जिगर में दर्द और सूजन का उपचार

हर इंसान ये चाहता है कि उसका शरीर निरोगी रहे और उसे किसी भी तरह के रोग ना लगेंं। लेकिन जिगर में किसी भी तरह की समस्या का होना इंसान के लिए सारी जिदंगी की समस्या बन जाती है। क्योंकि जब कभी भी जिगर में किसी भी प्रकार की समस्या आती है तब शरीर बेजान हो जाता है और कमर के दांए हिस्से में खासकर कि पसलियों के नीचे दर्द और सूजन होने लगती है।
जिगर में दर्द और सूजन का उपचार
जिगर के दर्द के लक्षण
हमने आपको अभी बताया है कि पसलियों में दर्द और सूजन के अलावा कमर के दांए भाग में दर्द ही जिगर के दर्द और सूजन का प्रमुख लक्षण है।
कैसे छुटकारा पांए इस बीमारी से
आयुर्वेद में जिगर में सूजन और दर्द का वैदिक उपचार है। जिगर कमर के दांए और पसलियों के नीचे होता है।
उपचार
  • सुबह शाम के समय में मूली का बना मीठा अचार 50—50 ग्राम की मात्रा में नियमित रूप से सेवन करते रहें।
    यदि आप मीठा अचार नहीं खा सकते हैं तो मूली का नमकीन अचार का सेवन करें।
  •  ध्यान रहे अचार खट्टा ना हो। नहीं तो परेशानी हो सकती है।
  • जिसकी मुख्य वजह यह कि खट्टे पदार्थ जिगर या तिल्ली के रोग को और भी अधिक बढ़ा देते हैं। इसलिए इनसे जरूर बचें।
  • एक चुटकी नौसादर मूली की फंक में बुरक दें और इसे चीनी के बर्तन में बंद करके रात भर के लिए छोड़ दें। सुबह इसे छानकर केवल मूली के टुकड़ों को चबा चबा कर खाएं। इस उपाय को पंद्रह से बीस दिन नियमित करें।
चटनी
अदरक और थोड़ी प्याज और पुदीने के साथ मूली के मोगरे से चटनी बनाएं और इसे हमेशा भोजन के साथ सेवन करें। इससे जिगर का दर्द और सूजन दोनों ठीक होने लगेंगी।
सावधानियां
जब भी आपको यह लगे कि जिगर में दर्द व सूजन की दिक्कत हो रही है तो आप तुरंत तेज मसाले और मिर्च् का सेवन बंद कर दें।
अपना खाना संतुलित मात्रा में ही खाएं। यानि की सादा खाना खाएं।
रोग ठीक होने तक अत्यधिक मेहनत और उछल कूद वाले कामों से बचें।
जिगर की बीमारी कोई ला इलाज बीमारी नहीं है आपको बस थोड़ा परहेज करना है बस।

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