नीम को करें दिनचर्या में शामिल, रोग रहेंगे दूर


आयुर्वेद में नीम को बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि माना गया है।  नीम इतने सारे औषधीय गुणों से भरपूर है कि इसे औषधि का पर्याय भी मान सकते है। नीम एक ऐसा पेड़ है जिसकी पत्तियां, फूल, तना, छाल, जड़, बीज हर एक भाग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

नीम के इतने लाभ हैं कि गिनाने जाओ तो गिनती ही खत्म हो जाये। नीम छोटी से छोटी बीमारी से लेकर बड़ी से बड़ी बीमारी को भी ठीक कर सकता है। इतना ही नहीं, नीम सिर्फ इंसानों ही नहीं बल्कि अन्य प्राणियों और खासतौर पर पर्यावरण के लिए भी रामबाण से कम नही है।

आइये आज जानते हैं नीम के ऐसे ही कुछ चमत्कारिक गुणों के बारे में।

एंटीबैक्टीरियल क्षमता रखती है रोगों को दूर 
नीम एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबल गुणों से युक्त होता है। इसी वजह से यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और शरीर को स्वस्थ और सुरक्षित रखता है। साथ ही अपने इन्हीं गुणों के कारण यह जख्मों और इन्सेक्ट बाइट्स को ठीक करने में कारगर होता है।
चेहरे के लिए नीम से बेहतर कुछ नहीं 
चेहरे के साथ हमेशा कोई न कोई समस्या लगी ही रहती है। चेहरे को हमेशा चमकदार और दाग धब्बों रहित रखना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन नीम इसमें आपकी बहुत मदद कर सकता है। यह मुहांसे, झाइयां, ब्लैकहेड्स, स्किन इन्फेक्शन्स, त्वचा का रूखापन, तैलीय त्वचा, डार्क सर्कल्स, स्किन एजिंग, एक्जिमा जैसी चेहरे से सम्बंधित कई समस्याओं को दूर करता है और चेहरे को साफ़ और निखरा हुआ बनाता है।
नीम से पाएं लहराते बाल 
नीम चेहरे के साथ ही बालों को भी निखार देता है। नीम रूसी दूर करने का बहुत ही कारगर उपाय है। साथ ही यह बालों को घना बनाता है और इसके इस्तेमाल से बाल तेजी से बढ़ते हैं। यह स्कैल्प से सम्बंधित समस्याओं को दूर करता है और उन्हें स्वस्थ रखता है। नीम के इस्तेमाल से गंजेपन में भी राहत मिलती है और बाल झड़ना भी कम होते हैं। इसे तेल, शैम्पू, कंडीशनर, या पाउडर किसी भी रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
अस्थमा से मिले राहत 
अस्थमा के मरीजो को रोज़ाना नीम के तेल की कुछ बूंदों का सेवन करने से बहुत राहत मिलती है। इसके नियमित सेवन से अस्थमा पूरी तरह दूर हो जाता है। साथ ही यह खासी, कफ और सांसों से संबंधित अन्य समस्याओं का भी उपचार करता है।
डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए है रामबाण इलाज़
नीम का इस्तेमाल नॉन-इन्सुलिन डिपेंडेंट टाइप 2 डायबिटीज के इलाज़ के लिए किया जा सकता है। नीम, शरीर में शुगर लेवल को नियंत्रित करता है और शुगर के मेटाबोलिज्म को सक्रिय करता है। नीम के सेवन से ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है और डायबिटीज़ से लंबे समय के लिए राहत मिलती है।
मुंह संबंधी बीमारियों से मिले राहत
पुराने ज़माने में अक्सर लोग नीम की टहनी से दांत साफ़ करते थे। यह इसलिए कि नीम मुंह में पनपे बैक्टीरिया और जर्म्स का खात्मा करता है। साथ ही यह दांतों को चमकदार भी बनाता है। नीम के सेवन से मसूड़ों की सूजन और उनमें खून आने जैसी समस्याओं आदि से भी राहत मिलती है। नीम सांसों की बदबू को दूर करता है और दांतों के दर्द को भी कम करता है।
नीम के पत्तों से मिटता है कुष्ठ रोग 
नीम की पत्तियां और इसका रस प्राचीनकाल से ही कुष्ठरोग के इलाज़ में उपयोग किये जा रहे हैं। कुष्ठरोग के मरीज को यदि हर दिन 60 ग्राम नीम का रस दिया जाए तो वे तेजी से ठीक होते हैं। साथ ही नीम के पत्तों की मसाज से भी कुष्ठरोग में राहत मिलती है।
शरीर के प्रमुख अंगों को रखता है स्वस्थ 
नीम किसी भी रूप में शरीर के अंदर जाये तो यह शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। जिससे लिवर और किडनी सुचारू रूप से काम करते हैं। साथ ही यह खून को भी साफ़ करता है। जिससे कई तरह के इन्फेक्शन्स से बचाव होता है। यह पेट की जलन कम कर सभी तरह के इन्फेक्शन्स से भी बचाता है। नीम के उपभोग से अल्सर और इंटेस्टाइन से संबंधित अन्य बीमारियों, जैसे कब्ज आदि से भी छुटकारा मिलता है। साथ ही पाचन क्रिया में भी सुधार होता है।
गर्भनिरोधन में भी है सहायक
नीम का उपयोग बर्थ कण्ट्रोल और एबॉर्शन के लिए भी किया जाता है। पुराने समय में कपास को नीम के बीज के तेल में भिगोकर गर्भनिरोधक के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।  
आँखों को करे रोशन
नीम बीज के एक्सट्रेक्ट से आँखों के लिए ड्रॉप बनाई जाती है। इसके इस्तेमाल से आँखों में होने वाले इन्फेक्शन्स से बचाव होता है। साथ ही आँखों के जर्म्स और बैक्टीरिया भी नष्ट होते हैं।

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