कैंसर एक घातक बिमारी हैं जो आजकल दिन पर दिन फैलती जा रहे हैं, इसके कारण मौतों का सिलसिला भी बहुत तेज़ी से बढ़ता जा रहा हैं, कई बार ऐसा होता हैं की लोगो को पता तक नहीं होता हैं की वो कैंसर के शिकार हैं, पेट का कैंसर दुनिया का तीसरा सबसे खतरनाक कैंसर हैं.
पेट में कैंसर होने के लक्षण
पेट में दर्द लगातार बने रहना या अचानक से तेजी से होना वा बहुत असहज महसूस होना भी पेट के कैंसर का एक लक्षण है.
कई बार इसमें उलटी होती रहती है, कभी-कभी रोगियों को खाने की महक पसंद नहीं आती है और उल्टी भी हो जाती है.
पेट में हमेशा ऐंठन बनी रहती है तो ये पेट के कैंसर के लक्षणों में से एक लक्षण होता हैं.
भूख न लगना, इस बीमारी का प्राथमिक लक्षण है, हम लोगो में से बहुत से लोग ऐसे होते नहीं जिनको भूख नहीं लगती हैं लेकिन यह ज़रूरी नहीं हैं की यह पेट के कैंसर का कारण हो कभी-कभी किस और वजह से भी भूख नहीं लगती हैं.
शरीर में सक्रिय हुई कैंसर कोशिकाएं, शरीर की सारी ऊर्जा को खींच लेती हैं और रोगी को कमजोर महसूस होता है.
पेट का कैंसर होने पर ब्लीडिंग हो सकती है, जिस प्रकार महिलाओं की मासिक धर्म की तरह रक्त आ सकता है जिससे वो भ्रम में पड़ जाती हैं.
उल्टी या मल में भी खून आने लगता है. इस तरह से खून आना बिलकुल भी नार्मल नहीं हैं.
कुछ भी बेकार ना खाया हो, या आपने ऐसा कुछ भी नहीं खाया हो जिससे आपको नुक्सान पहुँचता हो लेकिन फिर भी डायरिया हो गया.
कब्ज की समस्या हमेशा बनी रहती हो, तो पेट में कैंसर हो सकता है.
पेट कैंसर के लिए सूखे बेर
कैंसर के बढ़ने का सबसे बड़ा रीज़न है कैंसर के मामले में अज्ञानता और लापरवाही के कारण ही कई जाने चली जाती हैं. अगर वक्त रहते इसका इलाज नहीं होता है तो यह बहुत गंभीर रुप ले लेता है.
आज हम आपको आंतों की लगातार सूजन से होने वाले पेट के कैंसर से बचने के उपाय बता रहे हैं, जिससे आप इस खतरनाक बिमारी से महफूज़ रहेंगे कई सारे शोध से ये बात साबित हुई है कि सूखे बेर से कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में मदद मिलती है.
क्या कहता है शोध
मैसाचुसेट्स में हुए जीवविज्ञान सम्मेलन में टेक्सस के ए एंड एम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर नैंसी टर्नर की अध्यक्षता में ये बात सामने आयी है कि सूखे बेर में कोलोन माइक्रोबिया या गट बैक्टिरिया को मेंटेन करने की क्षमता है मतलब इसकी मदद से पेट के कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है और आप पेट के कैंसर से बचे रह सकते हैं.
नैंसी टर्नर ने बोस्टन में हुए एक कॉनफ्रेंस में ये प्रमाणित किया है कि इंटेस्टाइन में बैक्टीरिया के करीब 400 स्पेसिस पाए गए हैं. जिनपर सूखे बेर के प्रभाव को दिखाया गया था जिसमे यहबताया गया हैं की बेर के सेवन पेट के कैंसर ओ कम किया जा सकता हैं .
इसे बचने के लिए बेर का सेवन शुरू कर दें तो आपके शरीर को कैसर से लड़ने वाले ज़रूरी एंटीऑक्सीडेंट प्राप्त हो जाते हैं.
एंटीऑक्सीडेंट में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के बुरे प्रभाव को खत्म करने की काबिलियत होती है जिससे कैंसर की रोकथाम में मदद मिलती है इसीलिए इसका सेवन अगर आप नहीं करते है तो खूब करे.
हम आपको बता दें कि सूखे बेरों में घुलनशील, अघुलनशील फाइबर हैं जो ताजे बेर में नहीं होते इसलिए कैंसर की रोकथाम और बचाव के लिए सूखे बेर का ही सेवन करें.