हकलाना, तुतलाना, जबान मोटी का समाधान दालचीनी में छिपा है


हकलाना और तुतलाना ऐसी गम्भीर समस्या है जो अच्छे भले व्यक्तित्व के धनी इन्सान की पर्सनलटी का सत्यानाश कर देती है । आत्मविश्वास की ऐसी धज्जियॉ उड़ जाती हैं कि हकलाने वाला इंसान समाज से कटा कटा रहने लगता है । हकलाना और तुतलाना दोनों अलग अलग समस्यायें हैं । हकलाने में व्यक्ति बोलते बोलते अटक जाता है और तुतलाने में शब्दों का उच्चारण साफ नही हो पाता है जैसे कि “र” को “ल” अथवा “ड़” बोलना आदि । इस दोनों के अलावा एक और समस्या होती है जिसमें बोलते समय मुँह से हवा का प्रेशर निकलता रहता है और कभी कभी सामने वाले के ऊपर थूक भी गिर जाता है, ऐसा जीभ के मोटा होने के कारण हो जाता है ।

इन सभी समस्याओं के कारण से बहुत सी परेशानी तो होती ही है और कुछ सही समाधान भी मिल नही पाता है । कोई बोलता है कि नमक के गरारे करो तो कोई सलाह देता है कि स्पीच थैरेपी लेलो । किंतु इन समस्याओं का सही समाधान छिपा है दालचीनी में ।

दालचीनी का तेल और दालचीनी की छाल दोनों ही चीजे इस समस्या के लिये प्रयोग की जा सकती हैं । दिन में दो बार दालचीनी के तेल का जीभ पर लेप करने से तुतलाने और मोटी जबान में लाभ मिलता है । जबकि दालचीनी की छाल का छोटा टुकड़ा जीभ पर रखकर चूसते रहने और लार को गटकते रहने से हकलाने की समस्या में लाभ मिलता है और यह भी मोटी जीभ की समस्या में फायदा करता है ।

इन प्रयोगों के साथ यदि थोड़ा सा साफ और लगातार बोलने का अभ्यास भी किया जाये तो इतना अच्छा लाभ होता है कि बोलने वाले को खुद अपने पर विश्वास नही होता कि मै इतना साफ और प्रवाह में भी बोल सकता हूँ । तो अगर आपको या आपके किसी परिचित को इनमें से कोई समस्या हो तो इन सरल प्रयोगों को जरूर आजमायें ।

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