काम में ध्यान न लगे या फिर पढ़ी हुई चीजें न याद रहें, याददाश्त और दिमाग से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याओं का पुख्ता उपचार योग में मौजूद है।
ऐसे में योग की भूचरी मुद्रा का नियमित अभ्यास न सिर्फ याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है बल्कि यह मानसिक शांति देता है और फोकस बढ़ाता है। साथ ही, इसके नियमित अभ्यास से बहुत अधिक गुस्से पर काबू पाया जा सकता है।
जानिए, इस मुद्रा की सही विधि और आप खुद आजमाकर देखिए।
– इसे करने के लिए सुखासन में यानी पालथी मारकर सीधे बैठें और कमर सीधी रखें।
– अब हथेलियों को ऊपर की ओर करके अपनी जांघों या घुटनों पर रखें। आराम महसूस करें।
– आंखें बंद करें और गहरी सांस लें व नाक से ही सांस छोड़ें।
– एक हाथ उठाएं और अंगूठे से ऊपर के होठ को हल्का दबाएं, हथेली नीचे की ओर होनी चाहिए। कोहनी की सीध में उंगलियां हों।
– अब आंखें खोलें और अपनी छोटी उंगली की ओर देखने का प्रयास करें, बिना पलक झपकाएं।
– कोशिश करें कि 10 मिनट तक यह अभ्यास कर सकें और फिर सामान्य मुद्रा में आ जाएं!
ऐसे में योग की भूचरी मुद्रा का नियमित अभ्यास न सिर्फ याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है बल्कि यह मानसिक शांति देता है और फोकस बढ़ाता है। साथ ही, इसके नियमित अभ्यास से बहुत अधिक गुस्से पर काबू पाया जा सकता है।
जानिए, इस मुद्रा की सही विधि और आप खुद आजमाकर देखिए।
– इसे करने के लिए सुखासन में यानी पालथी मारकर सीधे बैठें और कमर सीधी रखें।
– अब हथेलियों को ऊपर की ओर करके अपनी जांघों या घुटनों पर रखें। आराम महसूस करें।
– आंखें बंद करें और गहरी सांस लें व नाक से ही सांस छोड़ें।
– एक हाथ उठाएं और अंगूठे से ऊपर के होठ को हल्का दबाएं, हथेली नीचे की ओर होनी चाहिए। कोहनी की सीध में उंगलियां हों।
– अब आंखें खोलें और अपनी छोटी उंगली की ओर देखने का प्रयास करें, बिना पलक झपकाएं।
– कोशिश करें कि 10 मिनट तक यह अभ्यास कर सकें और फिर सामान्य मुद्रा में आ जाएं!