किडनी खराब करने वाली आदतें, जरुर शेयर करें


किडनी की बीमारियां एवं किडनी फेल्योर पूरे विश्व एवं भारत में खतरनाक तेजी से बढ़ रहा है। भारत में प्रत्येक 10 में से एक इंसान को किसी ना किसी रूप में क्रोनिक किडनी की बीमारी होने की संभावना होती है। हर साल करीब 1,50,000 लोग किडनी फेल्योर की अंतिम अवस्था के साथ नये मरीज बनकर आते हैं, जिन्हें या तो डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता होगी। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि आपकी कुछ आम आदतें किडनी की सेहत बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार होती हैं तो चलिये जानते हैं किडनी को ख़राब करने वाली आदतों के बारे में।

पानी कम पीना
पानी कम मात्रा में पीने से किडनियों को नुक़सान हो सकता है। पानी की कमी के चलते किडनी और मूत्रनली में संक्रमण होने का ख़तरा अधिक हो जाता है। जिससे पोषक तत्वों के कण मूत्रनली में पहुंचकर मूत्र की निकासी को बाधित करने लगते हैं। साथ ही किडनी में स्टोन की आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए दिनभर में क म से कम 2 से 3 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है।

पानी ज्यादा पीना
अधिक पानी पीना भी किडनी की समस्या को निमंत्रित करता है, जैसे अगर किसी व्यक्ति को उसकी ताक़त से अधिक काम करने को देंगे तो वो भी एक दिन थक जायेगा. उसी प्रकार किडनी को 3 से 5 लीटर तक पानी नियमित देना चाहिए. ना 3 लीटर से कम न 5 लीटर से ज्यादा.

कोल्ड ड्रिंक्स पीना.
कोल्ड ड्रिंक्स में पाए जाने वाले केमिकल किडनी ख़राब करने के लिए बहुत अधिक जिम्मेवार हैं, इनके सेवन से बचना चाहिए.

धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन
धूम्रपान एवं तम्बाकू का सेवन से कई गंभीर समस्याएं तो हो ती ही हैं (विशेषकर फेफड़े संबंधी रोग) लेकिन इसके कराण ऐथेरोस्कलेरोसिस रोग भी होता है। जिससे रक्त नलिकाओं में रक्त का बहाव धीमा पड़ जाता है और किडनी में रक्त कम जाने से उसकी कार्यक्षमता घट जाती है। इसलिए धूम्रपान और तंबाकू का सेवन ना करें।

सुबह उठकर पेशाब ना जाना
देखिये रात भर में मूत्राशय पूरी तरह मूत्र से भर जाता है, जिसे सुबह उठते ही खाली करने की ज़रूरत होती है। लेकिन जब आलस की वज़ह से लाग मूत्र नहीं त्यागते और काफी देर तक उसे रोके रहते हैं तो आगे चलकर यह किडनी को भारी नुकसान पहुंचाता है।

पेशाब को रोकना
पेशाब को रोकना नहीं चाहिए, पेशाब से शरीर के सभी गंदे पदार्थ मूत्र मार्ग से शरीर से बाहर निकलते हैं. इसलिए किसी भी हालत में पेशाब को नहीं रोकना चाहिए.

नमक का अधिक सेवन
यह सत्य है कि नमक हमारे भोजन के स्वाद को बढाता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन उल्टा प्रभाव ड़ालता है। हमारे द्वारा भोजन के माध्यम से खाया गया 95 प्रतिशत सोडियम गुर्दों द्वारा मेटाबोलाइज़्ड होता है। इसलिए नमक का अनावश्यक रूप से अधिक मात्रा में सेवन गुर्दों की क्रियाशीलता को बढ़ाकर उनकी शक्ति को क्षीण करता है।

हाई बीपी के इलाज में लापरवाही
उच्च रक्तचाप अर्थात हाई बीपी के इलाज में लापरवाही किडनी समस्या का बड़ा कारण होती है। इसलिए हमेशा उचित समय पर अपना बीपी नापकर नियंत्रित रखें क्योंकि यह क्रोनिक किडनी की बीमारियों के लिये दूसरे नंबर पर आने वाला कारण होता है।

शुगर के इलाज में कोताही करना
मधुमेह के शिकार लगभग तीस प्रतिशत लोगों को किडनी की बीमारी हो ही जाती है और किडनी की बीमारी से ग्रस्त एक तिहाई लोग मधुमेह पीड़ित हो जाते हैं। इससे यह बात तो तय है कि इन दोनों समस्याओं का आपस में ताल्लुक है। इसलिये खून में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित रहना आवश्यक होता है। साथ ही खान-पान को भी नियंत्रित रखना चाहिए।

ज्यादा मात्रा में पेनकिलर लेना
डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं की खरीद से बचें। बिना डॉक्टर की सलाह के दुकान से पेनकिलर दवाएं खरीदकर उनका सेवन किडनी के लिये खतरनाक हो सकता है। सामान्य दवाएं जैसे नाम स्टेरराईट एंडी इन्फेलेमेटरी दवाएं (इब्यूप्रोफेन) आदि के नियमित रूप से सेवन करने से वे किडनी को नुकसान पहुंचा कर पूरा तरह खराब भी कर सकती है।

अन्य नुकसानदेह आदतें

किडनी को खराब करने में कुछ अन्य आदतें जैसे, बहुत ज्यादा शराब पीना, पर्याप्त आराम न करना, सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा ज्यादा लेना, देर तक भूखा रहना या दूषित भोजन करना, हाईपरटेंशन का इलाज ना कराना तथा बहुत ज्यादा मांस खाना भी कुछ ऐसी आदते हैं जिनकी वजह से किडनी को भारी नुकसान पहुंचता है।

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