अगर आपके घर में भी है इनमें से कोई एक शंख, तो बहुत जल्द होने वाली है आप पर धन-वर्षा!


हिन्दू धर्म में जितनी महत्वता हमारे देवी देवताओं की होती है उतनी ही महत्वता उनसे जुड़े सामानों की भी होती है. फिर अब बात कीजिये चाहिए भगवान शिव का प्रारूप मानी जाने वाली शिवलिंग की या फिर शंख की. आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको ऐसी ही तीन शंखों के बारे में बताने का प्रयास करेंगें जिनके बारे में मान्यता रही है कि इनसे किसी भी तरह के क़र्ज़ से मुक्ति मिलने में सहायता मिलती है और साथ ही साथ अगर आप सही शंख का इस्तेमाल करें तो आप इससे करोड़पति भी बन सकते हैं.

यहाँ सबसे पहले ये जानना बेहद ही ज़रूरी है कि शिवलिंग और शालिग्राम की ही तरह शंख भी कई अलग-अलग प्रकार की होती हैं और हर तरह के शंख का अपना अलग ही महत्व होता है. ऐसे में अपने घर में शंख रखने से पहले आपको भी शंख से जुड़ी ये महत्वपूर्ण बातें जानना बहुत ही ज़रूरी है. यूँ तो शंख कई तरह के होते हैं लेकिन उनमे से मुख्य होते हैं, वामावर्ती, दक्षिणावर्ती और गणेश शंख या मध्यवर्ती शंख. इनके अलावा कुछ और भी शंख होते हैं जैसे, देव शंख, चक्र शंख, राक्षस शंख, शनि शंख, राहु शंख, पंचमुखी शंख, वालमपुरी शंख, बुद्ध शंख, केतु शंख, शेषनाग शंख, कच्छप शंख, शेर शंख, कुबार गदा शंख, सुदर्शन शंक इत्यादि. आइये जानते हैं ऐसे में इनमें से कौन सा शंख हमें कर्ज़ मुक्ति और धनवान बनने में मदद कर सकता है.

1. गणेश शंख: कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान 8 वें रत्न के रूप में सबसे पहले गणेश शंख की ही उत्पत्ति हुई थी. यहाँ ये भी बता दें कि इसे गणेश शंख इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका रूप हू-ब-हू गणेश जी की तरह होता है. मान्यता के अनुसार गणेश शंख दरिद्रतानाशक और धन प्राप्ति का कारक होता है. यहाँ ये भी जानना ज़रुरी है कि श्रीगणेश शंख का पूजन आप जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति के लिए कर सकते हैं. माना जाता है कि गणेश शंख आसानी से नहीं मिलता है क्योंकि वो दुर्लभ होता है. इस शंख को घर में रखने से व्यक्ति धीरे धीरे कर्ज मुक्त हो जाता है.

2. महालक्ष्मी शंख: इस कड़ी में दूसरे नम्बर पर आता है महालक्ष्मी शंख. इस शंख को महालक्ष्मी शंख कहने के पीछे की वजह ये बताई जाती है कि प्रकृतिक रूप से इसे निर्मित श्रीयंत्र भी कहा जाता है. कहते हैं ये शंख शाक्षात महालक्ष्मी जी का प्रतीक होता है. इस शंख की जिस भी घर में पूजा होती है वहां माँ लक्ष्मी का हमेशा ही वास होता है.

नोट: किसी भी शंख की पूजा इस मंत्र से करना चाहिए, “त्वंपुरा सागरोत्पन्न विष्णुनाविघृतःकरे देवैश्चपूजितः सर्वथौपाच्चजन्यमनोस्तुते.”

3. कामधेनु शंख: इसके बाद इस लिस्ट में तीसरा शंख है कामधेनु शंख जिसके मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं. एक गोमुखी शंख और दूसरा कामधेनु शंख. मान्यता के अनुसार कामधेनु शंख की पूजा करने से इंसान की तर्कशक्ति प्रबल होती है और साथ ही साथ सभी मनोकामनाओं की भी पूर्ति होती है. पौराणिक शास्त्रों में कामधेनु शंख के प्रयोग से धन और समृद्धि बढाई जाती थी.

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