जानिए आखिर सर्दियों में सेहत के लिए गर्म मसाले खास क्यों!


सर्दियों का मौसम आते ही हम ऐसी चीजों का सेवन करना शुरु कर देते है। जिससे कि आपका शरीर गर्म रहे और आपको किसी भी तरह की कोई बीमारी न हो। इसके लिए हम सौंठ के लड्डू, काली मिर्च से लेकर न जानें कौन-कौन से गर्म मसाले का इस्तेमाल करते है। माना जाता है कि हम कोई भी चीज खाते है, तो हमारे शरीर में उसका प्रभाव पड़ता है। वो अच्छा हो सकता है और बुरा भी। हर चीज की अपनी ही तासीर होती है। खाने में अगर मसाले न हो तो फिर बात ही क्या। उसके बिना तो कोई खाना लजीज हो ही नहीं सकता है। मसाले हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते है। यह हर्बल तरीके से बने होते है। जानिए कौन से मसाले आपकी सेहत और सर्द हवाओं से आपको बचा सकते है।

सौंठ
सौंठ अदरक का ही सूखा रुप होता है। यह हमें कई बीमारियों से निजात दिलाती है। इसका इस्तेमाल हर घर में किसी न किसी तरह किया जाता है। इसे कच्ची अदरक चटनी, मुरब्बा, अचार के रूप में, सब्जी-दाल में सुगंध स्वाद व पाचन बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसका सेवन करने से गठिया नाशक, त्रिदोष नाशक, पाचक, स्वादिष्ट, गर्म, अतिसार, हृदयरोग और उदररोग नाशक है। अगर आपको अतिसार की समस्या है, तो सौंठ, जीरा और सेंधा नमक का चूर्ण ताजा दही या मट्ठे में मिलाकर खाने के बाद पी लें। इससे आपको फायदा मिलेगा।

कालीमिर्च
काली मिर्च का इस्तेमाल स्वाद बढ़ने में किया जाता है। इसके साथ ही ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इसका सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ाने, मोटापा कम करने, पेट के रोग और हर तरह के बुखार को दूर भगाने में किया जाता है।  इसके साथ ही इसका सेवन करने से आपकी भूख भी बढ़ती है। अगर आपको सर्दी-जुकाम की समस्या है, तो काली मिर्च के सेवन से इस समस्या से निजात पा सकते है। इसके लिए कालीमिर्च पाउडर में शहद मिलाकर चाट लें। आपको आराम मिल जाएगा।

मटमैली भूरी कायफल
कायफल के पेड़ की छाल मटमैली भूरी होती है। यह गर्म तासीर वाला, कड़वा, कसैला और चरपरा होता है। इसका इस्तमेला सर्दी-जुकाम, बुखार, यूरीन संबंधी समस्या, बड़ी आंत में सूजन आदि में किया जाता है। अगर आपको जुकाम की समस्या है, तो आप कायफल और सोंठ को मिलाकर काढ़ा बनाएं और इसका सेवन करें।

जायफल
जायफल के गुणों के बारें में कौन नहीं जानता है। छोटे बच्चे को सर्दी से बचाने के लिए दूध के साथ इसे घिस कर दिया जाता है। इसके अलावा सर्दी-जुकाम होने पर जायफल को गर्म पानी में घिसकर चटाया जाता है। जिससे कि उसका शरीर गर्म रहे। जायफल का इस्तेमाल खाने में स्वाद और खूशबू बढ़ाने में किया जाता जाता है। इसकी तासीर थोड़ी गर्म होती है। सांस रोगों में पान में दो-तीन पंखुड़ी जावित्री डालकर लेने से फायदा होता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल भूख लगने, पाचन तंत्र के लिए भी किया जाता है।

अकरकरा
अकरकरा का इस्तेमाल राजसी दावतों की दाल, कढ़ी, मसाला बाटियों, गट्टा और पुलाव में किया जाता है। यह खाने में कड़वा, तीखा, प्रकृति में गर्म तथा कफ और वातनाशक है। इसका सेवन करने से मुंह की बदबू, खून बढ़ाने, तुतलाहच, दांत संबंधी समस्या आदि में किया जाता है। अर्जुन की छाल और अकरकरा का चूर्ण दोनों को बराबर मिलाकर पीसकर दिन में सुबह और शाम आधा-आधा चम्मच की मात्रा में खाने से घबराहट, हृदय की धड़कन, दर्द आदि में फायदा मिलता है।

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