दिल के रोगियों को कई बार एक बार बाईपास सर्जरी के बाद दोबारा सर्जरी कराने की जरूरत पड़ती है। ऐसा अक्सर सर्जरी के बाद सावधानी न लेने के परिणामस्वरूप होता है। बाईपास सर्जरी में हृदय की धमनी में आये ब्लॉकेज को निकाला नहीं जाता, बल्कि हृदय को ब्लड पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है। बाईपास सर्जरी के बाद दवाएं लेने से ब्लॉकिंग की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, लेकिन रूकती नहीं है। बाईपास सर्जरी एक निश्चित समय तक ही काम आती है। और अगर बाईपास सर्जरी के बाद सावधानी के अभाव में हृदय की धमनी का ब्लॉकिंग और भी बढ़ जाती है तो दोबारा बाईपास की जरूरत पड़ती है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जोखिम कारकों को काबू में रखना जरूरी होता है। वजन, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल आदि को नियंत्रित कर इस स्थिति को टाला जा सकता है।
बाईपास सर्जरी के बाद देखभाल :
- आपको चिकित्सक या फिजीकल थेरेपिस्ट आपको सर्जरी के बाद एक्सरसाइज दिशा निर्देश देंगे। सर्जरी के बाद फिर से फिजीकल एक्टिविटी शुरू करने के लिए अस्पताल में कार्डियक पुनर्वास कार्यक्रम में भाग लें, जहां पर आप आश्वासन होगा कि आप हेल्थ प्रोफेशनल की नजरों के सामने है।
- धूम्रपान अर्टरी वॉल को नुकसान और कोरोनरी ध्मानी रोग का कारण बन दिल की धमनियों में रूकावट पैदा कर सकती है। हार्ट बाईपास सर्जरी दिल की बीमारी का इलाज नहीं करती, यह केवल गंभीर रूकावट को नजरअंदाज करती है। इसलिए धूम्रपान करने वाला को इसे छोड़ना चाहिए क्योंकि यह हृदय की प्रगाति को धीमा कर सकता है।
- धूम्रपान के साथ आहार में पोषक तत्वों की कमी भी हृदय रोग को जारी रखने में योगदान देता है। इसलिए अपनी डाइट में पोषक तत्वों को शामिल करें। हार्ट हेल्दी डाइट लें जो कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त और ट्रांस वसा में कम हो ताकी शरीर में धमनी की दीवारों पर पट्टिका के निर्माण को धीमा कर सकें।
- अगर वजन ज्यादा है तो उसे कम करने की कोशिश करें। रोजाना कम से कम 4 किमी टहलें।
- अगर डायबिटीज की समस्या है तो शुगर को नियंत्रित में रखने की कोशिश करें।
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें, अधिक वसा युक्त चीजों से बचें और कोलेस्ट्रॉल को काबू में रखें।
- मानसिक तनाव को कम करें।