वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मेन गेट या मुख्य दरवाजा काले रंग का नहीं होना चाहिये।


कई घरों में रहने वाले लोगों को अक्सर दिक्कतों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है, कई बार घर में रहने वाला शख्स लगातार बीमार पड़ता रहता है या फिर घर में कलह होती रहती है, दरअसल ऐसी स्थिति कई बार वास्तु दोष की वजह से उत्पन्न होती है। घर में मौजूद वास्तु दोष को दूर करने के लिये कई उपाय है, लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि आखिर किन वजहों से ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है।

इस रंग का ना हो मुख्य दरवाजा
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मेन गेट या मुख्य दरवाजा काले रंग का नहीं होना चाहिये, ऐसी मान्यता है कि अगर घर का मुख्य दरवाजा या गेट काले रंग का होता है, तो उस घर के मुख्य सदस्य को अपशब्द सुनने पड़ते हैं, इसके अलावा काले रंग से घर में नकारात्मकता भी आती है। इसलिये अगर आपके भी घर का मुख्य दरवाजा काले रंग का हो, तो उसे तुरंत बदल लें।
दरवाजे पर ना लगाएं ऐसी चीजें
वास्तु के अनुसार घर के मुख्य दरवाजे पर तलवार, चाकू जैसी चीजें नहीं लगानी चाहिये, यदि कोई इंसान अपने घर के मेन गेट या दरवाजे पर ऐसी चीजें लगाता है, तो उस घर में रहने वाले परिवार के लोगों के बीच अक्सर लड़ाई होती रहती है, जिससे तनाव की स्थिति बनती है। अगर आपने भी अपने घर के मुख्य दरवाजे पर ऐसी चीजें लगा रखी है, तो उसे अविलंब हटा लें।
इस समय खुला रखें घर का दरवाजा
ऐसी मान्यता है कि सुबह-सुबह जब सूर्य निकलती है, तो घर के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखनी चाहिये, इससे पॉजिटिव एनर्जी घर में प्रवेश करती है। हालांकि शहर में रहने वाले लोगों के लिये ये काम थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि वो हमेशा अपनी खिड़कियां और दरवाजे बंद रखते हैं, लेकिन संभव हो तो कम से कम सुबह के समय दरवाजे-खिड़की खोलकर रखें।
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कैसा हो मुख्य द्वार ?

मुख्य दरवाजे की ऊंचाई उसकी चौड़ाई से दोगुनी से अधिक होनी चाहिये, इसके साख ही मुख्य दरवाजे के ऊपर दरवाजा या फिर सामने दरवाजा नहीं बनवाना चाहिये, ऐसा करने से धन का व्यर्थ ही नाश होता है, जिससे दरिद्रता आती है। मुख्य दरवाजा हमेशा दो पल्लों का बनना चाहिये और वो आराम से खुले और बंद हो, इस बात का भी विशेष ध्यान रखें, क्योंकि ये शुभ होता है।

मुख्य द्वार खुलने और बंद होने पर आवाज ना करें
जी हां, मुख्य दरवाजा अगर खुलने और बंद होने पर बुरी तरह आवाज करता हो, तो इसे तुरंत दूर करें, क्योंकि जिन मकानों में ऐसे द्वार होते हैं, उस मकान के मालिक पर अशुभ प्रभाव पड़ता है। अगर दरवाजे के दोनों पल्ले आपस में बार-बार टकराते हों, तो घर में क्लेश की संभावना काफी बढ जाती है, इसलिये इस परेशानी को अविलंब दूर कर लें, नहीं तो परेशान हो जाइयेगा।

ऐसे दरवाजे शुभ नहीं
यदि मुख्य दरवाजे का झुकाव अंदर की तरफ हो, तो घर के स्वामी की उम्र कम करता है, यदि झुकाव बाहर की तरफ हो, तो घर के स्वामी को ज्यादातर बाहर ही रहना पड़ता है, मुख्य दरवाजा अपने आप खुलता हो तो मानसिक उन्माद देता है, और यदि ये अपने आप बंद हो जाता हो, तो कुल का नाश करता है। इसलिये अगर आपका दरवाजा भी खुद से खुलता या बंद होता हो, तो उसे ठीक करवा लें।

मुख्य द्वार के सामने ये चीजें ना हो
अगर मुख्य दरवाजे के सामने खंभा, पेड़, कांटेदार पेड़, या दीवार का कोना, या टीला हो, तो वेध दोष लगता है, ये मकान के निवासियों पर अशुभ प्रभाव डालता है, मुख्य दरवाजे के सामने अगर कीचड़ हो तो शोक और यदि पानी बहता हो, तो धन हानि होती है। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें, कि मुख्य दरवाजे के सामने कुंआ ना हो, नहीं तो मकान के सदस्यों को भय, मिर्गी आदि रोगों का सामना करना पड़ता है।

मेन गेट पर लगाएं तुलसी का पौधा
घर के मेनगेट के पास तुलसी या फिर केले का पौधा लगाएं, इससे वास्तुदोष दूर हो जाते हैं, घर में प्रेम और खुशी का वातावरण बना रहता है। इसके अलावा घर के मुख्य दरवाजे के नीचे चांदी का तार दबाकर रखने से वास्तुदोषों का निवारण होता है, किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा घर में नहीं टिकती है, इसलिये मुख्य द्वार के पास तुलसी या फिर केले का पौधा लगाएं।

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