सोने के तरीके से जानें आपके अंदर छिपी है कौन सी बीमारी


आप सोचिए आप लाइट बंद करते हैं और सोने के लिए तैयार हैं। या तो आप पीठ के बल सोएंगे या फिर पेट के बल या तो करवट लेकर। आप की सोने की स्थिति पर इस बात पर निर्भर होती है कि आप रात में कितनी बार जागते हैं, आपकी पीठ या गर्दन का दर्द और आपकी खर्राटों की समस्या या स्लीप एपनिया ।


हमारी नींद की दिनचर्या ही एक ऐसी चीज़ है जो अविरोध है। यहां तक कि अगर आपका रात को सोने का समय बदलता है तो आप सुबह के समय भी अलग अलग समय पर जागते हैं और आपका रोज़ सोने का भी अपना पसंदीदा स्थान ही होता है।

दुर्भाग्य से आपका सोने का तरीका गलत हो सकता है। या यूं कह सकते हैं कि जिस तरीके से आप सोते हैं या जिस सोने के तरीके को आप आरामदायक मानते हैं क्या वो कहीं आपकी स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का कारण तो नहीं। आइए बात करते हैं सोने के तरीकों के बारे में और अपने सोने के तरीके को और बेहतर बनाने के बारे में।

भ्रूण की तरह सोना :
लोगों का विशेषकर महिलाओं का सबसे ज्यादा पसंदीदा तरीका है। देखा जाए तो यह एक स्वस्थ तरीका है, क्योंकि इस तरीके से आपकी रीढ़ की हड्डी  प्राकृतिक रूप से आराम करती है। इस स्थिति की वजह से आप पर्किंसन्स ओर अल्माइज़र्स जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से दूर रह सकते हैं जोकि पेट या पीठ के बल सीधा सोने से होती है।

लकड़ी के लठ्ठे की तरह हाथों को नीचे की तरफ ओर अपने शरीर के करीब लाकर सोना भी सोने का एक अच्छा तरीका है जोकि आपकी सेहत के लिए बहुत अच्छा है। जब आप करवट लेकर सोते हैं और आपकी पीठ बिकुल सीधी होती है,ये आपको स्लीप एपनिया से भी मुक्ति दिलाने में सहायता करता है। आपकी गर्दन और पीठ की दर्द में आराम दिला सकता है साथ ही साथ अपनी रीढ़ की हड्डी को श्रेणीबद्ध करने में भी सहायक है।

सिपाही की तरह सोने की स्थिति जैसे अपनी पीठ के बल लेटकर हाथ अपनी बगलों में रखना खर्राटों की स्थिति उत्पन्न करता है। ये खर्राटे आस पास के लोगों की नींद बाधित करने के इलावा मोटा होना और कैरोटिड धमनी जोकि हमारे दिमाग,चेहरे और गर्दन को खून देती है उसमें भी समस्या का कारण बनता है। लेकिन पीठ के बल सोना आपकी कमर के निचले भाग जे दर्द को कुछ कम कर देता है।

स्टारफिश जैसे सोने की स्थिति में आप पीठ के बल होते हैं लेकिन आपकी टांगें फैली ओर बाजू मुड़कर सिर के नीचे होते हैं। इस स्थिति में एसिड रिफ्लक्स, स्लीप एपनिया और घबराहट की स्थिति उत्पन्न होती है।

पेट के बल सोने की स्थिति में आप पेट के बल लेटकर अपनी दोनों बाजू तकिए के नीचे रखकर ओर अपने सिर को एक तरफ रखकर सोते हैं। भले ही आप आरामदायक महसूस करें लेकिन यह स्थिति आपकी गर्दन और कमर के नीचे के हिस्से को खिंचाव देती है।

असल मे अपनी सोने की स्थितियों में थोड़े से परिवर्तन लाकर हम स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।

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