हल्‍दी वाला दूध बनाने का सही तरीका और सावधानियाँ


हल्‍दी के दूध के फायदों के बारे में लगभग हम सभी जानते हैं, यह गोल्‍डन मिल्‍क दैनिक आहार में सम्मिलित कर आप कई बीमारियों और संक्रमणों को रोक सकते हैं। आयुर्वेद में तो हल्‍दी के दूध को अमृत माना जाता है। ‘हल्दी दूध’ पर एक सरल वेब खोज ने तो इसे वजन घटाने से लेकर, सर्दी जुकाम और अर्थराइटिस तक कई बीमारियों की रामबाण दवा माना है। लेकिन इसको बनाने की सही विधि से ज्‍यादातर लोग अनजान हैं। आइए इस आयुर्वेदिक औषधि को बनाने की सही विधि के बारे में जानते हैं।

हल्‍दी दूध बनाने के सही तरीका-

हल्‍दी के टुकड़ें लें
हल्दी की एक इंच लंबे टुकड़े को लें। हल्दी पाउडर, हल्‍दी की स्टिक की तरह प्रभावी नहीं होता है, क्‍योंकि पाउडर में संदूषण की संभावना अधिक होती है, इसके अलावा पीसने की प्रक्रिया के दौरान हल्‍दी की गर्मी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए एक हल्दी के टुकड़े लेकर उसे क्रश करके इस्‍तेमाल करें।

पेपर्कॉर्न यानी मिर्च के दाने
फिर थोड़ी से पेपर्कॉर्न यानी मिर्च के दाने क्रश करें। काली मिर्च की जगह सफेद किस्म बेहतर रहती है। और सफेदी मिर्च यानी दखनी मिर्च आंखों की रोशनी बढ़ाने का काम करती है। अब आधा गिलास दूध और एक कप पानी लेकर उसमें आधी चम्‍मच क्रश हल्‍दी और मिर्च को मिलाकर अच्‍छे से उबाल लें।

20 मिनट तक उबाले
इस मिश्रण को 20 मिनट उबाले, इस समय तक दूध एक कप हो जाएगा। इसलिए इसमें पानी मिलाने की सलाह दी जाती है, क्‍योंकि पानी न मिलाने से दूध 20 मिनट उबालने पर खीर की तरह हो सकता है। और ऐसा पीने में आरामदायक नहीं लगता।

शहद या चीनी डालें
20 मिनट उबलने के बाद इस मिश्रण को गैस से उतारकर, इस मिश्रण को छानकर उसमें शहद या चीनी मिला लें, और फिर लें गर्मागर्म हल्‍दी वाले दूध का मजा।

खांसी के लिए देसी घी मिलाये
अगर आप गले में खराश से राहत पाने के लिए इसे ले रहे हैं, तो गर्म हल्‍दी वाला दूध पीने से पहले आधा चम्‍मच देसी घी मिला लें। घी पिघल कर आपके गले पर कोट बनाकर, खांसी से अच्‍छी तरह से राहत देगा। कुछ मिनट आराम से बैठकर इस पेय का सुखदायक स्‍वाद और रस्टिक अरोमा आपमें फील गुड फैक्‍टर की वृद्धि करने में मदद करता है।

सावधानिया-
हल्दी के फायदे हम आपको पहले ही बता चुके हैं. ज्यादातर लोगों को पता होगा कि हल्दी कई तरह की बीमारियों और कमजोरी में फायदेमंद होता है। लंबे समय से ये दवा के तौर पर इस्तेमाल होता आया है। एक अच्छा एंटी-सेप्टिक होने के साथ ही से शोथ-रोधी भी होता है.एक ओर जहां हल्दी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है वहीं इसके कुछ साइड-इफेक्ट भी हैं. हालांकि हल्दी तभी नुकसान करती है जब वो बहुत अधिक मात्रा में ली जाए। हल्दी के फायदे जानने के साथ ही आपको इसके नुकसान भी पता होना बहुत जरूरी है:-

गॉल ब्लेडर/पित्ताशय में समस्या
अगर आपको पित्ताशय से जुड़ी कोई समस्या है तो हल्दी वाला दूध आपकी इस समस्या को और बढ़ा देगा। अगर आपकी पित्त की थैली में स्टोन है तो आपको हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए।

ब्लीडिंग प्रॉब्लम
अगर आपको ब्लीडिंग प्रॉब्लम है तो हल्दी वाला दूध आपको नुकसान पहुंचा सकता है। ये ब्लड क्लॉटिंग की प्रक्रिया को कम कर देता है जिससे ब्लीडिंग की समया और अधिक बढ़ सकती है।

मधुमेह की स्थिति में
हल्दी में एक रासायनिक पदार्थ करक्यूमिन पाया जाता है। जो ब्लड शुगर को प्रभवित करता है। ऐसे में अगर आपको मधुमेह है तो हल्दी वाला दूध पीने से परहेज करना ही बेहतर होगा।

नपुंसकता का कारण
हल्दी, टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को कम कर देती हैं। इससे स्पर्म की सक्रियता में कमी आ जाती है। अगर आप अपनी फैमिली प्लान कर रहे हैं तो कोशिश कीजिए कि हल्दी का सेवन संयमित रूप से करें।

आयरन का अवशोषण
हल्दी का बहुत अधिक सेवन करने से आयरन का अवशोषण बढ़ जाता है। जिन लोगों में पहले से ही आयरन की कमी है उन्हें बहुत सोच-समझकर हल्दी का सेवन करना चाहिए।

सर्जरी के दौरान
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि हल्दी खून का थक्का जमने नहीं देता है। जिसकी वजह से खून का स्त्राव बढ़ जाता है। अगर आपकी सर्जरी हुई है या फिर होने वाली है तो हल्दी के सेवन से बचें।

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