हार्ट अटैक के लक्षण और उससे बचने के उपाय


यदि आपको दिल या सीने में बार-बार दर्द हो रहा है तो ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं, दिल की मांसपेशियों में खून न पहुचने या रुक जाने के कारण हार्ट अटैक होने का खतरा होता हैं, जिसे दिल का दौरा कहते हैं। हम आपको हार्ट अटैक से बचने के कुछ घरेलु उपाय बताते हैं..

अपने कोलेस्ट्रोल स्तर को 130 एमजी-डीएल तक रखिए : कोलेस्ट्रोल के मुख्य स्रोत जीव उत्पाद है , जिनसे जितना अधिक हो , बचने की कोशिश करनी चाहिए । अगर आपको युक्त यानी लीवर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल घटाने वाली दवाओं का सेवन करना पडा सकता है ।
अपना सारा भोजन बगैर तेल के बनाएं , लेकिन मसाले का प्रयोग बंद नहीं : मसाले हमें भोजन का स्वाद देते है, न की तेल का । हमारे ‘जीरो आयल‘ भोजन निर्माण विधि का प्रयोग करें और हजारों हजार जीरो आयल भोजन स्वाद के साथ समझोता किए बगैर तैयार करें । तेल ट्रिगलीराइडस होते है और रक्त स्तर 130 एमजी-डीएल के नीचे रखा जाना चाहिए ।
अपने तनावों को लगभग 50 प्रतिशत तक कम करें : इससे आपको ह्रदय रोग को रोकने में मदद मिलेगी , क्योंकि मनोवेग्नानीक तनाव ह्रदय की बीमारियों की मुख्य वजह है । इससे आपको बेह्तार जीवन स्तर बनाए रखने में भी मदद मिलेगी ।
हमेशा ही रक्त दबाव को 120-80 एमएम एचजी के आस – पास रखे : बढ़ा हुआ रक्त दबाव विशेष रूप से 130-90 से ऊपर ब्लांकेज को दुगुनी रफ्तार से बढ़ाएगा । तनाव में कमी, ध्यान, नमक में कमी तथा यहाँ तक की हल्की दवाएं लेकर भी रक्त दबाव को कम करना चाहिए ।
अपने वजन को सामान्य रखे : आपका बाडी मॉस इंडेक्स 25 से नीचे रहना चाहिए । इसकी गणना आप अपने किलोग्राम वजन को मीटर में अपने कद के स्केयर के साथ घटाकर कर सकते है । तेल नहीं खाकर एवं निम्न रेशो वाले अनाजों तथा उब किस्म के सलादों के सेवन द्वारा आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते है।
नियमित रूप से आधे घंटे तक टहलना जरूरी : टहलने की स्फ्तार इतनी होनी चाहिए. जिससे सीने में दर्द नहीं हो ओर हांफे भी नहीं । यह आपके अछे कोलेस्ट्रोल को बढाने में आपकी मदद कर सकता है।
15 मिनट तक ध्यान और हलके योगा व्यायाम रोज करें : यह आपके तनाव तथा रक्त दबाव को कम करेगा । आपको ह्रदय रोग को कम नियंत्रित करने में मददगार साबित होगा ।

भोजन में रेशे और एंटी आक्सीदेट्स : भोजन में अधिक सलाद , सब्जियों तथा फलों का प्रयोग करें । ये आपको भोजन में रेशे और एंटी आक्सीदेट्स के स्रोत है और एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रोल को बढाने में सहायक होते है । 

अगर आप मधुमेह से पीड़ित है, तो शक्कर को नियंत्रित रखे : ब्लड शुगर 100 एमजी डीएल से नीचे होना चाहिए और खाने के दो घंटे बाद उसे 140 एमजी-डीएल से नीचे होना चाहिए । व्यायाम, वजन में कमी, भोजन में अधिक रेशा लेकर तथा मीठे भोज्य पदार्थों से बचते हुए अधुमेह को खतरनाक न बनने दें. अगर आवश्यक हो, तो हल्की दवाओं के सेवन से फायदा पहुँच सकता है ।

हार्ट अटैक से पूरी तरह बचाव : हार्ट अटैक से बचने का सबसे आसान सन्देश है और हार्ट में अधिक रूकवाटे न होने दें । यदि आप इन्हें घटा सकते है , तो हार्ट अटैक कभी नहीं होगा ।

पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें. पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार। इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती। दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें।

पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है। इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं। खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें। प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।

अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें।

दिल के रोगों के लिए लाभकारी सब्जियां :

प्याज –  इसका प्रयोग सलाद के रूप में कर सकती है । इसके प्रयोग से रक्त का प्रवाह ठीक रहता है । कमजोर ह्रदय होने पर जिनको घबराहट होती है या ह्रदय की धड़कन बढ़ जाती है , उनके लिए प्याज बहुत ही लाभादारक है।

टमाटर – इसमें विटामिन सी , बीताकेरोटिन , लाइकोपीन , विटामिन एक व पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है , जिससे दिल की बीमारी का ख़तरा कम हो जाता है।

लोकी – इसे घिया भी कहते है । इसके प्रयोग से कोलेस्ट्रोल का स्तर सामान्य अवस्था में आना शुरू हो जाता है। ताजी लोकी का रस निकालकर पोदीना पत्ती – 4 व तुलसी के 2 पत्ते डालकर दिन में दो बार पीना चाहिए।

लहसुन – भोजन में इसका प्रयोग करें. खाली पेट सुबह के समय दो कलियाँ पानी के साथ भी निगलने से फायदा मिलता है।

गाजर – बड़ी हुई धड़कन को कम करने के लिए गाजर बहुत ही लाभदायक है। गाजर का रस पिएँ , सब्जी खाए व सलाद के रूप में प्रयोग करें।

एक टिप्पणी भेजें

यहाँ पर आपको मिलती है हेल्थ न्यूज, डेली हेल्थ टिप्स और ताजा स्वास्थ्य जानकारियां। इसके साथ ही जीवनशैली और चिकित्सा जगत में होने वाली नयी खोजों से अवगत भी कराते हैं हम।