमी जैसी परिस्थितियों में हो जाती है इसलिए नंगे पांव चलने और संक्रमित लोगो के संपर्क में त्वचा को ना आने दें।

इलाज के लिए क्या क्या करें 

फंगस और स्किन संक्रमण के निवारण के लिए सबसे पहले शरीर और पैरों को सूखा रखने का प्रयास हमेशा जारी रखें। एक दिन में दो बार स्नान और सूती कपड़े पहनने के साथ-साथ अतिरिक्त नमी से बचाव रखें और अतिरिक्त पसीने को सोखने के लिए पाउडर का उपयोग पर विचार करें। जिम क्षेत्रों में या घर के आसपास घुमने के लिए हमेशा चप्पल और सैंडल पहन कर ही निकले। बाहर निकलते समय पसीने से तर मोजे को तुरंत हटा दे।

दाद 8 हफ्तों में और स्किन संक्रमण कुछ सप्ताह में खत्म हो जाते है लेकिन स्किन विशेषज्ञ की सलाह और उपचार प्रथम श्रेणी में लेना ही उचित रहता है। 

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