गठिया में अपनाएं ये घरेलू उपाय, 100% ठीक होगा दर्द…


गठिया एक ऐसा रोग है, जो बढ़ती उम्र के ज्याकदातर लोगों को अपनी चपेट में ले ही लेता है। भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में इसके रोगी हैं। जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन इसके सामान्य  लक्षण हैं। मगर गठिया बढ़ जाए, तो रोगी का चलना-फिरना दूभर हो जाता है।


इसका सबसे ज्यादा असर घुटनों और रीढ़ की हड्डी पर होता है। इसके अलावा अंगुलियों के जोड़ों, कलाई, कूल्हों, घुटनों और पैरों के जोड़ों पर असर डालने के साथ-साथ मसल्स, ऊतकों पर भी प्रभाव डालता है। आम समस्या बनी गठिया का घर पर ही आसान तरीके से उपचार किया जा सकता है, जिससे रोगी को काफी राहत मिलेगी। आइये जानते हैं गठिया ठीक करने के कुछ घरेलू उपाय, जो आपको काफी राहत दिलाएंगे।

आलू का जूस
कच्चे आलू का जूस गठिया के उपचार में सबसे कारगर है। यह सदियों से किया जाने वाला देसी उपचार है। आलू के जूस को निकालने के लिए उसे बिना छीले ही पतले-पतले टुकड़ों में काट लें। इसके बाद इन टुकड़ों को पानी से भरे एक बड़े ग्लास में रात भर के लिए ढककर रख दें। सुबह खाली पेट इस पानी का सेवन करें। निश्चित लाभ मिलेगा।
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सब्जियों का जूस
हरी सब्जियों का एक कप जूस रोजाना पीने से गठिया में काफी राहत मिलती है। इसके लिए कुछ हरी पत्तेदार सब्जियों को चुकंदर और गाजर के साथ मिलाकर उसका जूस निकालकर पियें। इसके अलावा एक कप पाइनएप्पल का जूस भी गठिया में आराम पहुंचाता है।

तिल के बीज
1/4 कप पानी में तिल को रातभर भिगोकर रख दें। सुबह खाली पेट इस पानी को भीगे हुए बीजों के साथ ही पी लें। यह उपचार जोड़ों के दर्द में अत्यंत लाभकारी होता है।

लहसुन
लहसुन भी गठिया का कारगर उपचार माना जाता है। इसमें एंटी इन्फ्ला मेट्री गुण पाया जाता है, जो इस बीमारी के उपचार में काफी असरदार होता है। आमतौर पर लहसुन खाने में तो इस्तेमाल होता ही है। मगर इसे पकाकर खाने के साथ-साथ कच्चा भी खाया जाता है। इसके अलावा ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
केला
केला विटामिन B का मुख्य स्रोत है और विटामिन B गठिया के उपचार में असरदार माना जा चुका है। गठिया के रोगी को उपचार के लिए 3-4 दिन तक रोजाना सिर्फ केला खिलाया जाता है। इसमें एक दिन में रोगी 7-8 केले रोजाना खाता है।
मूंग की दाल का सूप
यह सूप जोड़ों के दर्द में सीधा फायदा पहुंचाता है। इसे तैयार करने के लिए एक चम्मच मूंग की दाल को लहसुन की दो कलियों और एक कप पानी में मिलाया जाता है। इसे दिन में दो बार लेने से जल्द राहत मिलेगी।

कड़वी सब्जियां खाएं
करेला, सहजन की फलियां और नीम के फूल गठिया के इलाज में काफी कारगर होते हैं। इनकी सब्जीा बनाकर खाएं। कोशिश करें कि इसे बहुत भुनें नहीं और अगर अधकची सब्जी हो, तो ज्यादा असरदार होगी।
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कैस्टर ऑयल
इस ट्रीटमेंट को एक स्पेनिश डॉक्टर ने ईजाद किया था। दो चम्मच कैस्टर ऑयल को गर्म करके एक ग्लास संतरे के जूस में मिलाकर सेवन करें। इसे रोजाना नाश्ते से पहले लें और तब तक लें, जब तक बीमारी पूरी तरह खत्म न हो जाए। इस दवा का उपयोग सन् 1900 में एक अमेरिकन डॉक्टर ने शुरू किया था, जिसका नाम टेलर था। उसने अपने मरीजों को सलाह दी कि इसका सेवन पहले तीन हफ्ते करें। इसके बाद अगले तीन हफ्ते इसे छोड़ दें। इसके अगले तीन हफ्ते इसे फिर से लेना शुरू करें। ऐसा करने से मरीजों को लाभ मिलने लगा, लेकिन इस प्रक्रिया को अगर इसी तरह से दोहराकर इस्तेमाल नहीं किया गया, तो लाभ नहीं मिलेगा।

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