कभी सोचा है ठंड के दिनों में क्यों आता है नाक से पानी?


सर्दियों का मौसम लगभग आ ही चुका है। अब तो सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाने में बहुत ही मज़े आते हैं। लेकिन घर से बाहर ठंडी हवा में निकलने पर अचानक ही नाक से पानी आने लगता है। वैसे आपके साथ भी ऐसा होता होगा ना? मैंने सोचा आखिर पता तो करें बिना सर्दी के सबकुछ ठीक होने पर भी नाक क्यों बहने लगती है।  फिर मुझे कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी मिली जो मैं आपसे साँझा करना चाहूंगी।


वैसे नाक और भी मौकों पर बहती है, तो आइये उन मौकों पर नाक बहने के कारण भी जान लेते हैं। 

सर्दी में क्यों बहती है नाक
अब आप सोचेंगे कि इन्फेक्शन होने पर नाक बहती है, उसे ही तो सर्दी होना कहते हैं। हाँ! आप बिलकुल सही कह रहें हैं, लेकिन उसकी कोई वजह भी तो होगी ना। असल में होता यह है कि जब आपको सर्दी होती है तो नाक में कुछ कीटाणु पैदा होते हैं।  इन कीटाणु से लड़ने और इनका खात्मा करने के लिए नाक में स्थित म्यूकस मेम्ब्रेन (श्लेष्मा झिल्ली) कुछ तरह के म्यूकस का कॉम्बिनेशन प्रोड्यूस करती है और इसी वजह से नाक बहती है। 

एलर्जी में भी बहती है नाक
अधिकतर लोगों को धूल-मिट्टी, ऊनी कपड़े, कुछ पशुओं के बाल या अन्य कई वस्तुओं के संपर्क में आते ही छींकें आने लगती हैं। इन वस्तओं को 'एलरजेन' कहते हैं, यानि वो वस्तुएं जिनसे किसी को एलर्जी हो। इस तरह की वस्तुओं के संपर्क में आने से भी ज़्यादा मात्रा में म्यूकस प्रोड्यूस होता है और नाक भी बहने लगती है। 

यह भी पढ़िये : तो इस वजह से खड़े होते हैं रोंगटे और पानी में सिकुड़ जाती है उँगलियाँ

रोने और नाक बहने का क्या है कनेक्शन ?
ये भी बड़ा सवाल है। हम रोते तो आँखों से हैं लेकिन साथ में नाक से भी पानी आने लगता है। इसकी वजह यह है कि जब हम बहुत ज़्यादा रोते हैं तो हमारे पलकों के आतंरिक हिस्से में स्थित डक्ट में से आंसु बहकर नाक की कैवेटिज़ में आ जाते है और यहाँ से बाहर निकलने लग जाते है।   

तीखा खाया, बह गई नाक
कभी ज़्यादा तीख़ा खा लो तो नाक, कान, आँखे सब खुल जाती हैं। आँखों में आंसू तो आते ही है, नाक से भी पानी निकलने लगता है। ऐसा होने के पीछे कारण यह है कि तीख़े फ़ूड में जो मसाले होते हैं, (ख़ासतौर पर मिर्चे) उनमें 'कैप्सेसिन' नामक एक केमिकल होता है। जो हमारे नाक के मेम्ब्रेन को मजबूर करता है कि वो ज़्यादा मात्रा में म्यूकस प्रोड्यूस करे, और फिर क्या बस नाक बहने लगती है। 


सर्द सुबह बहता है नाक से पानी

जब हम साँस लेते हैं तो हमारी नाक अंदर जाने वाली हवा को नमी प्रदान करती है, क्योंकि यह हवा हमारे फेफड़ो तक जाती है। अधिक ठंड में जब ठंडी और सुखी हवा नाक में प्रवेश करती है तो अधिक मात्रा में नमी प्रोड्यूस होती है और पानी बनकर नाक से बहने लगती है। 

एक वजह यह भी है

इसके अलावा यह भी होता है कि नाक में हमेशा पानी की कुछ बूंदे मौजूद रहती ही है। जब तापमान में बहुत ज़्यादा कमी होती है तो यह बुँदे आपस में जुड़कर बड़ी बूंदों का रूप ले लेती हैं। ये बूंदे भारी हो जाती हैं और नाक से बहने लगती है। इसकी एक और वजह यह भी है कि सर्दियों के मौसम में नाक ज़्यादा मात्रा में म्यूकस प्रोड्यूस करती है। 

इस तरह नाक बहने से नहीं होती सर्दी

कुछ लोगों को लगता है कि ठंड में ज़्यादा बाहर रहने से सर्दी हो जाती है लेकिन यह एक गलतफहमी है। ठंड के मौसम में सर्दी ज़्यादा होने का कारण ज़्यादा समय तक घर के अंदर रहना होता है। जी हाँ! यह इसलिए कि आप घर में उन लोगों के आसपास रहते है जिन्हें पहले से ही सर्दी हुई होती है। उन लोगों की छींक और कई जगहों पर कीटाणु छोड़ देती है। जिसकी वजह से आपको भी सर्दी-जुकाम हो जाता है। 
यह भी पढ़िये :   सुबह करे हथेलियों के दर्शन तो होगी धन,यश और कीर्ति की बरसात

इस दुविधा से बचने के लिए करें ये
इस मुश्किल से बचने का एक आसान उपाय यह है कि जब भी घर से बाहर निकले नाक को ढांककर निकलें। इससे नाक की गर्मी बनी रहेगी और नाक से पानी आने की समस्या का समाधान हो जाएगा। 

एक टिप्पणी भेजें

यहाँ पर आपको मिलती है हेल्थ न्यूज, डेली हेल्थ टिप्स और ताजा स्वास्थ्य जानकारियां। इसके साथ ही जीवनशैली और चिकित्सा जगत में होने वाली नयी खोजों से अवगत भी कराते हैं हम।