एलोवेरा जूस के फायदे


एलोवेरा एक औषधीय पौधा है और यह भारत में प्राचीनकाल से ग्वारपाठा या धृतकुमारी नाम से जाना जाता है। यह कांटेदार पत्तियों वाला पौधा है जिसमें रोग निवारण के गुण भरे हैं। औषधि की दुनिया में इसे संजीवनी भी कहा जाता है। इसे साइलेंट हीलर तथा चमत्कारी औषधि भी कहा जाता है। इसकी 200 से ज्यादा प्रजातियां हैं लेकिन इनमें से 5 प्रजातियां हीं हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। वेदों में भी इस पौधे के गुणों की चर्चा की गई है। एलोवेरा का जूस पीने से कई वीमारियों का निदान हो जाता है। आयुर्वेदिक पद्धति के मुताबिक इसके सेवन से वायुजनित रोग, पेट के रोग, जोडों के दर्द, अल्सर, अम्लपित्त आदि बीमारियां दूर हो जाती हैं। इसके अलावा एलोवेरा को रक्त शोधक, पाचन क्रिया के लिए काफी गुणकारी माना जाता है।

एलोवेरा जूस के फायदे
एलोवेरा में 18 धातु, 15 एमिनो एसिड और 12 विटामिन मौजूद होते हैं जो खून की कमी को दूर कर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाते हैं।
एलोवेरा के कांटेदार पत्तियों को छीलकर रस निकाला जाता है। 3 से 4 चम्मदच रस सुबह खाली पेट लेने से दिन-भर शरीर में चुस्ती व स्फूर्ति बनी रहती है।
एलोवेरा का जूस पीने से कब्ज की बीमारी से फायदा मिलता है।
एलोवेरा का जूस मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार व स्वस्थ्य होते हैं।
एलोवेरा का जूस पीने से शरीर में शुगर का स्तर उचित रूप से बना रहता है।
एलोवेरा का जूस बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग व पेट के विकारों को दूर करता है।
एलोवेरा का जूस पीने से त्वचा की खराबी, मुहांसे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियां, चेहरे के दाग धब्बों, आखों के काले घेरों को दूर किया जा सकता है।
एलोवेरा का जूस पीने से मच्छर काटने पर फैलने वाले इन्फेक्शन को कम किया जा सकता है।
एलोवेरा का जूस ब्लड को प्यूरीफाई करता है साथ ही हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करता है।
शरीर में वहाईट ब्लड सेल्स की संख्या को बढाता है।
एलोवेरा का जूस त्वचा की नमी को बनाए रखता है जिससे त्वचा स्वस्थ्य दिखती है। यह स्किन के कोलाजन और लचीलेपन को बढाकर स्किन को जवान और खूबसूरत बनाता है।
एलोवेरा के जूस का नियमित रूप से सेवन करने से त्वचा भीतर से खूबसूरत बनती है और बढती उम्र से त्वचा पर होने वाले कुप्रभाव भी कम होते हैं।
एलोवेरा के जूस का हर रोज सेवन करने से शरीर के जोडों के दर्द को कम किया जा सकता है।
एलोवेरा को सौंदर्य निखार के लिए हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट जैसे एलोवेरा जैल, बॉडी लोशन, हेयर जैल, स्किन जैल, शैंपू, साबुन, फेशियल फोम आदि में प्रयोग किया जा रहा है।
वर्तमान समय में हर दूसरे, तीसरे या चौथे घरों में गमले में उगाये जाने वाले ग्वारपाठे के रस (जूस) का कारोबार बडी तेजी से देश-विदेश में फैलता जा रहा है इसका कारण ग्वारपाठे का हमारे शरीर के लगभग प्रत्येक हिस्से के लिये अत्यन्त उपयोगी होना ही है ।

आईये जानें कि एलोवेरा का यह जूस हमारे लिये कितना उपयोगी हो सकता है-
1. तेज धूप में निकलने से पहले एलोवेरा का यह रस अच्छी तरह से अपनी त्वचा पर लगा लें । यह माइस्चराइजर के रुप में भी काम करता है और सनबर्न से त्वचा को बचाता भी है । यदि तेज गर्मी के कारण आपकी त्वचा झुलस चुकी हो तो दिन में तीन बार त्वचा पर इसका रस लगाने से शीघ्र ही आराम पा सकते हैं ।
2. जलने या चोट लगने पर इसका जेल (गूदा) लगाने से बहुत आराम मिलता है । जलने के तुरन्त बाद उस जगह को ठण्डे पानी से धोकर यह जेल लगा लेने से फफोले भी नहीं निकलते और तीन-चार बार लगा लेने से जलन भी समाप्त हो जाती है ।
3. एक अच्छे स्वास्थ्यवर्द्धक पेय के रुप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है । एक गिलास नारियल पानी में चार चम्मच यह रस मिलाकर पीना शरीर को उर्जा प्रदान करने के साथ ही गर्मी में घर से बाहर होने पर लू से बचाव भी करता है ।
4. बाहर घुमने वाले लोगों को अपनी त्वचा के साथ ही बालों की सुरक्षा की चिंता भी रहती है । बालों की खूबसूरती के लिये सप्ताह में दो बार शेंपू करने से पहले चमेली, जोजोवा या नारियल तेल में ग्वारपाठे का यह रस मिलाकर अच्छी तरह से अपने बालों में लगाएं । इससे बाल बेजान होने से बचने के साथ ही सुन्दर, स्वस्थ व लंबे बने रहेंगे ।
5. पाचनक्रिया और त्वचा पुनर्निमाण के लिये एलोवेरा का जूस लाभवर्द्धक होने के साथ ही इस रस को गर्मी के कारण निकलने वाले फोडे-फुंसियों से निजात पाने के लिये त्वचा पर इसका रस लगाकर इस समस्या से बचाव के रुप में भी इसका उपयोग सफलतापूर्वक किया जाता है ।
बाजार से इसका मंहगा जूस खरीदने की बनिस्बत आप इसके पत्तों को छील व काटकर मिक्सर में इतनी देर चलावें कि सारा गूदा जूस बन जावे । इस ताजे जूस को आप तीन-चार दिन काम में लेकर पुनः नया व ताजा जूस निरन्तर बनाकर काम में लेते रह सकते हैं ।

खाद्य सामग्री के रुप में इसका लाभ लेने के लिये-
एलोवेरा के जूस में 50 ग्राम आटा ओसनवाकर उसकी रोटी या बाटी बनावें और अच्छा घी लगाकर इस पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्द्धक रोटी या बाटी को पर्याप्त घी के साथ खांएं ।
एलोवेरा का अचार - नींबू, आम, आंवला आदि के समान ही ग्वारपाठे का अचार भी बनाया जाता है । ग्वारपाठे के पत्तों के टुकडे 1 कि., हल्दी और दालचीनी 5-5 ग्राम, साबुत अजवायन 20 ग्राम, सादा या सेधा नमक 10 ग्राम या स्वादअनुसार एवं मिर्च आपकी रुचि व स्वाद अनुसार मात्रा में लेकर इन सबको कांच के मर्तबान में भर दें । एक सप्ताह इसे दिन में धूप में रखकर कुछ दिन सामान्य तापमान में रखा रहने पर यह अचार तैयार हो जाएगा । इस अचार को प्रतिदिन थोडी-थोडी मात्रा में भोजन के साथ खाने से सभी प्रकार के उदर रोगों दूर होते हैं । बवासीर के रोगी को विशेष आराम मिलता है । यह अचार स्वादिष्ट व्यंजन होने के साथ ही गुणकारी औषधि भी है

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