स्प्रिंग में त्वचा में होने वाली खुजली और सूजन से बचाव

बसंत का मौसम आते ही कई लोगों को त्वचा की समस्या जैसे खुजली होना, जलन, रैशेज, एलर्जी जैसी समस्‍यायें होने लगती हैं। इसके जिम्मेदार हवा में मौजूद प्रदूषण फैलाने वाले तत्व होते हैं। शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में त्वचा सबसे ज्यादा समस्‍या चेहरे की त्‍वचा में होती है। इनसे बचाव में शहनाज हुसैन के टिप्‍स आपकी मदद करेंगे। इनको घरेलू नुस्‍खों के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है।
कॉस्‍मेटिक क्रीम

कॉस्मेटिक क्रीम की मदद से इस समस्‍या से कुछ हद तक बचाव किया जा सकता है। इसके लिए चंदन की एक प्रोटेक्टिव क्रीम शाबेस का प्रयोग करें, जिससे त्वचा को ज्वलनशील और रैशी होने से बचाया जा सकता है। ये एक पारदर्शी प्रोटेक्टिव कवर की तरह है। 
चंदन का लेप

चंदन इस तरह की स्थिति के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। चंदन का लेप आसानी से जलने वाली जगह पर राहत देने के लिए लगाया जा सकता है। ये खुजली में भी राहत देता है। हांलाकि, खुजली की समस्या ज्यादा हो तो डॉक्टर से सलाह ली जा सकती है। चंदन सभी तरह की त्वचा के लिए कई तरह से उपयोगी है। ये त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए सबसे अच्छा एंटीसेप्टिक है। चंदन को गुलाबजल में मिलाकर पूरे भाग में लगाएं। 20 से 30 मिनट बाद सादे पानी से साफ कर दें।
तुलसी का प्रयोग

ऐसी ज्वलनशील स्थिति के लिए तुलसी भी एक अच्छा घटक माना जाता है। तुलसी के कई औषधीय प्रयोग हैं, इसलिए इसको पांरपरिक पूजा में शामिल किये जाने से लेकर आधुनिक शोधों में भी प्रयोग किया जाता है। तुलसी त्वचा के लिए आरामदायक और रोगनाशक होने के अलावा हवा को साफ करता है। इसलिए तुलसी का पौधा आंगन में लगाया जाता है। तुलसी के कीटाणुनाशक और एंटीसेप्टिक तत्व रैशेज और जलन को कम करने में मदद कर सकते हैं। नीम और पुदीना की पत्तियां भी ऐसी स्थिति में मदद करती है ।
सेब का सिरका

खुजली में राहत के लिए सेब का सिरका प्रयोग करें, इसके एंटीसेप्टिक और जीवाणुरोधी गुण सूर्य की रोशनी से जलन और रूसी के लिए उपयोगी होते हैं। रूई में सिरके की कुछ बूंदे लगाकर प्रभावित हिस्से में लगा लें। खुजली के लिए, एक मग पानी में एक चम्मच सिरका मिलाएं और प्रभावित शरीर के हिस्सें पर डालें। अगर आपको सेब का सिरका नहीं मिल रहा है तो घर में प्रयोग होने वाला सिरके का प्रयोग भी कर सकते हैं।
नीम की पत्तियां

चार कप पानी में नीम की पत्तियों को बहुत धीमी आंच में एक घंटे तक उबालें। इसे रातभर के लिए छोड़ दें। इसे जलने और ऱैश हुए हिस्सों पर लगाए। इस पानी को साफ करने में भी उपयोग कर सकते हैं। नीम में कार्बनिक सल्फर यौगिक होते है जिससे त्वचा को कई तरह के फायदे मिलते हैं। रैशेज वाले हिस्से पर थोड़े से दूध में हल्दी मिलाकर लगाएं। 
मुलतानी मिट्टी

मुल्तानी मिट्टी से भी त्वचा को काफी राहत और ठंडक मिलती है। एक चम्‍मच मुल्तानी मिट्टी को गुलाबजल में मिलाएं। इस लेप को प्रभावित हिस्से लगाकर 15 से 20 मिनट बाद साफ कर दें। खुजली से राहत के लिए आप इसमें खाने वाले सोडा का भी प्रयोग कर सकते हैं। सोडा को मुल्तानी मिट्टी और गुलाबजल के साथ मिलाकर पैक बना लें। इसे खुजली, चकत्ते और जलनें वाली त्वचा पर लगाएं। 10 मिनट बाद इसे साफ कर दें।  
त्‍वचा को इन सामान्‍य समस्‍याओं से बचाने के लिए खानपान का विशेष ध्‍यान रखें, निय‍मित व्‍यायाम और योग करें।

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