गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण कुछ ऐसे होते हैं, जरुर पढ़ें


शादी के बाद हर औरत चाह रखती है, की उसकी गोद में भी नन्हा सा बच्चा हो| और ऐसा हो भी क्यों ना आख़िरकार घर में नन्हे मेहमान की चाहत तो सभी को होती है| गर्भवती होना किसी भी महिला के लिए बेहद ही खुशी का पल होता है| जब भी कोई महिला गर्भवती होती है तो उसका शरीर कुछ संकेत देता है, जिससे उसे पता चलता है की वो माँ बनने वाली है|

कभी कबार गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण के बारे में जानकारी का अभाव होने के कारण महिलाएं ये नहीं जान पाती है, की वो माँ बनने वाली है, या नहीं| इसके लिए वो घर पे टेस्ट या फिर लैब में गर्भावस्था का परीक्षण करवाती हैं।

आज हम आपको कुछ ऐसी जानकारी देंगे जिसे जानने के बाद आप अपनी इस ख़ुशी को और दुगना कर सकती है। वैसे तो गर्भाशय किट के जरिये भी आप अपनी प्रेगनेंसी को सुनिश्चित कर सकती है| लेकिन अगर आप इसके बिना भी पता करना चाहती है तो आज हम आपको इसके लिए जानकारी दे रहे है|

प्रेगनेंसी के शुरुवाती हफ्तों के भीतर अगर आपको एक बार हलकी ब्लीडिंग हुई हो तो वो प्रेगनेंसी का लक्षण कहलाता है। दरहसल होता यह की प्रेगनेंसी के दौरान पीरियड्स रुक जाते है| इसलिए कई बार पीरियड्स ना आने पर महिलाओं को यह लगने लगता है, की वो गर्भवती होने वाली है| लेकिन ऐसा नहीं है, क्युकी पीरियड्स रुकने के और भी कई कारण हो सकते है। 

जाने गर्भावस्था के शुरुवाती लक्षण

जी मचलना और उल्टियाँ होना
गर्भावस्था के आठवे सप्ताह में ही जी मचलना शुरू हो जाता है, और उसी दौरान उल्टियाँ भी होने लग जाती है, जो दिन में, दोपहर में, और रात में, तीनो समय में कभी भी होने लगती है। इस तरह शरीर आपके गर्भ में बच्चा होने का संकेत देता है। ऐसी दिक्कत छठे महीने के बाद कम होने लगती है, तो ऐसे समय में हल्का भोजन ही करे जिससे आपकी पाचन क्रिया सही तरीके से चल सके।

अचानक मूड बदलना
महिलाओं का प्रेगनेंसी में मूड अचानक से ख़राब हो जाना, और अचानक से सही हो जाता है| यह भी प्रेगनेंसी के शुरुवाती दौर का लक्षण है। तो ऐसे समय में अपने पति से अपनी बातो को शेयर करे| ताकि वो आपकी हर समस्या को ठीक से समझे और आपका गर्भावस्था में सहारा बने।

साँस लेने में तकलीफ
अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो इसका मतलब यह है की बच्चा आपसे सारी ऑक्सीजन ले रहा है। क्युकी इस दौरान शिशु बढ़ने लगता है। इससे फेफड़ों और डायाफ्राम पर भी दबाव पड़ना शुरू हो जाता है।

सिर दर्द
गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण में सिरदर्द भी शामिल है, क्युकी इस समय में हार्मोन का बदलाव होता है, जिसके चलते सर्द दर्द जैसी समस्याए देखने को मिलती है|

पीठ दर्द
गर्भावस्था में अक्सर पीठ दर्द होना आम होती है, इस दौरान आपके लिग्मेंट्स लूज़ होने लगते है, ऐसा होने के कारण आपका वजन भी बढ़ने लगता है, और आपका पोस्चर भी चेंज होने लग जाता है।

पाचन में परेशानी
प्रेगनेंसी के छठे महीने में आपको सीने में दर्द, एसिडिटी, पाचन में परेशानी जैसी और भी कई दिक्कते आने लगती है। इन सभी का प्रमुख कारण यह है, की इससे आपके शरीर में होने वाले हार्मोनल का बदलाव होने लगता है।

कब्ज
गर्भावस्था में कब्ज तो स्वाभिक होता है, क्युकी इस दौरान पेट फूलने लग जाता है, और इस वजह से आपका शरीर फूलने लग जाता है। जो की पाचन क्रिया पर भी गलत असर दाल सकता है।कब्ज भी Sign of Pregnancy है|

स्तनों में भारीपन
आपको यदि सुबह उठते से ही स्तनों में भारीपन या ब्रा के अंदर भारीपन लगता है,  या फिर आपके स्तनों के आकर में परिवर्तन आया है, निपल्स के आसपास वाले हिस्से में कालापन आ गया है तो घबराये मत क्युकी यह सब गर्भावस्था के लक्षण होते है।  तो इससे राहत पाने के लिए आरामदायक ब्रा पहने और खुद को रिलैक्स फील करे।

गर्भावस्था के अन्य लक्षण:-

  • बिना काम के भी शरीर में थकान महसूस करना।
  • बार-बार पेशाब आजाना।
  • सादा खाना पसंद नहीं आना।
  • खुशबू सूंघने के मन होना।
  • बार बार भूख लगना|
  • त्वचा में परिवर्तन आना भी प्रेगनेंसी का संकेत देता है।
  • स्तनों में भारीपन लगना, साँस लेने में तकलीफ होना।
  • शरीर में ऐंठन आजाना और पेट का फूलना।
  • पुरे शरीर में दर्द जैसे की सर, पेट, कमर आदि में दर्द का होना।
  • सुबह के समय कमजोरी महसूस होना और तबियत ठीक नहीं लगना|
  • अचानक चक्कर आ जाना, जी मचलना और उल्टियां गर्भावस्था का लक्षण है।

जानें प्रेग्नेंसी जांच के अन्य उपाय 

  1. घर पर आप साबुन से भी गर्भावस्था की जांच कर सकते है। इसके लिए आपको एक डिस्पोजल में साबुन और यूरिन लेना है। इन्हें मिलाये और कुछ देर बाद चेक करें, अगर उसमें बुलबुले जैसा कुछ उठ रहा है। तो इसका मतलब है कि टेस्ट पॉजिटिव है और आप प्रग्नेंट है।
  2. इसके अलावा ब्लीच पाउडर और यूरिन के सैंपल की कुछ मात्रा को मिक्स कर लें। अब उसमें ध्यान से देखें अगर आपको बुलबुले उठते दिखें तो समझ जाये कि कोई खुश खबर है और आप प्रग्नेंट है।
  3. -एक बहुत साधारण सा तरीका यह है कि एक कांच के गिलास में अपना सुबह का पहला यूरिन डालें और थोड़ी देर बाद उसे ध्यान पूर्वक देखें। अगर वह आपको सफ़ेद परत जैसी नजर आये तो समझ जाये की टेस्ट पॉजिटिव है और अगर कोई प्रतिक्रिया न हो तो आप गर्भवती नहीं है।
  4. विनेगर के द्वारा भी आप अपनी प्रेग्नेंसी को जांच सकते है। इसके लिए एक डिस्पोजल में यूरिन और विनेगर को मिलाये। अगर विनेगर के रंग में परिवर्तन आता है तो टेस्ट पोसिटिव है और आप प्रेग्नेंट है।
  5. डंडेलिओन वृक्ष की पत्तियों से भी यह जांच संभव है। इसके लिए आप यूरिन को इसके पत्तों पर डालें। अगर पत्तियों के ऊपर लाल रंग के दाने दिखाई दें। तो यह संभव है कि आप गर्भवती है।
  6. अब जो हम तरीका बता रहे है उस पर यकीन करना शायद आपके लिए मुश्किल हो, क्योंकि अब हम आपको बता रहे है। गेंहू और जौ से कैसे की जाये प्रेगनेंसी की जांच। इसके लिए आपको कुछ दाने गेंहू और जौ के लेने है और उसमें सुबह का पहला यूरिन मिक्स करना है। अगर यह दोनों अनाज अंकुरित हो जाये तो समझ लें कि आप यक़ीनन गर्भवती है और अगर ऐसा कुछ नहीं होता है तो सब सामान्य है।
यदि आपको उपरोक्त लक्षण दिखाई देते है| तो हो सकता है की आप माँ बनने वाली है| ऊपर दिए गए लक्षणों के होने पर आप चिकित्सक की सलाह जरूर ले|

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