हमारे शरीर का अनमोल अंग हृदय है, जो 24 घंटे अपने काम में लगा रहता है। लेकिन हमारी खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के तरीको की वजह से हार्ट ब्लॉकेज काफी आम समस्या बनती हुई नज़र आ रही है।
अगर हृदय की नलियों में ब्लॉकेज होना शुरु हो रहा है तो इसका साफ मतलब है कि रक्त में एसिडिटी बढ़ गई है। एसिडिटी भी दो प्रकार की होती है जिसमें एक तो पेट की एसिडिटी होती है और दूसरी रक्त की।
हृदय की नलियां ब्लॉक होने से हार्ट अटैक होता है इसलिये आज हम आपको आयुर्वेदिक उपचार बताने वाले हैं जो काफी सरल है। जब रक्त में अमलता एसिडिटी बढ़ जाती है, तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करें जो छारीय होती हैं। छारीय चीज़ें खाने से रक्त में बढ़ी एसिडिटी कम हो जाती है और आप हार्ट ब्लॉकेज से हमेशा के लिये बचे रह सकते हैं।
हार्ट ब्लॉकेज खोलने के लिये असदार दवा :
लौकी का जूस पीयिजे और हार्ट हटैक से बचिये लौकी सभी सब्जियों में सबसे ज्यादा छारीय होती है। इसका एक गिलास जूस रोज पियें या फिर कच्ची लौकी रोजाना खाएं।
कितनी मात्रा में पीना है? - रोजाना 200 से 300 ml पियें
कब पियें?
लौकी का जूस सुबह शौच जाने के बाद पियें, जब पेट बिल्कुल खाली हो जाता है। या फिर इसे नाश्ते के आधे घंटे के बाद भी पी सकते हैं।
लौकी के जूस को और अधिक छारीय बनाने का तरीका लौकी के जूस में आप पुदीने या तुलसी की 7-10 पत्तियां मिला कर पी सकते हैं। इसके अलावा सेंधाया काला नमक भी मिला सकते हैं। लौकी के जूस में बाजार में बिकने वाला आयोडीन युक्त नमक ना मिलाएं।
क्या बरतें सावधानी
लौकी जूस के उपयोग में थोड़ी सावधानी बरतें। अगर कोई व्यक्ति लौकी का जूस पीता है तो जूस बनाने से पहले लौकी के टुकड़े काट कर उसे चखना चाहिये। अगर इसका स्वाद कड़वा है तो उस लौकी का जूस नहीं पीना चाहिए। इसके अलावा लौकी के जूस को किसी अन्य जूस के साथ नहीं मिलाना चाहिए।
अर्जुन की छाल
अर्जुन के पेड़ की छाल बड़ी ही आसानी से मिल जाती है। 2 चम्मच अर्जुन की छाल को 1 गिलास गर्म पानी में डाल कर आधा होने तक उबालें। फिर इसे ठंडा कर के दिन में दो बार पियें। इसे खाली पेट पीना चाहिये।
कब तक करना है प्रयोग
लौकी का जूस या फिर अर्जुन की छाल को 2-3 महीने तक प्रयोग करना चाहिये। इनको पीने से आपको कुछ ही दिनों में असर दिखाई देना शुरु हो जाएगा।