स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है सुपारी का सेवन


सुपारी का प्रयोग गुटखे या पान-मसाला के तौर पर करने से ये स्वास्थ्य को गंभीर समस्यायें हो सकती हैं, किसी भी रूप में सुपारी से होने वाली स्वास्थ्य समस्‍याओं के बारे में विस्तार से पढ़ें।

नुकसानदायक होती है सुपारी
प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट और मिनरल से भरपूर सुपारी वैसे तो एक आयुर्वेदिक औषधि होती है। लेकिन पान-मसाला और मीठी सुपारी मे इसका सेवन आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो जाता है। अगर औषधि के रूप मे इसका प्रयोग करेंगे तो ये आपको कई बीमारी से निजात दिला सकती है वहीं गुटखे के तौर पर इसका सेवन कई गंभीर बीमारियों की जड़ बन सकती है।

मीठी सुपारी के नुकसान
इसके खाने से थ्री-फोर वेज पायरिया होता है। इससे दूध के दांत ही खराब नहीं होते बल्कि आगे चलकर ये कैंसर का रूप धारण कर लेता है। बताया कि खास तौर से जीभ का कैंसर ज्यादा होता है। हर मीठी सुपारी बच्चों के लिए हानिकारक होती है।  यह केमिकल से तैयार की जाती है। इसके खाने से मुंह में जकड़न आना शुरू हो जाती है तथा धीरे-धीरे मुंह बंद होने लगता है।

महिलाओं के लिए खतरनाक
सुपारी का ज्यादा सेवन करने से महिलाओं को स्तन रोग, स्तन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, बांझपान, मानसिक धर्म का अचानक बंद हो जाना, अनियमित मासिक धर्म, कम उम्र में रजोनिवृत्ति, काम शिथिलता, सेक्स के प्रति अरुचि या अत्यधिक सेक्स आदि में से कोई एक या कई समस्याएं एक साथ उत्पन्न हो सकती हैं।

म्यूकस फाइब्रोसिस
मुंह के ना खुलने को म्यूकस फाइब्रोसिस कहा जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण सुपारी -तम्बाकू उत्पादों का सेवन करना होता है। मुंह नहीं खुलेगा तो दांतों और मसूड़़ों की सफाई कैसे होगी। मुंह नहीं खुलना कैंसर से ठीक पहले के लक्षण हैं। दांतों पर लगा इनेमल घिस जाता है और दांत संवेदनशील बन जाते हैं। दांतों के पेरिओडोंटल टिश्यू (दांत की हड्डी) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और दांत ढीले हो जाते हैं।

सेक्स हार्मोन प्रभावित
गुटखे में मौजूद कई किस्म के रसायन हमारे डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते है।इसके अलावा हमारे सेक्स हार्मोन भी इससे प्रभावित हो सकते हैं।  हमारे शरीर के हर अंग में पाए जाने वाले साइप-450 नामक एंजाइम की कार्यक्षमता पर इसका बुरा असर पड़ता है। हमारे शरीर में ये एंजाइम हार्मोंस के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

छाले चिंताजनक
सुपारी चबाना एक बहुत बुरी लत है। अगर आप सुपारी को तंबाखू के बिना कभी-कभी चबाते हैं तो ज़्यादा नुकसान की आशंका नहीं है। एक शोध के अनुसार चिंताजनक बात तब है जब मुँह में छाले हो जाएँ जो ठीक ही नहीं हो रहे हों, या फिर मुँह के भीतर लाल या सफेद रंग के धब्बे हों और मुँह खोलने में दिक्कत आ रही हो।

कैंसर
कैंसर से सुपारी और तंबाकू का गहरा संबंध है। तंबाकू, जर्दा तथा सुपारी चबाने से कैंसर के होने का रास्ता आसान हो जाता है। ये पदार्थ मुंह, गले व भोजन की नली तथा पाचन संस्थान में पहुँचकर पतली तह के रूप में जम जाते है। ये धीरे-धीरे सूजन का रूप धारण कर आंतरिक त्वचा पर जम जाते है जो आसानी से साफ नहीं होती। ये आंतों में भी जम जाते है और धीरे-धीरे कैंसर में बदल जाते है।

अन्य रोग
इसका अत्यधिक सेवन करने के  अन्य दुष्प्रभाव होते है,पाचन तंत्र को प्रभावित करने में ,जिसके चलते भूख नहीं लगती। ह्रदय रोग,फेफड़ों के रोग,दमा,मानसिक अवसाद आदि व्याधियां अपना शिकार बनाती हैं। खाने में जलन यहाँ तक कि ताजे पानी से भी जलन, रक्तचाप बढ़ना,  छाती का दर्द जैसी प्रारम्भिक शिकायतों के बाद में स्थायी बन जाती है।

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