दाद खाज खुजली जड़ से साफ़, बस करो ये उपचार


दाद एक जिद्दी प्रक्रति का रोग होता है यदि समय पे चिकित्सा न की जाए तो ये स्थाई रहने वाला रोग है वैसे ये शरीर में सभी जगह होता है लेकिन खास कर गुप्त अंगो पे होने वाला दाद सबसे जादा अधिक कष्टकारी होता है और यदि ये पुराना हो जाए तो आप कितनी भी एंटीफंगल क्रीम लगा लो कुछ दिन बाद ये फिर अपने रूप में वापस आ ही जाता है-

क्या करें-

1- सबसे पहले सामान्य नहाने वाली साबुन, शैम्पु, आदि केमिकल का प्रयोग बन्द कर दे आप नहाने के लिये केवल ग्लिसरीन सोप का प्रयोग कर सकते है या फिर नीम सोप का इस्तेमाल करे-
2- यदि आप कोई एटीफ़ंगल क्रीम लगा रहे है तो आप उसे लगातार लगाएं आप ऐसा मत करे कि बस एक या दो दिन लगाया और कुछ ठीक होने पर फ़िर छोड दिया इससे दाद और भी जिद्दी हो जाता है-
3- आपके पहनने वाले कपडे अच्छी तरह धुले हुए और सुखे हुए होने चाहिये मेरे कहने का अभिप्राय यह है कि उनमे डिटर्जण्ट का मामुली सा अंश भी नही रहना चाहिये ये मामुली सी बाते आपको विभिन्न त्वचा विकारों से बचा सकती है-
4- चर्म रोग बेहद गंभीर रोग है जिसमें त्वचा में दाद के काले निशान पड़ जाते हैं तब इसे एक्जिमा भी कहा जाता है इस रोग में त्वचा पर खुजली, दर्द और जलन होती रहती है आखिर क्यों होता है चर्म रोग ये भी जानना जरूरी है ताकि आप समय रहते इस रोग से अपना बचाव कर सके-
5- आप जब भी स्नान करें तो आप नहाने के बाद नारियल का तैल अवश्य ही लगाएं-

दाद के कारण (Reason Of Ringworm)-

1- रसायनिक चीजों का ज्यादा प्रयोग करना जैसे साबुन, चूना, सोड़ा और डिटर्जेट का अधिक इस्तेमाल करना-
2- पेट में कब्ज का अधिक समय तक होने से भी Ringworm होता है-
3- रक्त विकार होने की वजह से भी Ringworm होता है-
4- महिलाओं में मासिकधर्म की परेशानी की वजह से भी उन्हें दाद(Ringworm) हो सकता है-
5- किसी दाद पीड़ित इसान के कपड़े भूलकर भी न पहने आपको भी यह रोग हो सकता है-

दाद रोग(Ringworm)के लक्षण-

एक्जिमा रोग में त्वचा पर छोटे-छोटे दाने निकलने लगते हैं और फिर ये लाल रंग में बदलने लगते हैं और इनमें खुजली होती रहती है और खुजलाने से जलन होती है फिर ये दाग के रूप में त्वचा में फैलने लगता है यदि सारे शरीर में दाद होता है उससे रोगी को बुखार भी आने लगता है-

एक्जीमा (Eczema) के उपचार-

1- समुद्र के पानी से प्रतिदिन नहाने से एक्जिमा बिलकुल भी ठीक हो जाता है-
2- आप खाने में नमक का सेवन कम कर दें और यदि हो सके तो कुछ समय तक नमक का सेवन बंद ही कर दें तथा नीम के पत्तों को पानी में उबाल कर उससे रोज स्नान करें-
3- साफ सुथरे कपड़े पहना करें और खट्टे, चटपटे, और मीठी चीजों का इस्तेमाल न करें क्योंकि ये रोग को और अधिक बढ़ाते हैं-
4- यदि Eczema गीले किस्म का है तो इस पर पानी का प्रयोग न करें-

जिद्दी दाद (Eczema) के लिये कुछ आयुर्वेदिक योग-

पकने वाले दाद(Eczema)के लिए-
सबसे पहले आप त्रिफ़ला को एक तवे पर एक जला ले(त्रिफ़ला को तवे पर रख कर उस पर कटोरी उलटी कर के रख दे ताकि धुवां त्रिफ़ला की भस्म मे ही रम जाए)फ़िर उसमे कुछ फ़िटकरी मिला कर और वनस्पतिक घी, कुछ देसी घी, सरसो का तैल, और कुछ पानी , सबकी समान मात्रा होनी चाहिये-इन सब को मिलाकर इनको खरल मे अच्छी तरह मर्दन(घोंटे)करे और मलहम बना ले बस आपकी क्रीम तैयार है अब आप पकने वाले और स्राव युक्त दादों पर इसे लगाए-

जिद्दी और रुखे दाद(Eczema)के लिये-
पलाश के बीज
मुर्दाशंख
सफ़ेदा
कबीला
मैनशिल
माजुफ़ल
( उपर लिखी सभी सामान आयुर्वेदिक जड़ी बूटी बेचने वाले पंसारी से बराबर की मात्रा में ले)

उपरोक्त सभी वस्तुए सामान मात्रा में ले फिर करन्ज के पत्तों का रस और निम्बु का रस, इनसे भावना देकर सारा दिन मर्दन करें अब बस औषधि तैयार है फिर इन सब की गोली बनाकर सुखा ले और गुलाब जल के साथ घीस कर प्रभावित स्थान पर लगा ले-

दाद के लिए एक और प्रयोग-
आप बाजार से 50 ग्राम गंधक ले आए ये आपको जड़ी बूटी बेचने वाले से मिल जाएगी आपको शुद्ध गंधक लेने की जरूरत नहीं है बस आप इसे बारीक पीस ले और लगभग 6-9 इंच चौड़ा और 12-18 इंच लंबा सूती कपड़े का टुकड़ा ले यह टुकड़ा पुराने बानियान का भी ले सकते है अब आप इस टुकड़े पर गंधक फैला दे फिर इसका इस तरह रोल/रस्सी बनाए की गंधक बाहर न निकले अब आप इसे सूती धागे से इस तरह बांध दे कि लटकाने पर भी कपड़े कि रस्सी से गंधक बाहर न निकले अब आप इसे एक 2 फुट लंबी लकड़ी कि छड़ी से बांध दे तथा उसके बाद उस गंधक वाले कपड़े की रस्सी पर इतना सरसो के तेल लगाए कि यह और अधिक तेल न सोख सके-

अब आप उस कपड़े रस्सी के नीचे बड़ी कटोरी रख कर उस कपड़े की रस्सी को आग लगाए इस प्रकार जलाने से जो तेल नीचे बर्तन मे टपके उसे सफाई से एक काँच की बोतल मे रखे यदि जले हुए कपड़े का कोई टुकड़ा बर्तन मे गिर जाए तो फिर आप तेल को छान लें-

ध्यान रहे कि आप खुले घाव पर यह तेल न लगाए यह केवल बाहरी प्रयोग के लिए हैं और ध्यान रहे कि आंखो मे यह तेल न जाने पाए और यह भी ध्यान दें कि जब यह रस्सी जलती है तो धुआँ निकलता है उससे स्वयं को आप बचाए आप इसे दाद पर नियमित लगा सकते है-

तेल का प्रयोग-
1- दाद को किसी कठोर कपड़े से या बर्तन साफ करने के स्क्रबर से दाद को खुजाए और उस पर यह तेल लगा कर पीपल या केले के पत्ते का टुकड़ा रख कर पट्टी बांध दे-

2- यदि आपको की शिकायत है तो खुजली पर यह तेल लगाए और उसके बाद उस अंग पर भाप से सेक करे बिना भाप के यह धीमे लाभ करता है यदि पूरे शरीर पर खुजली हो तो तेल लगा कर धूप मे बैठे तथा एक घंटे बाद गरम पानी से नहाए-

कुछ अन्य आयुर्वेदिक टिप्स-

1- दाद पर अनार के पत्तों को पीसकर लगाने से लाभ होता है तथा दाद को खुजला कर दिन में चार बार नींबू का रस लगाने से दाद ठीक हो जाते हैं-

2- केले के गुदे में नींबू का रस लगाने से दाद ठीक हो जाता है साथ ही चर्म रोग में रोज बथुआ उबालकर निचोड़कर इसका रस पीएं और सब्जी खाएं-

3- गाजर का बुरादा बारीक टुकड़े कर लें फिर इसमें सेंधा नमक डालकर सेंके और फिर गर्म-गर्म दाद पर डाल दें-

4- कच्चे आलू का रस पीएं इससे दाद ठीक हो जाते हैं-

5- नींबू के रस में सूखे सिंघाड़े को घिस कर लगाएं पहले तो कुछ जलन होगी फिर ठंडक मिल जाएगी, कुछ दिन बाद इसे लगाने से दाद ठीक हो जाता है-

6- हल्दी तीन बार दिन में एक बार रात को सोते समय हल्दी का लेप करते रहने से दाद ठीक हो जाता है या फिर दाद की शुरुवात होने पर गर्म पानी में अजवाइन पीसकर लेप करें एक सप्ताह में ठीक हो जाएगा तथा अजवाइन को पानी में मिलाकर दाद धोएं-

7- दाद में नीम के पत्तों का 12 ग्राम रोज पीना चाहिए तथा दाद होने पर गुलकंद और दूध पीने से भी आपको फायदा होगा-

8- नीम के पत्ती को दही के साथ पीसकर लगाने से दाद जड़ से साफ हो जाते है-गेंदे के फूल में एंटी बैक्टीरियल के साथ एंटी वायरल तत्व होते हैं जो चर्म रोग में लाभ देता है इसलिए आप गेंदे की पत्तियों को पानी में अच्छे से उबाल लें और दिन में तीन बार Eczema से प्रभावित जगह पर लगाएं-क्या करें-

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