क्या मधुमेह में गुड़ का सेवन करना अच्छा है?

अगर आप मधुमेह के शिकार हैं, तो आप शायद पहले से ही यह तथ्य जानते होंगे कि आप को कुछ भी मीठा खाने से बचना चाहिए। लेकिन फिर भी कई लोगों को यह शंका होती है कि क्या गुड़ मधुमेह के दौरान खाया जा सकता है? क्या यह मीठा होने के बावजूद भी मधुमेह के लिए अच्छा हो सकता है? मधुमेह रोगियों पर गुड़ के प्रभावों को समझने के लिए गुड़ की संरचना और इसकी विशेषताओं को समझना जरूरी है।

गुड़ की संरचना

गुड़ खजूर, गन्ने का रस, और खजूर के पौधों के रस का एक केंद्रित मिश्रण है। इसका रंग भूरे रंग से गोल्डन और हल्के से गहरे के बीच होता है। इसकी संरचना का 50 प्रतिशत सुक्रोज से बनता है, करीब 20 प्रतिशत इंवर्ट शुगर से बनता है और इसमें 20 प्रतिशत नमी होती है।

मधुमेह में गुड़ का सेवन

हालांकि गुड़ के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, इसे ज्यादातर मधुमेह रोगियों को लेने की सिफारिश नहीं दी जाती है। इसका कारण यह है कि गुड़ में अधिक कैलोरी शामिल है। एक स्वीटनर होने के नाते, यह रक्त में शर्करा को तेजी से बढ़ाता है। गुड़ और रिफाइंड चीनी के बीच का अंतर, वास्तव में बस रंग में ही है। और गुड़ में भी चीनी की लगभग समान राशि ही शामिल है। इसलिए इसका रक्त में शर्करा पर समान सा ही प्रभाव है।

एक विशिष्ट खाद्य पदार्थ से शरीर में ग्लूकोज की कितनी मात्रा आती है, इसे मापने के लिए एक सूचकांक है जिसे ग्लाइसेमिक सूचकांक के रूप में जाना जाता है। अधिक ग्लूकोज का मतलब अधिक ग्लाइसेमिक सूचकांक है। गुड़ में भी एक बहुत ही उच्च ग्लाइसेमिक सूचकांक है।

हाल ही में एक अध्ययन में यह पाया गया कि जिन प्रतिभागियों ने चीनी का सेवन किया और जिन्होंने गुड़ का सेवन किया, दोनों के रक्त शर्करा का स्तर काफी समान था। इससे यह साबित हो गया कि गुड़ के और चीने के सेवन का रक्त शर्करा पर प्रभाव काफी हद तक एक जैसा ही है।

तो, क्या मधुमेह रोगियों के लिए गुड़ अच्छा है? हम कह सकते हैं कि गुड़ मधुमेह रोगियों के लिए एक सुरक्षित विकल्प नहीं है। यह लगभग परिष्कृत सफेद चीनी की तरह ही काम करता है। दोनों के घटक समान हैं और वे रक्त में शर्करा पर एक जैसा ही प्रभाव डालते हैं। इससे पहले कि आप गुड़ के विषय में अपने आहार में कोई बदलाव लाएं, अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

मधुमेह रोगी का आहार

इसके अलावा, अगर आप एक मधुमेह रोगी हैं, सुनिश्चित करें कि आप इन संकेतों का पालन करें –
  • अपने आहार में उच्च फाइबर खाद्य उत्पादों को शामिल करें। 
  • सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस चुनें।
  • मटर, हरी सब्जियों को आहार में शामिल करें।
  • जितना संभव हो, कम संसाधित अनाज का सेवन करें।
  • स्वस्थ प्रोटीन खाएं।
  • अच्छे फैट को खाएं।
  • आलू से बचें।
  • मीठा पेय, सोडा और अधिक ऐसे पदार्थो को लेना कम करें।
  • सुबह का नाश्ता नहीं छोड़ें – दिन में तीन स्वस्थ मील्स ज़रूर लें।
  • एक उचित अवधि के लिए कैलोरी की सीमा को नियमित रखें।

मधुमेह एक गंभीर समस्या है। इसमें विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श करें और अपने ख़ान पान, दिनचर्या आदि में सुधार लाएं।

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