पीपल का ये प्रयोग दोबारा नहीं होने देगा हार्ट अटैक, जरुर शेयर करें


आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में हम अपना स्वस्थ्य बहुत पीछे छोड़ आये हैं और अक्सर नयी नयी बिमारियो से घिरे होने से आशंकित रहते हैं कि कहीं हम इस प्राण घातक रोग से ग्रस्त न हो जाए। अगर आप हृदय घात से आशंकित हैं तो ये लेख और ये प्रयोग आपके लिए ही हैं

प्रकृति ने बहुत सारी चीजो को हमारे शरीर के कुछ अंगो के आकार का बनाया हैं तांकि इसको देख कर हमे ये आभास हो के क्या इसका हमारे शरीर से कोई कनेक्शन हैं। इन्ही में से एक हैं पीपल। आप इसके पत्तो को गौर से देखिये। ये हमारे दिल के आकार के बने हैं। इनमे छिपा हुआ हैं हमारे स्वस्थ हृदय का राज़। पीपल की कोमल पत्तियों में हृदय को ताक़त और शान्ति देने की अद्भुत क्षमता हैं।
प्रयोग कैसे करे:
पीपल के पंद्रह ताज़ा पत्ते ले, पत्ते ज़्यादा गुलाबी कोपले कोमल न हो, बल्कि हरे और भली प्रकार विकसित हो। इन पत्तो का ऊपर का और नीचे का कुछ भाग काट कर अलग कर दे।

पत्ते का बाकी का हिस्सा धुलाई कर ले और साफ़ कर ले। इनको 1 गिलास पानी में (लगभग 250 मिली) डालकर धीमी आंच में पकने दे, जब पानी पक कर एक तिहाई रह जाए (लगभग 80 मिली), तो इसको साफ़ मलमल के कपडे से छान कर किसी शीतल स्थान पर ढक कर रख दे, बस दवा तैयार हैं
इसको तीन हिस्सों में बाँट ले और प्रतिदिन तीन तीन घंटे के अंतराल में ले। और ये खुराक लेने से पहले थोड़ा हल्का भोजन जैसे दलिया वगैरह या आटे से बने 2-3 बिस्कुट ज़रूर ले मतलब ये खाली पेट नहीं लेनी जिनको हृदय घात हो चुका हैं वह जब कुछ दिनों में थोड़े सामान्य हो जाए तब ये प्रयोग लगातार 15 दिन तक करे इस से उनका हृदय पुनः स्वस्थ हो जायेगा और दिल का दौरा पड़ने की सम्भावना नहीं रहेगी ।
दिल का दौरा पड जाने से परेशान व्यक्ति इस प्रयोग को ज़िंदगी में कम से कम एक बार ज़रूर करे, इस नुस्खे से उनका हृदय रोग निर्मूल हो सकता हैं।
परहेज : इस प्रयोग काल में कुछ परहेज बहुत ज़रूरी हैं, ताली हुयी चीजे, चावल, मांस मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान,नमक, चिकनाई का प्रयोग बिलकुल बंद कर दे

खाए : अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मेथी दाना, मौसमी, सेब का मुरब्बा, रात में काले चने भिगो कर सुबह खाली पेट खाए, किशिमिश, दही छाछ।

तो अब समझ आया, भगवान ने पीपल के पत्तों को हार्टशेप क्यों बनाया.

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