इस थैरिपी से शरीर में मौजूद सारे विषैले और जहरीले पदार्थ होंगे चुटकी में बाहर


आज हर जगह प्रदुषण है। चाहे हम घर में हो या कहीं बाहर हो हमें अनगिनत कीटाणुओं और जिवाणुओं से खतरा होता है। इसके अलावा, हमारे खान-पान के तरीकों से भी हमारे शरीर कई प्रकार के विषैले पदार्थ इक्ट्ठे होते जाते हैं। बाहरी प्रदुषण और खाने पीने की चीजों में मिलावट के कारण हमारा शरीर धीरे-धीरे अंदर से कमजोर होने लगता है, जो हमारे शरीर में इक्ट्ठा होकर जहर जैसा बन जाते हैं। लेकिन, अब एक ऐसी थेरेपी सामने आई है जिससे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ को बाहर निकाला जा सकता है।

इस थेरेपी का नाम है ‘फुट थेरेपी।’ इस थेरेपी के माध्यम से हम शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ को चुटकी में बाहर निकाल सकते हैं। यह थेरेपी हमारे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ को निकालने में मदद करती है। दरअसल, यह थेरेपी कोई नई नहीं है बल्कि यह सदियों से इस्तेमाल होती आ रही है। प्राचीन समय में भी लोग इस थेरेपी का इस्तेमाल शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ को बाहर निकलने और शरीर को फिर से चुस्त और दुरुस्त करने के लिए करते आ रहे हैं। लेकिन, बदलते वक्त के साथ इस थेरेपी को और अधिक विकसित किया गया है और अब यह थेरेपी काफी कारगर साबित हो रही है।

ये बात तो हम सभी को माननी होगी का हमारे आसपास की गंदगी का असर हमारे शरीर पर होता है। यह गंदगी हमारे शरीर के अंदर भी जमा होती है। स्मोकिंग और एल्कोहल जैसी चीजों की वजह से शरीर में शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ हमारे लिए खतरनाक बन जाते हैं। धीरे-धीरे ये हमारी बीमारी का कारण बनने लगते हैं और अनिद्रा, तनाव, मुंहासे, आलस, वजन का कंट्रोल से बाहर होना, डिप्रेशन, पाचन बिगड़ना, स्त्रियों में मासिक चक्र का बिगड़ना और दिमागी कमजोरी जैसी बिमारियों की वजह बन जाते हैं। लेकिन, हम जो थेरेपी आपको बताने जा रहे हैं उससे आपकी ये सारी समस्याएं पल भर में खत्म हो जाएंगी।

शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ

इससे पहले की हम आपको बताये की ‘फुट थेरेपी’ कैसे की जाती है। आइये आपको बताते हैं ये होती क्या है। कुछ लोगों को ये गलतफहमी है कि फुट थेरेपी स्पा में की जाने वाली थेरेपी है। ज्यादातर लोगों को लगता है कि पैर की मालिश करने को ही फुट थेरेपी कहते हैं। लेकिन, ऐसे लोग गलत सोचते हैं। यह एक प्राचीन चीनी चिकित्सा है। फुट थेरेपी में चिकित्सक आपके पैरों, हाथों और कानों पर स्थिती प्वाइंट पर प्रेस करता है, जो शरीर के विशिष्ट अंगों और ग्रंथियों से जुड़ी होती हैं।

‘फुट थेरैपी’ में शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ को बाहर निकालने के लिए हमें अपने पांवों को कम से कम 30 मिनट तक पानी में रखना पड़ता है। यह तरीका पहले के मुकाबले अब ज्यादा प्रसिद्ध हो चुका है। इसके प्रसिद्ध होने की मुख्य वजह दिनो दिन बढ़ता प्रदुषण और अनियमित दिन चर्चा है। इस थेरेपी में सबसे पहले अपने पांव को अच्छे से धोकर, गर्म पानी में 30 मिनट तक रखा जाता है। यह पानी आम पानी नहीं होता बल्कि इसमें कुछ खास क्रीम, तेल या ऐसी चीजें मिलाई जाती हैं जिनसे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकलने लगते हैं। ‘फुट थेरैपी’ का यह प्राचीन तरीका है।

  ‘फुट थेरैपी’ के नए तकनीकी तरीके को आप इस वीडियो से जान सकते हैं।

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