आपने कई बार लोगों को छोटी सी खरोच या चोट लगने पर उस पर थूक लगाकर उसे सही करते हुए देखा होगा, लेकिन वो ऐसा क्यों करते हैं? इसका सहीं जवाब शायद उनके के पास भी नही होगा? आपने जानवरों को भी अपनी चोट को चाटते हुए देखा होगा। चोट को चाटने के कई फायदे होते है। हमारे मुंह में बनने वाली लार चोटों को ठीक करने में बहुत फायदेमंद होती है।
घाव को चाटने से हो सकते हैं नुकसान भी: लार में बहुत सी ऐसी फायदेमंद चीजें होती हैं, जो चोटों को जल्द ठीक करती हैं। तो दूसरी ओर हमारे मुंह के अंदर कुछ नुकसानदेह बैक्टीरिया भी पाए जाते हैं जो गहरे घावों पर उलटा असर डाल सकते हैं। ऐसा करने में इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। ये नुकसान खासतौर पर उन मरीजों को होता है जिनकी इम्युनिटी पावर कम हो चुकी होती है। ऐसा खासकर डायबिटीज़ के मरीजों के साथ होता है। ऐसे लोग लार से होने वाले इन्फेक्शन या इन्फेक्टिव बीमारी से नहीं लड़ पाते।
ये भी करते हैं मदद: लार में जरूरी प्रोटीन, कुछ खास तरह के एंजाइम्स भी पाए जाते हैं, जो पूरी तरह से एंटीबैक्टीरियल होते हैं। 2008 में एक स्टडी में साइंटिस्ट्स ने ये पाया कि लार में पाया जाने वाला खास तरह का प्रोटीन हमारी चोटों, जलन और घावों को जल्द ठीक करने में काफी मदद करता है।
जानवरों के लिए तो हर हाल में अच्छा, लेकिन इंसान के लिए नहीं: जानवरों की लार उनके खुद के घावों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। खासकर उन जानवरों की लार, जो जंगल में रहते हैं। जंगल में जानवरों को चोट लगने पर वे खुद की चोट को चाटकर ही सही कर लेते हैं। छोटी चोटों पर तो आपकी लार फायदा कर सकती है, लेकिन बड़ी चोटों पर कभी इसका इस्तेमाल न करें। ऐसा करना आपके लिए घातक हो सकता है।