अकसर आपने एकसे लोगों को देखा होगा जिन्हें बैठे-बैठ पैर हिलाने की आदत होती है । वो कहीं भी बैठे हों अपना पैर आगे पीछे हिलाते रहते हैं । कई लोग लेटे-लेटे भी पैरों में एक अजीब सा कंपन पैदा करते रहते हैं । घर में कोई बड़े-बूढ़े हों तो वो व्यकित को इस आदत के लिए तुरंत टोक देते हैं । ऐसा ना करने की सलाह दी जाती है, ज्योतिष शास्त्रों का हवाला देकर कहा जाता है कि ऐसा करने से शनि आप पर चढ़ जाते हैं । बहरहाल बैठे हुए या लेटे हुए पैर हिलाते रहना एक तरह का सिंड्रोम है । जानिए इसके बारे में सब कुछ …
ये आदत नहीं मानसिक रोग है
कुर्सी पर बैठे-बैठे पैर हिलाने की आदत कोई नॉर्मल प्रॉब्लम नहीं है ये एक प्रकार का सिंड्रोम है, जिसे रेस्टलेस लेग सिंड्रोम कहा जाता है, डॉक्टर्स के मुताबिक ये एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है । इस प्रॉब्लम के लक्षण ही हैं कुर्सी या फिर सोफे पर बैठ कर पैरों को लगातार हिलाते रहना । हालांकि ये आदत हर व्यक्ति में मानसिक रोग का कारण हो ये जरूरी नहीं ।
इग्नोर ना करें
कई बार यह समस्या व्यक्ति के मानसिक रूप से परेशान होने पर हो सकती है । ऐसा होने पर आप रात को चैन से सो नहीं पाते और कई बार टांगों में बहुत ज्यादा दर्द भी हो सकता है । कई लोगों में पैर हिलाने के लक्षण दिखते हैं लेकिन उन्हें दर्द नहीं होता है, तो ऐसा ना समझे कि कोई बात नहीं । इस प्रॉब्लम के लिए आपको ईलाज की सख्त जरूरत होती है, जिसका समय पर मिलना जरूरी है ।
समय रहते इलाज जरूरी
वक्त रहते इस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन ना किया जाए तो आगे चलकर आपको न्यूरोलॉजिस्ट या फिर साइकोलॉजिस्ट से ट्रीटमेंट लेने की जरूरत पड़ सकती है । रेस्टलेस लेग सिंड्रोम आपको किस तरह परेशान कर सकता है, ये कैसे आपकी रातों की नींद उड़ा सकता है, दरअसल ये बीमारी उन लोगों में होती है जो पूरी नींद नहीं ले पाते हैं । या फिर बहुत थके हुए होते हैं ।
इन्हें भी हो सकती है समस्या
नींद पूरी ना होना, बहुत थकान होने या फिर किसी प्रकार के दर्द के चलते हम अपने पैरों को हिलाते हैं । महिलाओं में यह प्रॉब्लम पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द के कारण नींद न पूरी होने के कारण भी हो सकती है। इसके अलावा डायबिटीज और पार्किन्सन बीमारी से ग्रसित लोगों में भी ऐसी रेस्टलेस होने की प्रॉब्लम देखी जा सकती है ।
ये हैं संकेत
इस प्रॉब्लम का पहला संकेत तो यही है कि व्यक्तिबैठे हुए या फिर लेटे हुए हर समय लगातार पैरों को हिलाते रहता है । लेकिन जब इसकी वजह से पैरों में दर्द और खिंचाव महसूस होने लगे तो ये समस्या गंभीर हो सकती है । रात को अच्छे से नींद न आना बार-बार करवट बदलते रहना या फिर पैरों में चुभन जैसा महसूस होना, समस्या के संकेत हो सकते हैं ।
कब शुरू होता है दर्द
इस परेशानी से जूझ रहे लोगों को सोते हुए पैरों में दर्द की शिकायत होती है । दिन में ये दर्द नहीं रहता है । लंबे समय तक खड़े रहने या पैदल चलने से भी आपको रात में दर्द महसूस हो सकता है । इस दर्द को कम करने के लिए आप पैरों की अच्छी मालिश करके सो सकते हैं, आपको रिलीफ मिलेगा । जरूरी नहीं कि हर दर्द किसी बीमारी की ओर संकेत हो लेकिन सावधान रहना जरूरी है ।
बीमारी की वजह
पैर हिलाने की आदत दरअसल शरीर में पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी हो सकती है । शरीर में आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन बी12 जैसे न्यूट्रीशनल फैक्टर्स जब कम होने लगते हैं तो व्यक्ति के अंदर परेशान करने वाले हार्मोन पैदा होने लगते हैं। जो दिमागी रूप से उसे रेस्टलेस फील कराते हैं और हम बैठे-बैठे पैर हिलाने लगते हैं । कई बार डिप्रेशन या एलर्जी की दवाई लगातार खाने से भी रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की समस्या हो सकती है।