भूख बढ़ाने के साथ-साथ टीबी का जड़ से सफाया करता है लहसुन!


लहसुन खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ अपनी कई विशेषताओं के लिए जाना जाता है।  इसमें मौजूद एक विशेष प्रकार की गंध भी होती है जो थोड़ी अप्रिय होती है। लहसुन  में यह तीखा स्वाद व तीखी गंध इसके सल्फर तत्व एलीसिन के कारण होती है। लहसुन को काटने या पीसने पर ही फायदेमंद एलीसिन प्राप्त होता है। इसी के कारण लहसुन औषधि का काम करता है।



1. रोगों का रामबाण
लहसुन की एक कली हमारे अंदर पैदा होने वाले अनेको रोगों का नाश कर सकती है।  यह कई बीमारियों की रोकथाम तथा उपचार में प्रभावी है।  जब आप कुछ भी खाने या पीने से पहले लहसुन खाते हैं तो आपकी ताकत बढ़ती है, तथा यह एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह कार्य करता है।  सुबह खाली पेट लहसुन खाने से यह अधिक प्रभावकारी होता है।  इससे बैक्टीरिया ओवरएक्सपोज्ड हो जाते हैं तथा लहसुन की शक्ति से वे अपनी रक्षा नहीं कर पाते।  इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों की सूची कभी खत्म न होने वाली है।  यह बवासीर, कब्ज और कान दर्द के उपचार में भी सहायक है।  यदि आप बवासीर और कब्ज के उपचार में इसका प्रयोग करना चाहते हैं तो कुछ पानी उबालें तथा इसमें अच्छी मात्रा में लहसुन डालें।

2. वैकल्पिक उपचार
जब डिटॉक्सीफिकेशन की बात आती है तो वैकल्पिक उपचार के रूप में लहसुन बहुत प्रभावी होता है।  लहसुन इतना अधिक शक्तिशाली है कि यह शरीर को परजीवियों और कीड़ों से बचाता है, विभिन्न बीमारियों जैसे डायबिटीज, ट्युफ्स, डिप्रेशन तथा कुछ प्रकार के कैंसर की रोकथाम में सहायक होता है।

3. हाई बीपी से बचाए
कई लोगों का मानना है कि लहसुन खाने से हाइपरटेंशन के लक्षणों से आराम मिलता है।  यह न केवल रक्त के प्रवाह को नियमित करता है बल्कि यह हृदय से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है तथा लीवर और मूत्राशय को भी सुचारू रूप से काम करने में सहायक होता है।

4. श्वासन तंत्र मजबूत बनाए
लहसुन श्वासन तंत्र के लिए बहुत लाभदायक होता है।  यह ट्यूबरक्लोसिस (तपेदिक), अस्थमा, निमोनिया, जुकाम, ब्रोंकाइटिस, पुरानी सर्दी, फेफड़ों में जमाव और कफ आदि रोकथाम तथा उपचार में बहुत प्रभावशाली होता है।

5. भूख बढ़ाए
यह पाचन प्रक्रिया को उत्तेजित करता है तथा भूख भी बढ़ाता है. लहसुन आपके तनाव को भी कम करने में सहायक होता है. जब भी आपको घबराहट होती है तो पेट में एसिड बनता है. लहसुन इस एसिड को बनने से रोकता है.

6. ट्यूबरक्लोसिस (तपेदिक) में लाभकारी
ट्यूबरक्लोसिस (तपेदिक) में लहसुन पर आधारित इस उपचार को अपनाएं।  एक दिन में लहसुन की एक पूरी गांठ खाएं।  इसे कुछ भागों में बांट लें तथा आपको जिस प्रकार भी पसंद हो इसे खाएं। यदि आप इसे कच्चा या ओवन में हल्का सा भूनकर खाएंगे तो अधिक अच्छे परिणाम मिलेंगे।

7. सावधानी बरतें
यदि आपको लहसुन से किसी प्रकार की एलर्जी है तो दो महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें, कभी भी इसे कच्चा न खाएं तथा फिर भी यदि आपको त्वचा से संबंधित कोई समस्या आती है, बुखार आता है या सिरदर्द होता है तो इसका सेवन करना छोड़ दें।

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