बवासीर को जड़ से खत्म करेगा गेंदे के फूल और काली मिर्च का ये प्रयोग

Black pepper and marigold for Piles.
बवासीर बेहद तकलीफदेह होती है। यह रोग प्राय गलत खान पान से और पेट में कब्ज रहने की समस्या से शुरू होता है, जितना पुराना यह रोग होता जाता है वैसे वैसे यह रोग फिशर, भगंदर आदि में बदलता जाता है. बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है।देर तक कुर्सी पर बैठना और बिना किसी शेड्यूल के कुछ भी खा लेना इसका प्रमुख कारण है।बवासीर दो प्रकार की होती है, खूनी बवासीर और बादी वाली बवासीर, खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते है और उनसे खून गिरता है, जबकि बादी वाली बवासीर में मस्से काले रंग के होते है और मस्सों में खाज पीडा और सूजन होती है।
 

हम आपको यहाँ पर कुछ घरेलू नुस्‍खों के बारे में बताते हैं जिससे बवासीर और इससे होने वाले दर्द में राहत मिल सकती है।ऐसे में गेंदे के फूल और काली मिर्च का यह प्रयोग बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।

बवासीर में गेंदे के फूल और काली मिर्च का सफल प्रयोग :
  1. बवासीर में गेंदे के हरे पत्तों को काली मिर्च के साथ पीसकर चार दिन तक नित्य एक बार सेवन करें (गेंदे के फूल के नीचे डाली पर हरे पत्ते मिलेंगे) 10 ग्राम पत्ते और 7 काली मिर्च को मिला कर पीसीए।
  2. गेंदे के फूल 10 ग्राम (पीले वाले), काली मिर्च के 7 दाने, दोनों को ठंडाई की तरह पीसकर आधा गिलास पानी में मिलाकर छानकर पीने से रक्तस्त्रावी बवासीर में लाभ होता है।
  3. रक्तस्त्रावी बवासीर में फूलों को पीस लीजिये, इस फूलों की लुगदी को देसी घी में भून लीजिये, इसमें मिश्री व् सौंफ भी मिला लीजिये, इसको दिन में एक बार भोजने के दो घंटे पहले या बाद में सेवन करें। सेवन के एक घंटे तक कुछ भी खाएं ना पिए।
बवासीर में विशेष :
  • बवासीर को दूर करने के लिए सर्व प्रथर्म आप कब्ज को दूर करें, कब्ज को दूर करने के लिए आप रात को सोते समय एक गिलास गर्म दूध के साथ एक चम्मच छोटी हरड का चूर्ण या एक चम्मच इसबगोल का छिलका खा कर सोयें। और सुबह शौच जाने के बाद कम से कम 15 मिनट कपाल भाति ज़रूर करें. अगर समस्या भयंकर हो तो कपाल भाति आधा घंटा तक करें. आपको आराम ज़रूर आएगा। और भोजन में फाइबर का भरपूर प्रयोग करें. अनाज भी मोटा पिसवाएं और चोकर का भरपूर प्रयोग करें।

 

  • एक पके केले को बीच से चीरकर उसके दो टुकडे कर लें फिर उन टुकड़ों के बीच गेहूं के दाने के बराबर कपूर डालकर इसके बाद उस केले को खुले आसमान के नीचे शाम को रख दें,सुबह को उस केले को शौच करने के बाद खालें। एक हफ़्ते तक लगातार इसको करने के बाद भयंकर से भयंकर बवासीर भी समाप्त हो जाती है।
  • नीम का तेल मस्सों पर लगाने से और 4- 5 बूँद रोज़ पीने से बवासीर में बहुत लाभ होता है।
  • एक चाय का चम्मच धुले हुए काले तिल ताजा मक्खन के साथ लेने से भी बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।
  • नारियल की जटा को माचिस से जला दीजिए फिर उस भस्म से बिना जले हुए रेशो को अलग निकालकर साफ भस्म को किसी शीशी में रख लें। फिर इसमें से 3 ग्राम भस्म एक गिलास छाछ या एक कटोरी दही के साथ सुबह खाली पेट सेवन करें और उसके लगभग 2 घंटे तक कुछ भी ना खाएं । फिर इसे दोपहर में खाना खाने के दो घंटे बाद और रात को बहुत हल्का खाने के 2 घंटे बाद अर्थात केवल एक ही दिन, दिन में तीन बार लेना है और लेने के बाद फिर 2 घंटे तक कुछ भी ना लें । इस बात का ख्याल रखे की दही या छाछ ताजी हो, दही कई दिन पुरानी और खट्टी न हो। इस प्रयोग से कैसी और पुरानी से पुरानी बवासीर की बीमारी भी अति शीघ्र ठीक हो जाती है।

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